ढाका:
बांग्लादेश में कट्टरपंथी जमात-ए-इस्लामी पार्टी के एक पूर्व सांसद को 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान मानवता के खिलाफ युद्ध अपराध के लिए एक विशेष न्यायाधिकरण ने मृत्युदंड सुनाया और सात अन्य को मौत तक जेल की सजा सुनायी।
अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने अपहरण, बंधक बनाने, यातना और हत्या के आरोपों में जेसोर जिले के पूर्व सांसद सखावत हुसैन को मौत की सजा सुनायी।
‘ढाका ट्रिब्यून’ के मुताबिक, न्यायमूर्ति अनवारूल हक की अध्यक्षता में बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी-बीडी) के न्यायाधीशों के तीन सदस्यीय पैनल ने कहा कि फांसी या गोली मारकर उड़ाने वाले दस्ते से मृत्युदंड की तामील कराई जा सकती है।
हुसैन उस समय जमात-ए-इस्लामी पार्टी की छात्र इकाई इस्लामी छात्र संघ के केंद्रीय कमेटी का सदस्य था और उसपर पाकिस्तानी सैनिकों के सहयोगी एक समूह के स्थानीय कमांडर के इशारे पर काम करने का इल्जाम था।
उसने जमात-ए-इस्लामी छोड़ दी और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की अगुवाई वाली बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी में शामिल हो गया। अदालती मामलों के वक्त वह हुसैन मोहम्मद इरशाद के नेतृत्व वाली जटिया पार्टी में शामिल था। हुसैन को 2014 में गिरफ्तार किया गया। बाकी सात दोषियों को जीवन भर जेल में रहना होगा। उन पर अपहरण, बंधक बनाकर रखना, यातना, बलात्कार और हत्या का आरोप है।
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने अपहरण, बंधक बनाने, यातना और हत्या के आरोपों में जेसोर जिले के पूर्व सांसद सखावत हुसैन को मौत की सजा सुनायी।
‘ढाका ट्रिब्यून’ के मुताबिक, न्यायमूर्ति अनवारूल हक की अध्यक्षता में बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी-बीडी) के न्यायाधीशों के तीन सदस्यीय पैनल ने कहा कि फांसी या गोली मारकर उड़ाने वाले दस्ते से मृत्युदंड की तामील कराई जा सकती है।
हुसैन उस समय जमात-ए-इस्लामी पार्टी की छात्र इकाई इस्लामी छात्र संघ के केंद्रीय कमेटी का सदस्य था और उसपर पाकिस्तानी सैनिकों के सहयोगी एक समूह के स्थानीय कमांडर के इशारे पर काम करने का इल्जाम था।
उसने जमात-ए-इस्लामी छोड़ दी और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की अगुवाई वाली बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी में शामिल हो गया। अदालती मामलों के वक्त वह हुसैन मोहम्मद इरशाद के नेतृत्व वाली जटिया पार्टी में शामिल था। हुसैन को 2014 में गिरफ्तार किया गया। बाकी सात दोषियों को जीवन भर जेल में रहना होगा। उन पर अपहरण, बंधक बनाकर रखना, यातना, बलात्कार और हत्या का आरोप है।
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