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This Article is From Sep 05, 2022

Bangladesh की PM हसीना के साथ India नहीं आए विदेश मंत्री मोमेन, क्या China पर दिया बयान पड़ा भारी?

बांग्लादेशी मीडिया ने अपनी खबर में कहा कि नाम नहीं छापने की शर्त पर कई अधिकारियों के हवाले से बताया कि अलग-अलग समय पर अनुचित टिप्पणियां करने के कारण विदेश मंत्री की आलोचना हुई है.

Bangladesh की PM हसीना के साथ India नहीं आए विदेश मंत्री मोमेन, क्या China पर दिया बयान पड़ा भारी?
भारत की चार दिन यात्रा पर दिल्ली पहुंचीं हैं बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना

बांग्लादेश (Bangladesh) के विदेश मंत्री ए. के. अब्दुल मोमेन (FM A K Abdul Momen) अस्वस्थ होने के कारण प्रधानमंत्री शेख हसीना (PM Sheikh Hasina) के साथ भारत (India) नहीं गए. अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी. हालांकि, मीडिया में आई खबरों में कहा गया है कि मोमेन के हालिया आपत्तिजनक बयानों को लेकर उन्हें अंतिम क्षण में प्रतिनिधिमंडल से हटा दिया गया. प्रधानमंत्री हसीना भारत की चार दिवसीय राजकीय यात्रा पर सोमवार को भारत पहुंची हैं. इस दौरान वह बहुआयामी संबंधों को और मजबूत बनाने के लिए देश के शीर्ष नेतृत्व से मिलेंगी और जल प्रबंधन, रेलवे तथा विज्ञान और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में कम से कम सात द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगी.

यूएनबी वायर सर्विस ने 75 वर्षीय वरिष्ठ नेता के बारे में एक अधिकारी के हवाले से कहा, 'वह (मोमेन) अस्वस्थ महसूस कर रहे हैं. इसलिए वह प्रधानमंत्री के साथ नहीं गए.'

शिक्षा मंत्री दीपू मोनी ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि कोविड-19 से जुड़े एहतियात के चलते प्रधानमंत्री के साथ यात्रा करने वाले समूह से किसी को भी हटाया जा सकता है.

अस्वस्थ रहने के कारण मोमेन को प्रतिनिधिमंडल से हटाए जाने के बारे में पूछे जाने पर शिक्षा मंत्री ने कहा, 'शब्दों का चयन एक खतरनाक चीज है. आपने कहा (मोमेन को) हटा दिया गया है. यदि आप कारण जानते हैं, तो आप कह सकते हैं कि क्या उन्हें (प्रधानमंत्री के साथ यात्रा करने वाले समूह से) हटा दिया गया था, या वह किसी खास कारण से नहीं जा सके थे.''

विदेश मंत्रालय के सूत्रों का हवाला देते हुए, समाचार पत्र प्रोथोम अलो ने कहा कि प्रधानमंत्री के साथ यात्रा करने वाले समूह के सदस्यों की सूची से विदेश मंत्री का नाम अंतिम समय में बाहर किया गया.

अखबार ने अपनी खबर में कहा कि नाम नहीं छापने की शर्त पर मंत्रालय के कई अधिकारियों ने बताया कि अलग-अलग समय पर अनुचित टिप्पणियां करने के कारण विदेश मंत्री की आलोचना हुई है.

अखबार की खबर में कहा गया है कि ऐसा अंदेशा है कि विदेश मंत्री को इस वजह से प्रधानमंत्री के साथ यात्रा करने वाले समूह से बाहर रखा गया. उदाहरण के तौर पर द हिंदू अखबार की एक खबर बताती है कि   साल की शुरुआत में बांग्लादेश के विदेश मंत्री एके अब्दुल मोमेन ने सवाल उठाया था कि क्या क्वाड देश बांग्लादेश को उस तरह का कर्ज दे सकते हैं जो चीन देता है? इसे लेकर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जवाब दिया था कि कर्ज लेने की कोशिश कर रहे देशों को अपने ऐसे निर्माण प्रोजक्ट्स को देखना चाहिए जिन्हें वहन नहीं किया जा सकता. वो अपने एयरपोर्ट्स को देखें जो खाली पड़े हैं.  

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