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भारत के किस राज्य में हैं सबसे ज्यादा घुसपैठिए? जानें क्या है पीएम मोदी का डेमोग्राफी मिशन

Infiltrators In India: बिहार से पीएम मोदी ने कहा, देश में घुसपैठियों की बढ़ती संख्या चिंता का विषय है. बिहार के सीमावर्ती जिलों में तेजी से डेमोग्राफी बदल रही है.

भारत के किस राज्य में हैं सबसे ज्यादा घुसपैठिए? जानें क्या है पीएम मोदी का डेमोग्राफी मिशन
पीएम मोदी ने तेजी से बदलती डेमोग्राफी का किया जिक्र
  • प्रधानमंत्री मोदी ने अवैध घुसपैठियों की बढ़ती संख्या को लेकर डेमोग्राफी मिशन शुरू करने की घोषणा की है
  • भारत में लगभग दो करोड़ बांग्लादेशी अवैध रूप से रह रहे हैं, जो ऑस्ट्रेलिया की आबादी के बराबर है
  • पश्चिम बंगाल में सबसे अधिक अवैध प्रवासी हैं, जिनकी संख्या 57 लाख से अधिक बताई गई है
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PM Modi Demography Mission: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को भारत में मौजूद घुसपैठियों का जिक्र किया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि ये घुसपैठिए भारत के नौजवानों की नौकरी छीन रहे हैं. अब यही बात पीएम ने बिहार के गयाजी में भी दोहराई, साथ ही बताया कि कैसे डेमोग्राफी बदल रही है. उन्होंने इससे निपटने के लिए डेमोग्राफी मिशन शुरू करने की भी बात कही. ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि पीएम ने किस ओर इशारा किया और किस राज्य में अवैध घुसपैठियों की समस्या सबसे विक्राल होती जा रही है. 

भारत में कुल कितने अवैध प्रवासी?

साल 2016 में सरकार की तरफ से बांग्लादेशी घुसपैठियों को लेकर जानकारी दी गई थी. जिसमें केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि भारत में लगभग 2 करोड़ बांग्लादेशी अवैध रूप से रह रहे हैं, जो ऑस्ट्रेलिया की पूरी आबादी के बराबर है. इससे पहले यूपीए सरकार ने 2004 में 1.2 करोड़ का आंकड़ा दिया था. ये आंकड़ा सिर्फ सिर्फ बांग्लादेशी घुसपैठियों का है, जबकि म्यांमार, नेपाल और बाकी देशों से भी अवैध तरीके से लोग भारत आते हैं. अब 2025 तक ये आंकड़ा काफी ज्यादा हो सकता है. 

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किन राज्यों में हैं सबसे ज्यादा अवैध लोग?

अब अगर राज्यों की बात करें तो पश्चिम बंगाल में सबसे ज्यादा ऐसे लोग हैं, जो बिना किसी वैध दस्तावेज के यहां रह रहे हैं. यहां ऐसे लोगों की संख्या 57 लाख से भी ज्यादा बताई गई थी. इसके बाद दूसरे नंबर पर असम आता है, जहां अवैध घुसपैठियों की संख्या करीब 50 लाख बताई गई. यही वजह है कि असम में National Register of Citizens (NRC) चलाया गया. जिसमें अवैध प्रवासियों की पहचान की गई. जब एनआरसी की फाइनल लिस्ट जारी हुई तो इससे 19 लाख लोग बाहर हो गए और उनकी नागरिकता पर सवाल खड़े हो गए. 

साल 2004 गृह राज्य मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने ये आंकड़े जारी किए थे. जिसमें ये भी बताया गया था कि अन्य 17 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कुल 1,20,53,950 अवैध बांग्लादेशी प्रवासी मौजूद हैं. इसके बाद मोदी सरकार ने 2016 में जो आंकड़े दिए उनमें से संख्या करीब 80 लाख ज्यादा बताई गई थी.

देश से वापस भेजे गए इतने बांग्लादेशी

  • 2011 में 6761 बांग्लादेशियों को भारत से वापस भेजा गया
  • 2012 में 6537 बांग्लादेशी भारत से वापस भेजे गए
  • 2013 में 5234 लोगों को वापस उनके देश भेज दिया गया
  • 2014 में कुल 989 लोग बांग्लादेश वापस भेजे गए
  • 2015 में 474 लोगों को वापस भेजा गया
  • साल 2016 में 308 और 2017 में 51 लोग बांग्लादेश भेजे गए

क्या है पीएम मोदी का डेमोग्राफी मिशन?

शुक्रवार 22 अगस्त को बिहार से पीएम मोदी ने कहा, देश में घुसपैठियों की बढ़ती संख्या चिंता का विषय है. बिहार के सीमावर्ती जिलों में तेजी से डेमोग्राफी बदल रही है. इसलिए एनडीए सरकार ने तय किया है कि देश का भविष्य घुपैठियों को नहीं तय करने देंगे. घुसपैठियों को बिहार के युवाओं के रोजगार नहीं छीनने देंगे. इस खतरे से निपटने के लिए मैंने डेमोग्राफी मिशन शुरू करने की बात कही है, बहुत जल्द ये मिशन अपना काम शुरू करेगा. हम हर घुसपैठिए को देश से बाहर करके ही रहेंगे. यानी मोदी सरकार अवैध रूप से भारत आए लोगों के खिलाफ एक नया अभियान छेड़ने जा रही है.

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