थिम्पू:
भूटान में विपक्षी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) शनिवार को विजेता बनकर उभरी। शनिवार को ही हुए दूसरे संसदीय चुनाव में जनता ने पांच वर्ष के लिए पीडीपी के पक्ष में मतदान किया।
भूटान चुनाव आयोग के मुताबिक देश की 47 सदस्यीय नेशनल असेम्बली में पीडीपी ने 32 सीटों पर जीत हासिल की है जबकि द्रुक फुएन्सोम त्शोग्पा (डीपीटी) को मात्र 15 सीटें ही मिल पाई।
शनिवार को दूसरे चुनाव के दौरान 80 प्रतिशत मतदाताओं ने पूरे उत्साह के साथ अपने मताधिकार का प्रयोग किया। 2008 में भूटान लोकतांत्रिक देश बना। पिछले चुनाव में पीडीपी को मात्र दो सीटें मिली थी और डीपीटी ने 45 सीटों पर जीत हासिल की थी।
नेशनल काउंसिल या उच्च सदन की 25 सीटों के लिए चुनाव 23 अप्रैल को कराए जा चुके हैं। इस सदन के पांच सदस्य जहां भूटान नरेश द्वारा मनोनीत किया जाता है, वहीं 20 सदस्यों का चुनाव देश के 20 दजोन्गखागों या प्रशासनिक और न्यायिक जिलों से चुनकर आते हैं।
सभी 20 दजोन्गखागों से चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी निर्दलीय होते हैं क्योंकि नेशनल काउंसिल के सदस्य किसी भी राजनीतिक दल से संबद्ध नहीं हो सकते।
शनिवार को हुए मतदान के लिए भारत ने भूटान को करीब 2000 ईवीएम मुहैया कराया और भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त वीएस संपत को चुनाव प्रक्रिया की देखरेख के लिए आमंत्रित किया गया था।
भारत का केरोसिन और रसोई गैस पर रियायत वापस लिया जाना चुनाव का बड़ा मुद्दा रहा लेकिन भारत ने आश्वासन दिया है कि वह भूटान की जनता को किसी कठिनाई में फंसने देगी और नई सरकार के साथ रियात के मुद्दे पर बातचीत करेगी।
भूटान चुनाव आयोग के मुताबिक देश की 47 सदस्यीय नेशनल असेम्बली में पीडीपी ने 32 सीटों पर जीत हासिल की है जबकि द्रुक फुएन्सोम त्शोग्पा (डीपीटी) को मात्र 15 सीटें ही मिल पाई।
शनिवार को दूसरे चुनाव के दौरान 80 प्रतिशत मतदाताओं ने पूरे उत्साह के साथ अपने मताधिकार का प्रयोग किया। 2008 में भूटान लोकतांत्रिक देश बना। पिछले चुनाव में पीडीपी को मात्र दो सीटें मिली थी और डीपीटी ने 45 सीटों पर जीत हासिल की थी।
नेशनल काउंसिल या उच्च सदन की 25 सीटों के लिए चुनाव 23 अप्रैल को कराए जा चुके हैं। इस सदन के पांच सदस्य जहां भूटान नरेश द्वारा मनोनीत किया जाता है, वहीं 20 सदस्यों का चुनाव देश के 20 दजोन्गखागों या प्रशासनिक और न्यायिक जिलों से चुनकर आते हैं।
सभी 20 दजोन्गखागों से चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी निर्दलीय होते हैं क्योंकि नेशनल काउंसिल के सदस्य किसी भी राजनीतिक दल से संबद्ध नहीं हो सकते।
शनिवार को हुए मतदान के लिए भारत ने भूटान को करीब 2000 ईवीएम मुहैया कराया और भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त वीएस संपत को चुनाव प्रक्रिया की देखरेख के लिए आमंत्रित किया गया था।
भारत का केरोसिन और रसोई गैस पर रियायत वापस लिया जाना चुनाव का बड़ा मुद्दा रहा लेकिन भारत ने आश्वासन दिया है कि वह भूटान की जनता को किसी कठिनाई में फंसने देगी और नई सरकार के साथ रियात के मुद्दे पर बातचीत करेगी।
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