उरी में आतंकवादी हमला...
वाशिंगटन:
एक शीर्ष अमेरिकी थिंक टैंक ने कहा है कि आतंकवादियों को गिरफ्तार करने, उनके प्रशिक्षण शिविर बंद करने सहित अन्य अहम कदम उठाना पाकिस्तान पर निर्भर है ताकि तनाव दूर हो सके, क्योंकि भारत 18 सैनिकों की जान लेने वाले उरी आतंकी हमले का जवाब देने के विकल्पों पर विचार कर रहा है.
‘द हैरिटेज फाउंडेशन’ की लीजा कर्टिस ने कहा, तनाव तत्काल दूर करने के लिए गेंद अब पाकिस्तान के पाले में है. आतंकी नेताओं की गिरफ्तारी, उनके प्रशिक्षण शिविर बंद करने जैसे ठोस कदम ही भारत (और पूरी दुनिया) को यह समझा पाएंगे कि इस्लामाबाद अपने पड़ोसियों के खिलाफ आतंकी हमलों के लिए अपने भूभाग का इस्तेमाल किए जाने से रोकने के लिए पूरी तरह गंभीर है. कर्टिस ने चेतावनी दी कि भारत की ओर से अगर सैन्य प्रतिक्रिया हुई तो पाकिस्तानी भूभाग में मौजूद आतंकवाद के प्रशिक्षण शिविर निशाना बन सकते है लेकिन ऐसे हमलों से सैन्य जमावड़ा बढ़ेगा और युद्ध जैसे हालात बनेंगे.
उन्होंने कहा, तथ्य यह हैं कि पाकिस्तान वर्ष 2008 में हुए मुंबई हमलों के आठ साल बाद भी इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ मुकदमा चलाने में नाकाम रहा है जबकि उसने सीमा पार से आतंकवाद को सहयोग न देने का दावा किया था. इस बीच ‘द वाल स्ट्रीट’ जर्नल ने कहा कि उसके संवाददाता ने पंजाब के बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालय का दौरा किया और पाया कि यह आतंकी समूह वहां से अपनी गतिविधियां निर्बाध रूप से चला रहा है. गौरतलब है कि पाकिस्तान ने वर्ष 2002 में जैश ए मोहम्मद पर आधिकारिक तौर पर प्रतिबंध लगा दिया था.
‘द वाल स्ट्रीट’ के अनुसार, पाकिस्तानी प्राधिकारियों का कहना है कि इस प्रांत में आतंकवादियों का कोई सुरक्षित ठिकाना ही नहीं है. रविवार को उत्तर कश्मीर के उरी शहर में सशस्त्र आतंकवादियों ने सेना की एक बटालियन के मुख्यालय पर हमला किया, जिसमें 18 जवान शहीद हो गए और दर्जनभर से अधिक घायल हो गए. इस हमले में शामिल चारों आतंकियों को सेना ने मार गिराया.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
‘द हैरिटेज फाउंडेशन’ की लीजा कर्टिस ने कहा, तनाव तत्काल दूर करने के लिए गेंद अब पाकिस्तान के पाले में है. आतंकी नेताओं की गिरफ्तारी, उनके प्रशिक्षण शिविर बंद करने जैसे ठोस कदम ही भारत (और पूरी दुनिया) को यह समझा पाएंगे कि इस्लामाबाद अपने पड़ोसियों के खिलाफ आतंकी हमलों के लिए अपने भूभाग का इस्तेमाल किए जाने से रोकने के लिए पूरी तरह गंभीर है. कर्टिस ने चेतावनी दी कि भारत की ओर से अगर सैन्य प्रतिक्रिया हुई तो पाकिस्तानी भूभाग में मौजूद आतंकवाद के प्रशिक्षण शिविर निशाना बन सकते है लेकिन ऐसे हमलों से सैन्य जमावड़ा बढ़ेगा और युद्ध जैसे हालात बनेंगे.
उन्होंने कहा, तथ्य यह हैं कि पाकिस्तान वर्ष 2008 में हुए मुंबई हमलों के आठ साल बाद भी इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ मुकदमा चलाने में नाकाम रहा है जबकि उसने सीमा पार से आतंकवाद को सहयोग न देने का दावा किया था. इस बीच ‘द वाल स्ट्रीट’ जर्नल ने कहा कि उसके संवाददाता ने पंजाब के बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालय का दौरा किया और पाया कि यह आतंकी समूह वहां से अपनी गतिविधियां निर्बाध रूप से चला रहा है. गौरतलब है कि पाकिस्तान ने वर्ष 2002 में जैश ए मोहम्मद पर आधिकारिक तौर पर प्रतिबंध लगा दिया था.
‘द वाल स्ट्रीट’ के अनुसार, पाकिस्तानी प्राधिकारियों का कहना है कि इस प्रांत में आतंकवादियों का कोई सुरक्षित ठिकाना ही नहीं है. रविवार को उत्तर कश्मीर के उरी शहर में सशस्त्र आतंकवादियों ने सेना की एक बटालियन के मुख्यालय पर हमला किया, जिसमें 18 जवान शहीद हो गए और दर्जनभर से अधिक घायल हो गए. इस हमले में शामिल चारों आतंकियों को सेना ने मार गिराया.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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