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बांग्लादेश में हसीना और युनूस समर्थकों में खूनी संघर्ष, 4 की मौत, सेना ने सड़क पर उतारे टैंक

बांग्लादेश में हालात फिर बिगड़ने लगे हैं. बांग्लादेश संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान के जन्मस्थान गोपालगंज में शेख हसीना समर्थकों से हुई झड़प में चार लोगों की मौत हुई है.

बांग्लादेश में हसीना और युनूस समर्थकों में खूनी संघर्ष, 4 की मौत, सेना ने सड़क पर उतारे टैंक
Bangladesh Violence
ढाका:

बांग्लादेश में हालात फिर बिगड़ने लगे हैं. बुधवार को शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग की छात्र इकाई और अंतरिम सरकार में प्रधानमंत्री मोहम्मद युनूस के समर्थकों के बीच गोपालगंज इलाके में खूनी झड़प देखने को मिली. इसमें चार लोगों की मौत हो गई और दर्जन भर से ज्यादा घायल हैं. हालात बेकाबू होता देख सेना ने टैंकों के साथ इलाके में मोर्चा संभाल लिया है. गोपालगंज बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबर रहमान का जन्मस्थान है.  जानकारी के मुताबिक, नेशनल सिटीजन पार्टी ने गोपालगंज में रैली का आयोजन किया था, जहां हालात हिंसक हो गए. हिंसा के बाद इलाके में कर्फ्यू लगा दिया गया है. पुलिस के अलावा अर्धसैनिक बलों को भी तैनात किया गया है. भारत में निर्वासित शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग ने युनूस सरकार पर उपद्रवियों के जरिये खूनखराबा कराने का आरोप लगाया है. 

हिन्दू बहुल इलाके गोपालगंज में हुई हिंसा को लेकर मोहम्मद युनूस सरकार ने कड़े तेवर अपनाए हैं.हिंसाग्रस्त इलाके में कर्फ्यू के बीच पैरामिलिट्री जवानों को तैनात किया गया है. युनूस सरकार ने खूनखराबे के लिए अवामी लीग को जिम्मेदार ठहराया है. जबकि शेख हसीना समर्थकों ने कहा है कि युनूस सरकार ने पार्टी कार्यकर्ताओं पर हमला बोला है.

बांग्लादेश के गोपालगंज में झड़प शेख हसीना समर्थकों और नेशनल सिटीजंस पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच हुई है.आरोप है कि एनसीपी की रैली में शेख हसीना की पार्टी के समर्थकों ने हमला किया. अवामी लीग की छात्र इकाई बांग्लादेश छात्र लीग पर हिंसा भड़काने का आरोप लगा है. इसके बाद झड़प हो गई. शेख हसीना समर्थकों ने मोहम्मद यूनुस सरकार के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिए. पुलिस की गोलीबारी में 4 लोग मारे गए हैं. 

शेख हसीना समर्थक-विरोधी आमने-सामने
नेशनल सिटीजंस पार्टी को शेख हसीना के तख्तापलट में अहम भूमिका निभाई थी. अवामी लीग सरकार के दौरान छात्रों और कट्टरपंथियों के इस समूह ने बड़ा आंदोलन खड़ा किया था. फिर युनूस सरकार आने के बाद उसने एनसीपी नाम से पार्टी बना ली. एनसीपी के संस्थापक नाहिद इस्लाम हैं, जो युनूस के सलाहकार रह चुके हैं. गोपालगंज में शेख हसीना का पुराना घर भी है. यहां बंगबधु शेख मुजीबुर्ररहमान का मेमोरियल भी बनाया गया है. 

बताया जाता है कि एनसीपी समर्थकों ने रैली के दौरान शेख हसीना और मुजीबुर्रहमान के खिलाफ नारेबाजी की. नारेबाजी के बाद दोनों गुटों में झड़प हो गई और बवाल बढ़ने के बाद पुलिस को फायरिंग का सहारा लेना पड़ा. सेना को भी मोर्चा संभालना पड़ा और वो टैंकों के साथ सड़क पर उतरी. शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग की राजनीतिक गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा हुआ है. 

मोहम्मद यूनुस भड़के
अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने कहा, बांग्लादेश में आंदोलन की बरसी पर आयोजित रैली में हिंसा करना शर्मनाक है.अपराधियों की जल्द से जल्द पहचान कर जिम्मेदार ठहराया जाएगा. छात्रों की हिम्मत की दाद देनी होगी, जिन्होंने हिंसा के बावजूद रैली की और संयम बनाए रखा.
 

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