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This Article is From Sep 12, 2017

रोहिंग्या मुस्लिमों को सुदूर द्वीप पर बसाने की योजना पर काम कर रहा है बांग्लादेश

म्यामांर में हिंसा के बाद हजारों रोहिंग्या मुस्लिम भागकर बांग्लादेश आ गए. लेकिन मजबूरी में रोहिंग्या मुस्लिमों को बांग्लादेश के सुदूर द्वीप पर बसना पड़ सकता है.

रोहिंग्या मुस्लिमों को सुदूर द्वीप पर बसाने की योजना पर काम कर रहा है बांग्लादेश
फाइल फोटो
  • रोहिंग्या मुस्लिमों को बांग्लादेश के सुदूर द्वीप पर बसना पड़ सकता है
  • इस द्वीप पर हर साल बाढ आती है
  • शरणार्थियों को द्वीप पर बसाने हेतु बांग्लादेश ने मांगी अंतरराष्ट्रीय मदद
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ढाका: म्यामांर में हिंसा के बाद हजारों रोहिंग्या मुस्लिम भागकर बांग्लादेश आ गए. लेकिन मजबूरी में रोहिंग्या मुस्लिमों को बांग्लादेश के उस सुदूर द्वीप पर बसना पड़ सकता है, जिस पर हर साल बाढ़ आती है. बांग्लादेश सरकार ने रोहिंग्या मुस्लिमों को उस द्वीप पर पहुंचाने के लिए अंतरराष्ट्रीय मदद की अपील की है, क्योंकि म्यामांर के रखाइन प्रांत में सैन्य कार्रवाई के बाद से गरीबी से जूझ रहे बांग्लादेश में बड़ी संख्या में रोहिंग्या मुस्लिम शरण की आस में पहुंच रहे हैं और उन्हें बसाने को लेकर अधिकारियों को संकट का सामना करना पड़ रहा है.

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रखाइन प्रांत में बीते 25 अगस्त से शुरू हुए हिंसा के नये दौर के बाद से बांग्लादेश में तीन लाख से अधिक रोहिंग्या लोग आ गये हैं. लगभग तीन लाख शरणार्थी पहले से ही म्यामांर सीमा के निकट कॉक्स बाजार जिले में संयुक्त राष्ट्र के शिविरों में रह रहे हैं. म्यामांर से बड़ी संख्या में शरणार्थियों के आने पर बांग्लादेश के अधिकारियों को और शिविर बनाने के लिए स्थान खोजने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. रोहिंग्या नेताओं और संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों के अनिच्छुक होने के बावजूद बांग्लादेश के अधिकारी गैर आबादी वाले थेनगार छार द्वीप पर भी शिविर बनाने पर विचार कर रहे हैं. इस द्वीप का हाल में नाम बदलकर भासान छार किया गया था.

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अधिकारियों ने रोहिंग्या शरणार्थियों को वहां बसाने का प्रस्ताव सबसे पहले वर्ष 2015 में दिया था, इसकी वजह यह थी कि और शरणार्थियों के आने से कॉक्स बाजार के शिविर ठसाठस भर गए थे. लेकिन उन खबरों के मद्देनजर योजना रद्द कर दी गई थी कि बाढ़ आते रहने के कारण वह द्वीप बसने योग्य नहीं है.

VIDEO: रोहिंग्या मुसलमानों का मानवाधिकार हनन
सरकार रोहिंग्या लोगों को शरण देने के लिए नए स्थान की तलाश कर रही है. इसमें, म्यामांर सीमा के निकट कॉक्स बाजार के करीब दो हजार एकड़ (800 हेक्टेयर) क्षेत्र में एक नया शिविर स्थापित करने की भी योजना है, जिसमें लगभग दो लाख 50 हजार रोहिंग्या मुस्लिम रह सकेंगे. बता दें कि प्रधानमंत्री शेख हसीना मंगलवार को इस स्थल का दौरा करेंगी.
(इनपुट भाषा से)

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