बांग्लादेश में लाखों रोहिंग्या शरणार्थी पहुंच गए हैं.
नई दिल्ली:
बांग्लादेश ने कहा है कि म्यांमार ने रोहिंग्या समुदाय के दस लाख लोगों को उसकी भूमि में धकेला है और वह ‘उकसावे’ के बावजूद शांतिपूर्ण तरीके से मुद्दे के हल के लिए प्रयास करेगा.
बांग्लादेश के विदेश सचिव शाहिद उल हक ने भारतीय आर्थिक सम्मेलन (आईईएस) में हिस्सा लेने के दौरान कहा, ‘‘ हाल में म्यांमार ने दस लाख रोहिंग्या को जो उनके खुद के नागरिक हैं, हमारी भूमि में धकेल दिया. हम अब भी संघर्ष कर रहे हैं. हम उकसावों के बावजूद उनके साथ लड़ाई में नहीं आए.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ हम इसको शांतिपूर्ण तरीके से हल करने की कोशिश कर रहे हैं... प्रधानमंत्री (शेख हसीना) सोचती हैं कि यह कुछ ऐसा है जो हम शांतिपूर्ण तरीके से हल करेंगे.’’
यह भी पढ़ें : रोहिंग्या समुदाय की त्रासदी : कैसा लगेगा, यदि आपके पैरों तले से जमीन खींच ली जाए?
बौद्ध बहुल म्यांमार में जातीय हिंसा के बाद बड़ी संख्या में रोहिंग्या बांग्लादेश पहुंचे हैं. भारत ने पिछले महीने बांग्लादेश राहत सामग्री पहुंचाई थी और मानवीय संकट से निपटने में ढाका की मदद का वादा किया था.
VIDEO : NDTV की ग्राउंड रिपोर्ट
आईईएस में कांग्रेस नेता ने ‘वन बेल्ट-वन रोड’ का मुद्दा उठाते हुए कहा कि अगर चीन चाहता है कि भारत प्रस्तावित परियोजना में शामिल हो इसके लिए उसे और करने की जरूरत है. उन्होंने भू राजनीतिक गतिशीलता और एशिया में आर्थिक पहलों पर चर्चा की.
(इनपुट भाषा से)
बांग्लादेश के विदेश सचिव शाहिद उल हक ने भारतीय आर्थिक सम्मेलन (आईईएस) में हिस्सा लेने के दौरान कहा, ‘‘ हाल में म्यांमार ने दस लाख रोहिंग्या को जो उनके खुद के नागरिक हैं, हमारी भूमि में धकेल दिया. हम अब भी संघर्ष कर रहे हैं. हम उकसावों के बावजूद उनके साथ लड़ाई में नहीं आए.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ हम इसको शांतिपूर्ण तरीके से हल करने की कोशिश कर रहे हैं... प्रधानमंत्री (शेख हसीना) सोचती हैं कि यह कुछ ऐसा है जो हम शांतिपूर्ण तरीके से हल करेंगे.’’
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आईईएस में कांग्रेस नेता ने ‘वन बेल्ट-वन रोड’ का मुद्दा उठाते हुए कहा कि अगर चीन चाहता है कि भारत प्रस्तावित परियोजना में शामिल हो इसके लिए उसे और करने की जरूरत है. उन्होंने भू राजनीतिक गतिशीलता और एशिया में आर्थिक पहलों पर चर्चा की.
(इनपुट भाषा से)