बांग्लादेश की नई अंतरिम सरकार ने रविवार को कहा कि वह शेख हसीना के जाने के बाद हिंदुओं और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हुए हमलों को रोकने के लिए काम कर रही है. बांग्लादेश में हिंदू सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समुदाय है और उन्हें हसीना की पार्टी अवामी लीग का समर्थक माना जाता है. इसी कारण उन पर शेख हसीना के जाने के बाद हमले बढ़ गए हैं. बढ़ते हमलों को देखते हुए वहां के हिंदुओं ने एकजुट होकर एक बड़ी रैली निकाली थी.
हिंदुओं पर क्या कहा?
एएफपी के अनुसार, बांग्लादेश की अंतरिम कैबिनेट ने अपनी नियुक्ति के बाद अपने पहले आधिकारिक बयान में कहा, "कुछ स्थानों पर धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हमले गंभीर चिंता के साथ देखे गए हैं." कैबिनेट ने कहा कि वह "ऐसे जघन्य हमलों को हल करने के तरीके खोजने के लिए तुरंत प्रतिनिधि निकायों और अन्य संबंधित समूहों के साथ बैठेगी." इसके साथ ही नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली सरकार ने उन प्रदर्शनकारियों के परिवारों के लिए समर्थन का आदेश दिया, जो हसीना के खिलाफ आंदोलन के साथ समाप्त होने वाले प्रदर्शनों के दौरान मारे गए थे.
किन्हें मिलेगा मुआवजा?
सरकार की ओर से आंदोलन की तरफ से हिंसा में मारे गए लोगों को मुआवजा दिया जाएगा. इस हिंसा में पुलिस के हाथों करीब 450 से अधिक लोगों की मौत हुई है. हालांकि, हिंदुओं और अल्पसंख्यकों के खिलाफ हुई हिंसा के लिए मुआवजे देने की बात अंतरिम सरकार की तरफ से नहीं की गई है.
आगे क्या करेगी सरकार?
परिषद ने यह भी कहा कि वह सप्ताह के अंत तक राजधानी ढाका में मेट्रो प्रणाली को फिर से खोल देगी और जल्द ही एक नया केंद्रीय बैंक गवर्नर नियुक्त करेगी. इससे पहले आज दिन में देश के मुख्य न्यायाधीश को पद की शपथ दिलाई गई. नए चीफ जस्टिस सैयद रेफत अहमद ने ढाका विश्वविद्यालय, ऑक्सफोर्ड और टफ्ट्स विश्वविद्यालय से पढ़ाई की है. शनिवार को ही पिछले चीफ जस्टिस ओबैदुल हसन को पद छोड़ने को छात्रों ने मजबूर कर दिया था.
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