बांग्लादेश में अंतरिम सरकार की बागडोर संभालने को तैयार हैं मोहम्मद यूनुस
नई दिल्ली:
शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद अब बांग्लादेश के नोबेल विजेता मुहम्मद यूनुस को सैन्य समर्थित अंतरिम सरकार का प्रमुख बनाने का फैसला किया गया है. आपको बता दें कि बीते कुछ महीनों से बांग्लादेश में सरकार विरोधी लहर चल रही थी. सरकार के खिलाफ विरोध को देखते हुए बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना अब देश छोड़कर जा चुकी हैं.
- शेख हसीना और उनकी सरकार का विरोध कर रहे छात्र नेताओं ने कल देर शाम सेना प्रमुख जनरल वेकर-उज़-ज़मां और राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन से मुलाकात की. इस मुलाकात के दौरान राष्ट्रपति कार्यालय में मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में देश में एक अंतरिम सरकार बनाने का निर्णय लिया गया .
- बांग्लादेशी सेना ने कई जनरलों को बदल दिया गया है. शेख हसीना के करीबी माने जाने वाले कुछ अधिकारियों को डिमोट भी किया गया है. रैपिड एक्शन बटालियन अर्धसैनिक बल के कमांडर जियाउल अहसन को बर्खास्त कर दिया है. वहीं पूर्व प्रधानमंत्री और बीएनपी अध्यक्ष 78 वर्षीय खालिदा जिया को भी कल वर्षों की नजरबंदी से रिहा कर दिया गया.
- अपने अधिकारों को लेकर मांग उठा रहे समूहों की तरफ से आरोप लगाया गया है कि शेख हसीना सरकार के इस्तीफे के बाद से सैकड़ों हिंदू घरों, व्यवसायों और मंदिरों में तोड़फोड़ की गई है.
- आपको बता दें कि शेख हसीना को नौकरियों में आरक्षण को लेकर हफ्तों तक चले विरोध प्रदर्शन के बाद बीते सोमवार शाम को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा. आरक्षण की मांग को लेकर हुए प्रदर्शन में 400 से अधिक लोगों की मौत की खबर है.
- शेख हसीना बांग्लादेश छोड़ने के बाद सोमवार को सेना के विमान से दिल्ली के पास हिंडन एयरबेस पर पहुंचीं. बताया जा रहा है कि वह अगले कुछ दिनों तक भारत में ही रहेंगी.
- सूत्रों के अनुसार ऐसी अटकलें लगाई जा रही थीं कि शेख हसीना शरण लेने के लिए लंदन जाना चाहती थीं, लेकिन उनके बेटे सजीब वाजेद ने अटकलों को खारिज कर दिया था. ब्रिटेन द्वारा उनके शरण के अनुरोध और अमेरिका द्वारा उनके वीजा को रद्द करने के बारे में कई रिपोर्टों के बारे में पूछे जाने पर, वाजेद ने कहा कि उनके शरण के अनुरोध के बारे में खबरें गलत हैं. उन्होंने कहीं भी शरण का अनुरोध नहीं किया है.
- विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कल कहा कि सरकार शेख हसीना को 'रिकवर करने' के लिए समय दे रही है और उन्हें अपने अगले कदम के बारे में बताएगी. उन्होंने कहा, "बहुत ही कम समय में, उन्होंने भारत आने के लिए मंजूरी का अनुरोध किया. हमें इसके साथ ही बांग्लादेश के अधिकारियों से भी रिक्वेस्ट प्राप्त हुआ था.
- एस जयशंकर ने कुछ दिन पहले सभी दलों के नेताओं को हिंसा प्रभावित बांग्लादेश की स्थिति और इस स्थिति के संभावित सुरक्षा,आर्थिक और राजनयिक प्रभावों से निपटने के लिए भारत सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में भी जानकारी दी थी.
- उन्होंने कहा था कि बांग्लादेश में हिंसा के बीच भारतीय नागरिकों और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार बांग्लादेशी सेना के संपर्क में है.
- आपको बता दें कि बांग्लादेश में सरकारी नौकरी में मिलने वाले आरक्षण को लेकर जून से ही लगातार प्रदर्शन हो रहे थे. तत्कालिन शेख हसीना सरकार की तमाम कोशिशों के बाद भी प्रदर्शन का दौर जारी रहा. आखिरकार शेख हसीना को बांग्लादेश में हो रहे प्रदर्शन को देखते हुए देश छोड़कर जाना पड़ा.