लाहौर:
पीएमएल क्यू के प्रमुख चौधरी शुजात हुसैन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री युसूफ रजा गिलानी और सेना प्रमुख अशफाक परवेज कयानी के बीच मध्यस्थ के रूप में उभरे हैं। यह मध्यस्थता ऐसे समय पर हो रही है, जब पाकिस्तान की असैन्य सरकार और शक्तिशाली सेना के बीच मतभेद गहरा गए हैं।
पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ के शासन काल के दौरान प्रधानमंत्री रह चुके हुसैन सुरक्षा प्रतिष्ठानों के काफी नजदीक माने जाते हैं और सेना के शीर्ष जनरलों के साथ अपने संपर्क के लिए चर्चित हैं। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेतृत्व ने हुसैन से अनुरोध किया है कि वह सरकार और सेना के बीच बढ़ रहे तनाव को कम करने में मदद करे। हुसैन की पीएमएल (क्यू) सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा है।
दोनों के बीच तनाव उस समय बढ़ गया, जब गिलानी ने एक चीनी समाचार पत्र को दिए साक्षात्कार में कहा कि मेमोगेट कांड पर सुप्रीम कोर्ट में जनरल कयानी और आईएसआई प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शुजा पाशा द्वारा दाखिल किया गया शपथ पत्र ‘गैर संवैधानिक और अवैध’ है।
पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ के शासन काल के दौरान प्रधानमंत्री रह चुके हुसैन सुरक्षा प्रतिष्ठानों के काफी नजदीक माने जाते हैं और सेना के शीर्ष जनरलों के साथ अपने संपर्क के लिए चर्चित हैं। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेतृत्व ने हुसैन से अनुरोध किया है कि वह सरकार और सेना के बीच बढ़ रहे तनाव को कम करने में मदद करे। हुसैन की पीएमएल (क्यू) सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा है।
दोनों के बीच तनाव उस समय बढ़ गया, जब गिलानी ने एक चीनी समाचार पत्र को दिए साक्षात्कार में कहा कि मेमोगेट कांड पर सुप्रीम कोर्ट में जनरल कयानी और आईएसआई प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शुजा पाशा द्वारा दाखिल किया गया शपथ पत्र ‘गैर संवैधानिक और अवैध’ है।
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