प्रतीकात्मक तस्वीर
ढाका:
यहां के एक कैफे में कथित तौर पर इस्लामिक स्टेट के आतंकी हमले में मरने वालों में शामिल 20 वर्षीय एक बांग्लादेशी छात्र के पास सुरक्षित बाहर निकलने का विकल्प था क्योंकि हमलावरों ने उसे बाहर जाने को कह दिया था, लेकिन उसने भारतीय लड़की तारिषी जैन सहित अपने दोस्तों के साथ रहने का विकल्प चुना और बाद में वह मारा गया। फराज अयाज हुसैन नाम के इस छात्र की सोशल मीडिया पर खूब सराहना हो रही है और लोग उसे नायक करार दे रहे हैं ।
हुसैन अमेरिका के अटलांटा स्थित एमोरी यूनिवर्सिटी का छात्र था और गर्मियों की छुट्टियों में बांग्लादेश आया था । वह अपनी दो विदेशी मित्रों अमेरिकी नागरिक एवं एमोरी यूनिवर्सिटी की छात्रा अबिंता कबीर और भारतीय लड़की एवं यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, बर्कले की छात्रा तारिषी जैन के साथ होले आर्टिजन रेस्तरां पहुंचा था ।
हमले के दौरान मुक्त हुए एक बंधक के अनुसार जब हमलावरों को युवतियों की नागरिकता के बारे में पता चला तो उन्होंने उन्हें रिहा करने से मना कर दिया। उन्होंने हालांकि हुसैन को जाने की अनुमति दे दी। हुसैन ने अपनी मित्रों को छोड़ने से मना कर दिया और बाद में मारा गया ।
कारोबारी रेजाउल करीम के बेटे, बहू और उनके दो बच्चों को भी बंधक बना लिया गया था । रेजाउल ने डेली स्टार से कहा, ''मेरी बहू ने मुझे बताया कि उसने सुना था कि एक बांग्लादेशी युवक ने उस समय रेस्तरां से बाहर जाने से मना कर दिया जब आतंकवादियों ने उसे बाहर जाने की अनुमति दे दी थी।''
उन्होंने कहा, ''उन्होंने (आतंकवादियों) उसकी दो मित्रों को बाहर जाने की अनुमति नहीं दी थी।'' उललेखनीय है कि बांग्लादेश की राजधानी ढाका में राजनयिक क्षेत्र स्थित कैफे में इस्लामिक स्टेट के संदिग्ध आतंकवादियों ने एक जुलाई को 12 घंटे तक चले बंधक प्रकरण में 20 लोगों की हत्या कर दी थी।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
हुसैन अमेरिका के अटलांटा स्थित एमोरी यूनिवर्सिटी का छात्र था और गर्मियों की छुट्टियों में बांग्लादेश आया था । वह अपनी दो विदेशी मित्रों अमेरिकी नागरिक एवं एमोरी यूनिवर्सिटी की छात्रा अबिंता कबीर और भारतीय लड़की एवं यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, बर्कले की छात्रा तारिषी जैन के साथ होले आर्टिजन रेस्तरां पहुंचा था ।
हमले के दौरान मुक्त हुए एक बंधक के अनुसार जब हमलावरों को युवतियों की नागरिकता के बारे में पता चला तो उन्होंने उन्हें रिहा करने से मना कर दिया। उन्होंने हालांकि हुसैन को जाने की अनुमति दे दी। हुसैन ने अपनी मित्रों को छोड़ने से मना कर दिया और बाद में मारा गया ।
कारोबारी रेजाउल करीम के बेटे, बहू और उनके दो बच्चों को भी बंधक बना लिया गया था । रेजाउल ने डेली स्टार से कहा, ''मेरी बहू ने मुझे बताया कि उसने सुना था कि एक बांग्लादेशी युवक ने उस समय रेस्तरां से बाहर जाने से मना कर दिया जब आतंकवादियों ने उसे बाहर जाने की अनुमति दे दी थी।''
उन्होंने कहा, ''उन्होंने (आतंकवादियों) उसकी दो मित्रों को बाहर जाने की अनुमति नहीं दी थी।'' उललेखनीय है कि बांग्लादेश की राजधानी ढाका में राजनयिक क्षेत्र स्थित कैफे में इस्लामिक स्टेट के संदिग्ध आतंकवादियों ने एक जुलाई को 12 घंटे तक चले बंधक प्रकरण में 20 लोगों की हत्या कर दी थी।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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