उकसावों के बावजूद म्यांमार के साथ लड़ाई नहीं शांतिपूर्ण तरीके से हल करने की कोशिश की जा रही जातीय हिंसा के बाद बड़ी संख्या में रोहिंग्या बांग्लादेश पहुंचे