हमलावरों ने ट्रेनिंग सेंटर के हॉस्टल में घुसने का प्रयास किया, जिसके बाद गोलीबारी शुरू हो गई
क्वेटा:
अशांत बलूचिस्तान प्रांत की राजधानी क्वेटा के एक पुलिस प्रशिक्षण केंद्र पर भारी हथियारों से लैस इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों के हमले में कम से कम 61 लोग मारे गए और सौ से ज्यादा जख्मी हो गए. हताहतों में अधिकतर युवा कैडेट हैं. यह पाकिस्तान में हुए घातक आतंकवादी हमलों में से एक है.
केंद्र पर करीब एक घंटे तक हमला हुआ जो मंगलवार अहले सुबह तक जारी रहा. यहां करीब 700 कैडेट थे.
क्वेटा में बड़े क्षेत्र में स्थित पुलिस प्रशिक्षण कॉलेज पर सोमवार रात कम से कम तीन बंदूकधारियों ने हमला किया और सो रहे कैडेटों को निशाना बनाया. पहले उन्होंने निगरानी टावर के एक पुलिस गार्ड की हत्या की और फिर उस कक्ष तक पहुंच गए, जहां कैडेट आराम कर रहे थे. हमले से डरे हुए कैडेट बचने के लिए छत से कूदने लगे. इनकी उम्र 15 से 25 वर्ष के बीच थी.
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हमलावर क्लाशनिकोव से लैस थे. हमला सुनियोजित प्रतीत होता था. विशेषज्ञों का मानना है कि आतंकवादियों ने पांच अलग-अलग स्थानों से प्रशिक्षण केंद्र पर गोलीबारी शुरू की.
अधिकतर मौत उस समय हुई जब हमलावरों ने खुद को उड़ा लिया. तीसरे को फ्रंटियर कोर के जवानों ने मार गिराया. अधिकारियों ने कहा कि 61 मारे गए लोगों में से अधिकतर पुलिस कैडेट थे, लेकिन कुछ सेना के जवान भी मारे गए, जो जवाबी कार्रवाई कर रहे थे.
अधिकारियों ने कहा, 'हम पुष्टि कर सकते हैं कि पुलिस प्रशिक्षण कॉलेज पर हमले में 61 लोग मारे गए. इनमें 60 पुलिस कैडेट और एक सेना का जवान था'. अस्पतालों में 125 से ज्यादा लोग भर्ती हैं. इनमें से करीब 20 की हालत गंभीर है.
फ्रंटियर कोर के आईजी मेजर जनरल शेर अफगान ने कहा कि तीन आतंकवादी लश्कर ए झंगवी के अल अलीमी गुट के माने जाते हैं जो पाकिस्तानी तालिबान से जुड़े हुए हैं. उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि आतंकवादी अफगानिस्तान में अपने आकाओं से बात कर रहे थे और उनसे निर्देश प्राप्त कर रहे थे. सभी तीन हमलावर आत्मघाती जैकेट पहने हुए थे.
बाद में इस्लामिक स्टेट समूह ने हमले की जिम्मेदारी ली. इसने कहा कि हमले के लिए तीन हमलावर गए थे, लेकिन उन्होंने हमले की मंशा नहीं बताई. झांगवी की पंजाब प्रांत में जड़ें हैं और बलूचिस्तान में सांप्रदायिक हमले का उसका इतिहास रहा है. खासकर अल्पसंख्यक शियाओं के खिलाफ.
पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल राहील शरीफ स्थिति का जायजा लेने क्वेटा पहुंचे. उन्होंने मारे गए लोगों के अंतिम संस्कार में हिस्सा लिया और प्रशिक्षण केंद्र भी पहुंचे, जहां अधिकारियों ने उन्हें हमले की जानकारी दी. प्रधानमंत्री नवाज शरीफ भी क्वेटा पहुंचे और यहां उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की. उन्होंने आज सभी अन्य कार्यक्रमों को रद्द कर दिया.
अधिकारियों को आशंका है कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है, क्योंकि गंभीर रूप से जख्मी कुछ लोगों की हालत गंभीर बताई जाती है.
बलूचिस्तान प्रांत के गृह मंत्री सरफराज बुगती ने संवाददाताओं को इस बात की पुष्टि की कि तीन आतंकवादियों ने हमले को अंजाम दिया, जबकि पाकिस्तान की सेना ने पहले 'पांच से छह आतंकवादियों' द्वारा हमले का अनुमान लगाया था. उन्होंने कहा कि हमले के वक्त कॉलेज छात्रावास में करीब सात सौ पुलिस कैडेट थे. बुगती ने दावा किया कि हमले के बाद 'चार घंटे के अंदर' सुरक्षा बलों ने कॉलेज को मुक्त करा लिया, लेकिन पुलिस का कहना है कि तलाशी अभियान अभी तक चल रहा है. स्थानीय मीडिया के फुटेज में दिखाया गया कि कुछ सुरक्षा वाहन कॉलेज से बाहर जा रहे हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा कि जख्मी लोगों में ज्यादातर पुलिस कैडेट और सुरक्षाकर्मी हैं, जिन्हें क्वेटा के सिविल अस्पताल और बोलान मेडिकल कॉलेज एवं सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
अकादमी पर पहले भी दो बार हमला हो चुका है. वर्ष 2006 में पांच विस्फोट में छह पुलिसकर्मी मारे गए थे, जबकि 2008 में बंदूकधारियों ने अकादमी के मैदान पर रॉकेट से हमला किया और फिर कॉलेज पर भी हमला किया था.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
केंद्र पर करीब एक घंटे तक हमला हुआ जो मंगलवार अहले सुबह तक जारी रहा. यहां करीब 700 कैडेट थे.
क्वेटा में बड़े क्षेत्र में स्थित पुलिस प्रशिक्षण कॉलेज पर सोमवार रात कम से कम तीन बंदूकधारियों ने हमला किया और सो रहे कैडेटों को निशाना बनाया. पहले उन्होंने निगरानी टावर के एक पुलिस गार्ड की हत्या की और फिर उस कक्ष तक पहुंच गए, जहां कैडेट आराम कर रहे थे. हमले से डरे हुए कैडेट बचने के लिए छत से कूदने लगे. इनकी उम्र 15 से 25 वर्ष के बीच थी.
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हमलावर क्लाशनिकोव से लैस थे. हमला सुनियोजित प्रतीत होता था. विशेषज्ञों का मानना है कि आतंकवादियों ने पांच अलग-अलग स्थानों से प्रशिक्षण केंद्र पर गोलीबारी शुरू की.
अधिकतर मौत उस समय हुई जब हमलावरों ने खुद को उड़ा लिया. तीसरे को फ्रंटियर कोर के जवानों ने मार गिराया. अधिकारियों ने कहा कि 61 मारे गए लोगों में से अधिकतर पुलिस कैडेट थे, लेकिन कुछ सेना के जवान भी मारे गए, जो जवाबी कार्रवाई कर रहे थे.
अधिकारियों ने कहा, 'हम पुष्टि कर सकते हैं कि पुलिस प्रशिक्षण कॉलेज पर हमले में 61 लोग मारे गए. इनमें 60 पुलिस कैडेट और एक सेना का जवान था'. अस्पतालों में 125 से ज्यादा लोग भर्ती हैं. इनमें से करीब 20 की हालत गंभीर है.
फ्रंटियर कोर के आईजी मेजर जनरल शेर अफगान ने कहा कि तीन आतंकवादी लश्कर ए झंगवी के अल अलीमी गुट के माने जाते हैं जो पाकिस्तानी तालिबान से जुड़े हुए हैं. उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि आतंकवादी अफगानिस्तान में अपने आकाओं से बात कर रहे थे और उनसे निर्देश प्राप्त कर रहे थे. सभी तीन हमलावर आत्मघाती जैकेट पहने हुए थे.
बाद में इस्लामिक स्टेट समूह ने हमले की जिम्मेदारी ली. इसने कहा कि हमले के लिए तीन हमलावर गए थे, लेकिन उन्होंने हमले की मंशा नहीं बताई. झांगवी की पंजाब प्रांत में जड़ें हैं और बलूचिस्तान में सांप्रदायिक हमले का उसका इतिहास रहा है. खासकर अल्पसंख्यक शियाओं के खिलाफ.
पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल राहील शरीफ स्थिति का जायजा लेने क्वेटा पहुंचे. उन्होंने मारे गए लोगों के अंतिम संस्कार में हिस्सा लिया और प्रशिक्षण केंद्र भी पहुंचे, जहां अधिकारियों ने उन्हें हमले की जानकारी दी. प्रधानमंत्री नवाज शरीफ भी क्वेटा पहुंचे और यहां उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की. उन्होंने आज सभी अन्य कार्यक्रमों को रद्द कर दिया.
अधिकारियों को आशंका है कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है, क्योंकि गंभीर रूप से जख्मी कुछ लोगों की हालत गंभीर बताई जाती है.
बलूचिस्तान प्रांत के गृह मंत्री सरफराज बुगती ने संवाददाताओं को इस बात की पुष्टि की कि तीन आतंकवादियों ने हमले को अंजाम दिया, जबकि पाकिस्तान की सेना ने पहले 'पांच से छह आतंकवादियों' द्वारा हमले का अनुमान लगाया था. उन्होंने कहा कि हमले के वक्त कॉलेज छात्रावास में करीब सात सौ पुलिस कैडेट थे. बुगती ने दावा किया कि हमले के बाद 'चार घंटे के अंदर' सुरक्षा बलों ने कॉलेज को मुक्त करा लिया, लेकिन पुलिस का कहना है कि तलाशी अभियान अभी तक चल रहा है. स्थानीय मीडिया के फुटेज में दिखाया गया कि कुछ सुरक्षा वाहन कॉलेज से बाहर जा रहे हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा कि जख्मी लोगों में ज्यादातर पुलिस कैडेट और सुरक्षाकर्मी हैं, जिन्हें क्वेटा के सिविल अस्पताल और बोलान मेडिकल कॉलेज एवं सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
अकादमी पर पहले भी दो बार हमला हो चुका है. वर्ष 2006 में पांच विस्फोट में छह पुलिसकर्मी मारे गए थे, जबकि 2008 में बंदूकधारियों ने अकादमी के मैदान पर रॉकेट से हमला किया और फिर कॉलेज पर भी हमला किया था.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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