यूनान में पेंशन ना मिलने की वजह से रोते हुए जियोरगोस (फोटो सौजन्य - एएफपी)
सिडनी:
यूनान के कर्ज़ संकट की वजह से कई लोगों को अपनी पेंशन के लिए एक लंबा इंतज़ार करना पड़ रहा है। एएफपी के फोटोग्राफर ने ऐसे ही एक बुज़ुर्ग की तस्वीर अपने कैमरे में कैद कर ली जो उन्हें एक यूनानी बैंक के बाहर बैठकर रोते हुए दिखाई दिए। पूरी दुनिया में देखी गई इस तस्वीर पर जब एक ऑस्ट्रेलियाई की नज़र पड़ी तो उसने फ्लाइट पकड़कर इस बुजुर्ग की मदद के लिए जाने का फैसला किया।
दरअसल सत्तर साल के जियोरगोस तब फूट फूट कर रो पड़े जब यूनान के चार अलग अलग वित्तीय संस्थानों ने उनकी पत्नी की 120 युरो (करीब आठ हज़ार रुपए) की पेंशन को निकालने से मना कर दिया।
एएफपी की ये तस्वीर पूरी दुनिया के सामने यूनान के कर्ज़ संकट का वह चेहरा सामने लेकर आई जिसने वहां के आम लोगों की जिंदगी पर भी बहुत बुरा असर डाला है। मामले में मोड़ तब आया जब ऑस्ट्रेलिया की एक वित्तिय कंपनी के सीईओ जेम्स कोफोज़ को ये तस्वीर अपने एक पिता के दोस्त से मिलती जुलती लगी। फेसबुक पर यूनान में रह रही अपनी मां से बात करते हुए जेम्स ने जब इस तस्वीर का ज़िक्र किया तो उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि ये तस्वीर उनके पिता के दोस्त की ही है।
एएफपी से बात करते हुए जेम्स ने कहा कि उन्होंने अपनी मां से उस आदमी को ढूंढने के लिए कहा ताकि जल्द से जल्द उन तक मदद पहुंचाई जाए।
साथ ही उन्होंने फेसबुक पर भी जियोरगोस को ढूंढने के लिए एक अपील पोस्ट की है। यही नहीं इस तस्वीर ने जेम्स को इतना हिला दिया कि उन्होंने एक ट्रस्ट फंड की शुरुआत कर दी जिसमें कोई भी योगदान दे सकता है। रविवार को जेम्स अपने इस परिचित से मिलने के लिए यूनान के लिए निकलेंगे।
उन्होंने कहा “हम उन्हें सरप्राइज़ करना चाहते हैं । कुछ रकम हम उन्हें अभी देंगे साथ में हम कंपनियों से भी कुछ मदद की अपील कर रहे हैं।” जेम्स का कहना है कि वह जियोरगोस जैसे कई और लोगों की मदद करना चाहते हैं।
ग़ौरतलब है कि ऑस्ट्रेलिया में यूनान से आए कई प्रवासियों का बसेरा है। एथेन्स और थेसालोनिकी के बाद मेलबर्न दुनिया का तीसरा शहर है जहां सबसे ज्यादा यूनानी बोलने वाली जनसंख्या रहती है। यूनान से ही ताल्लुक रखने वाले जेम्स ने कहा कि अपने आप में पूरी कहानी बयां कर देने वाली ऐसी तस्वीरों को देखकर वह काफी भावुक हो जाते हैं। जेम्स मानते हैं कि ऐसी तस्वीरें उन जैसे कई लोगों के दिल पर गहरी छाप छोड़ जाती हैं।
यूरोज़ोन ने कर्ज संकट से जूझ रहे यूनान को नए प्रस्ताव पेश करने के लिए गुरुवार तक का समय दिया है ताकि कर्ज़दाताओं के साथ उसका एक निश्चित समझौता हो जाए। मंगलवार को ब्रसेल्स में यूरोज़ोन के नेताओं की आपात बैठक में यह फैसला लिया गया। अब रविवार को यूरोपीय संघ के सारे 28 सदस्यों की बैठक इसी मुद्दे पर होगी।
दरअसल सत्तर साल के जियोरगोस तब फूट फूट कर रो पड़े जब यूनान के चार अलग अलग वित्तीय संस्थानों ने उनकी पत्नी की 120 युरो (करीब आठ हज़ार रुपए) की पेंशन को निकालने से मना कर दिया।
एएफपी की ये तस्वीर पूरी दुनिया के सामने यूनान के कर्ज़ संकट का वह चेहरा सामने लेकर आई जिसने वहां के आम लोगों की जिंदगी पर भी बहुत बुरा असर डाला है। मामले में मोड़ तब आया जब ऑस्ट्रेलिया की एक वित्तिय कंपनी के सीईओ जेम्स कोफोज़ को ये तस्वीर अपने एक पिता के दोस्त से मिलती जुलती लगी। फेसबुक पर यूनान में रह रही अपनी मां से बात करते हुए जेम्स ने जब इस तस्वीर का ज़िक्र किया तो उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि ये तस्वीर उनके पिता के दोस्त की ही है।
एएफपी से बात करते हुए जेम्स ने कहा कि उन्होंने अपनी मां से उस आदमी को ढूंढने के लिए कहा ताकि जल्द से जल्द उन तक मदद पहुंचाई जाए।
साथ ही उन्होंने फेसबुक पर भी जियोरगोस को ढूंढने के लिए एक अपील पोस्ट की है। यही नहीं इस तस्वीर ने जेम्स को इतना हिला दिया कि उन्होंने एक ट्रस्ट फंड की शुरुआत कर दी जिसमें कोई भी योगदान दे सकता है। रविवार को जेम्स अपने इस परिचित से मिलने के लिए यूनान के लिए निकलेंगे।
उन्होंने कहा “हम उन्हें सरप्राइज़ करना चाहते हैं । कुछ रकम हम उन्हें अभी देंगे साथ में हम कंपनियों से भी कुछ मदद की अपील कर रहे हैं।” जेम्स का कहना है कि वह जियोरगोस जैसे कई और लोगों की मदद करना चाहते हैं।
ग़ौरतलब है कि ऑस्ट्रेलिया में यूनान से आए कई प्रवासियों का बसेरा है। एथेन्स और थेसालोनिकी के बाद मेलबर्न दुनिया का तीसरा शहर है जहां सबसे ज्यादा यूनानी बोलने वाली जनसंख्या रहती है। यूनान से ही ताल्लुक रखने वाले जेम्स ने कहा कि अपने आप में पूरी कहानी बयां कर देने वाली ऐसी तस्वीरों को देखकर वह काफी भावुक हो जाते हैं। जेम्स मानते हैं कि ऐसी तस्वीरें उन जैसे कई लोगों के दिल पर गहरी छाप छोड़ जाती हैं।
यूरोज़ोन ने कर्ज संकट से जूझ रहे यूनान को नए प्रस्ताव पेश करने के लिए गुरुवार तक का समय दिया है ताकि कर्ज़दाताओं के साथ उसका एक निश्चित समझौता हो जाए। मंगलवार को ब्रसेल्स में यूरोज़ोन के नेताओं की आपात बैठक में यह फैसला लिया गया। अब रविवार को यूरोपीय संघ के सारे 28 सदस्यों की बैठक इसी मुद्दे पर होगी।
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