ढाका:
बांग्लादेश की राजधानी ढाका के बाहरी इलाके में 8 मंजिला इमारत गिरने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 290 हो गई है और मलबे में फंसे कुछ जिंदा लोगों को बाहर निकालने का प्रयास जोर-शोर से जारी है।
दमकल विभाग के एक अधिकारी ने बताया, अब तक हमने 290 शव निकाले हैं और करीब 2100 लोगों को जिंदा बचाया है। अब हम मलबे के भीतर जिंदा बचे आखिरी कुछ लोगों की तलाश कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि मलबे के अंदर अभी कम से कम 24 लोगों के जिंदा होने की संभावना है और बचावकर्मियों ने उन्हें सुरक्षित निकालने के प्रयास तेज कर दिए हैं।
पुलिस ने बताया कि गुरुवार रात निकाले गए दो जिंदा लोग औद्योगिक पुलिस इकाई के लापता जासूस हैं, जो इमारत में दरार पड़ने के बाद इसकी जांच के लिए इमारत के भीतर गए थे। इससे पहले राहत एवं बचाव अभियान की निगरानी कर रहे मेजर जनरल अबू हसन सरवरदी ने कहा था कि बचावकर्मी एक और दिन जिंदा लोगों की तलाश करेंगे, क्योंकि उन लोगों के 72 घंटे तक बचे रहने की संभावना है।
उन्होंने कहा कि मलबे में दबे लोगों को ढूंढने में सेना और अग्निशमन विभाग के प्रशिक्षित बचावकर्मी लगातार प्रयास कर रहे हैं। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि मलबे के पास जुटे लोग हिंसक हो उठे, क्योंकि मलबे के नीचे दबे उनके रिश्तेदारों से उनका फोन संपर्क टूट गया। उन्हें काबू करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल करना पड़ा।
दमकल विभाग के एक अधिकारी ने बताया, अब तक हमने 290 शव निकाले हैं और करीब 2100 लोगों को जिंदा बचाया है। अब हम मलबे के भीतर जिंदा बचे आखिरी कुछ लोगों की तलाश कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि मलबे के अंदर अभी कम से कम 24 लोगों के जिंदा होने की संभावना है और बचावकर्मियों ने उन्हें सुरक्षित निकालने के प्रयास तेज कर दिए हैं।
पुलिस ने बताया कि गुरुवार रात निकाले गए दो जिंदा लोग औद्योगिक पुलिस इकाई के लापता जासूस हैं, जो इमारत में दरार पड़ने के बाद इसकी जांच के लिए इमारत के भीतर गए थे। इससे पहले राहत एवं बचाव अभियान की निगरानी कर रहे मेजर जनरल अबू हसन सरवरदी ने कहा था कि बचावकर्मी एक और दिन जिंदा लोगों की तलाश करेंगे, क्योंकि उन लोगों के 72 घंटे तक बचे रहने की संभावना है।
उन्होंने कहा कि मलबे में दबे लोगों को ढूंढने में सेना और अग्निशमन विभाग के प्रशिक्षित बचावकर्मी लगातार प्रयास कर रहे हैं। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि मलबे के पास जुटे लोग हिंसक हो उठे, क्योंकि मलबे के नीचे दबे उनके रिश्तेदारों से उनका फोन संपर्क टूट गया। उन्हें काबू करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल करना पड़ा।
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