चीन के बेहिसाब तरीके से परमाणु हथियारों की गिनती को बढ़ाने का दावा करने वाली पेंटागन की रिपोर्ट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए बीजिंग ने इसे "पूर्वाग्रह से ग्रसित" करार दिया है और वॉशिंगटन पर खतरे को बढ़ा चढ़ा कर बताने का आरोप लगाया है.अमेरिका के रक्षा विभाग ने रिपोर्ट जारी कर यह कहा था कि चीन अनुमान से कहीं अधिक तेजी से अपनी परमाणु शक्ति में वृद्धि कर रहा है. अमेरिका की इस रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए चीनी विदेश मंत्रालय के वक्ता वांग वेंबिन ने कहा, "अमेरिका के रक्षा विभाग की ओर से जारी की गई रिपोर्ट में तथ्यों को नजरअंदाज किया गया है और यह पूर्वाग्रह से भरी हुई है. वॉशिंगटन इस रिपोर्ट का इस्तेमाल चीन को परमाणु खतरा दिखाने के लिए कर रहा है, जबकि अमेरिका खुद परमाणु खतरे का विश्व का सबसे बड़ा संकट है."
2030 तक चीन के परमाणु हथियारों की संख्या 1000 के ऊपर हो सकती है : पेंटागन
इससे पहले पेंटागन ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि आने वाले छह सालों में चीन के परमाणु हथियारों की संख्या बढ़कर 700 हो सकती है और 2030 तक यह संख्या बढ़कर 1000 के पार जा सकती है. हालांकि इस रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया था कि चीन के पास वर्तमान में कुल कितने परमाणु हथियार हैं. पेंटागन ने एक साल पहले कहा था कि चीन के पास करीब 200 परमाणु हथियार हैं और इस दशक के अंत तक इनकी गिनती दो गुना होने का अनुमान है.
चीन-पाक आर्थिक गलियारे को नुकसान पहुंचा रहा है अमेरिका : पाक अधिकारी
उधर अमेरिका की बात करें तो उनके पास वर्तमान में 3750 परमाणु हथियार हैं और फिलहाल अमेरिका इसे बढ़ाने के बारे में नहीं सोच रहा है. साल 2003 में अमेरिका के पास 10000 परमाणु हथियार थे, जिसे बाद में समझौतों और अन्य कारणों से अमेरिका ने यह संख्या घटा दी. चीन अमेरिका की बराबरी करने की कोशिश में जुटा है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं