दुनिया की सबसे बड़ी iPhone Factory में Covid की Horror कहानी...Lockdown में फंसे कर्मचारी की जुबानी...

एक फॉक्सकॉन वर्कर (Foxconn Worker) ने नाम ना बताने की शर्त पर बताया कि, "जिन लोगों को कोरोना संक्रमण (Corona Infection) का बुखार था, उन्हें दवा मिलने की कोई गारंटी नहीं थी. जो लोग काम करना बंद करने का फैसला करते उनका खाना बंद कर दिया जाता था."

दुनिया की सबसे बड़ी iPhone Factory में Covid की Horror कहानी...Lockdown में फंसे कर्मचारी की जुबानी...

कई कर्मचारियों ने फॉक्सकॉन के वर्कशॉप और डॉरमेट्री में अफरा-तरफरी और अव्यवस्था याद की है.

झांग याओ उस पल को याद करते हैं जब चीन (China) में आईफोन (iPhone) बनाने वाली सबसे बड़ी फैक्ट्री के कोविड लॉकडाउन (Covid Lockdown) में फंसे लाखों कर्मचारियों के साथ बेहद बुरा बर्ताव हो रहा था. अक्टूबर की शुरुआत में उनके सुपरवाइज़र ने अचानक से उन्हें चेतावनी दी कि उनके 3000 साथियों को क्वारेंटीन में डाल दिया गया है, क्योंकि कुछ लोग फैक्ट्री में कोवडि पॉजिटिव पाए गए थे. उन्होंने हमसे कहा कि "हम अपने मास्क नीचे ना करें."  झांग ने AFP को टेलीफोन पर बताया, इसके बाद कई हफ्तों तक खाने की कमी रही और हमेशा संक्रमण का डर लगा रहता. इसके बाद आखिरकार वो मंगलवार को फैक्ट्री ने भाग निकला.  

ताइवानी कंपनी फॉक्सकॉन के कर्मचारी झांग ने कहा कि "कोविड बबल" को उनके उपर थोप दिया गया. 

स्थानीय अधिकारियों ने एपल की बड़ी सप्लायर फैक्ट्री के आसपास का इलाका अब लॉकडाउन में डाल दिया है. इससे पहले कर्मचारियों के पैदल ही फैक्ट्री से भागने की खबरें आईं थीं.  फैक्ट्री में उचित मेडिकल केयर की भी कमी थी.  

डिप्रेशन 

कई कर्मचारियों ने फॉक्सकॉन के वर्कशॉप और डॉरमेट्री में अफरा-तरफरी और अव्यवस्था को याद किया है. यह कॉम्पलैक्स झेंगझोऊ एयरपोर्ट के पास बसे शहर के भीतर ही एक बड़ा शहर है.  

झांग ने एएफपी को बताया कि उसके फैक्ट्री से निकलने से पहले कोविड पॉजिटिव टेस्ट आना आम बात हो गई थी. उन्होंने कहा, हम बहुत डरे हुए थे, खतरा हमारे पास था." 

एक अन्य फॉक्सकॉन वर्कर ने नाम ना बताने की शर्त पर बताया कि, " जिन लोगों को बुखार था, उन्हें दवा मिलने की कोई गारंटी नहीं थी." 

जो लोग काम करना बंद करने का फैसला करते उनका खाना बंद कर दिया जाता था. कुल लोग अपने पास रखे इंस्टेंट नूडल खाकर जीवित रहे.  

एएफपी के द्वारा जियोलोकेट किए गए टिकटॉक वीडियो में दिखता है कि अक्टूबर के आखिर में इस इमारत के बाहर कूड़े का पहाड़ लग गया था. कर्मचारियों को N95 मास्क पहना कर शटल बस में डॉरमेट्री से काम की जगह ले जाया जाता.  कर्मचारियों ने बताया कि महीने के आखिर तक कई लोग डिप्रेस हो गए थए और उन्होंने अपने घर वापस जाने की कोशिश की. 

जैसे ही सड़कों पर सूटकेट खींच कर ले जाते और पहाड़ पर पैदल चढ़ने के वीडियो सोशल मीडिया पर वायर हुए, चीन के अधिकारियों ने डैमेज कंट्रोल की कोशिश की. झेंगझोऊ शहर की सरकार ने कहा कि उन्होंने कर्मचारियों को उनके घर वापस भेजने के लिए खास बसों का इंतजाम किया. 

अविश्वास 

जब झांग ने आखिरकार मंगलवार को फॉक्सकॉन कैंपस छोड़ने की कोशिश की तो उसे पता चला कि कंपनी ने कदम-कदम पर अडंगा लगा रखा है. 

झांग ने एएफपी को बताया कि, वहां लोग लाउडस्पीकर पर विज्ञापन दे रहे थे कि फॉक्सकॉन की ताजा पॉलिसी के अनुसार, कर्मचारियों को हर दिन वहां रुकने के लिए 400 युआन या कहें कि ($55) का बोनस दिया जाएगा.   

खाली बसों के सामने कर्मचारी जमा हुए लेकिन उन्हें उन बसों पर चढ़ने नहीं दिया गया.  पीपीई सूट पहने लोग, कर्मचारियों को घर जाने से बचने की सलाह दे रहे थे. लेकिन जब हमने उनकी आईडी मांगी तो उनके पास कुछ नहीं था, तो हमें लगा कि वो असल में फॉक्सकॉन से ही थे.  

देखें यह वीडियो भी :-  लॉकडाउन से बचने के लिए भागे लोग 

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