iPhone पर Spyware अटैक से हैकिंग का खतरा, Apple ने भारत समेत 92 देशों को भेजी वॉर्निंग

एप्पल (Apple) ने कहा है कि भारत समेत दुनिया के 92 देशों के यूजर्स Mercenary Spyware अटैक के खतरे में हैं. एप्पल ने इस खतरे को लेकर बुधवार देर रात को नोटिफिकेशन जारी किया. 

iPhone पर Spyware अटैक से हैकिंग का खतरा, Apple ने भारत समेत 92 देशों को भेजी वॉर्निंग

Apple ने यूजर्स को Mercenary Spyware अटैक के खतरे से किया आगाह. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

दिग्गज टेक कंपनी Apple ने भारत समेत दुनिया के 92 देशों के यूजर्स को एक खास खतरे को लेकर आगाह किया है. एप्पल ने कहा है कि भारत समेत दुनिया के 91 देशों के यूजर्स Mercenary Spyware अटैक के खतरे में हैं. एप्पल ने इस खतरे को लेकर बुधवार देर रात को नोटिफिकेशन जारी किया.  एप्पल का कहना है कि उनके यूजर्स Mercenary Spyware अटैक का शिकार हो सकते हैं. सेलेक्टेड यूजर्स को टारगेट बनाकर इस स्पाइवेयर का इस्तेमाल किया जा रहा है. एप्पल ने ये चेतावनी कई विपक्षी नेताओं द्वारा ये दावा किए जाने के महीनों बाद जारी की है, कि उन्हें "राज्य-प्रायोजित" हैकरों से उनके iphone तक पहुंचने की कोशिश करने की चेतावनी वाले मैसेज मिले हैं. 

Apple ने भारत समेत 92 देशों के यूजर्स को दी चेतावनी

अब दिग्गज टेक कंपनी एप्पल ने भारत समेत अपने 92 देशों के यूजर्स को Mercenary Spyware अलर्ट भेजा है. नोटिफिकेशन में एप्पल के एक बयान में पेगासस स्पाइवेयर का भी जिक्र किया है. विपक्षी नेताओं के जासूसी के आरोपों की वजह से साल 2021 में राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया था. 

एप्पल ने अपने यूजर्स को भेजे गए ईमेल में कहा है कि स्पाईवेयर अटैक आईफोन यूजर्स के लिए बड़ा खतरा हो सकता है. ये थ्रेड नोटिफिकेशन एप्पल की तरफ से 11 अप्रैल की रात को भेजे गए हैं. कंपनी ने कहा है कि इस स्पाइवेयर से आपका iphone हैक हो सकता है. खासतौर पर आपको निशाना बनाकर यह हमला किया जा सकता है. आपके नाम और आपके काम की वजह से आपको टारगेट किया जा सकता है. 

Apple यूजर्स को सावधान रहने की चेतावनी

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एप्पल ने अपने यूजर्स के लिए सावधान रहने की चेतावनी जारी की है. कंपनी ने कहा है कि स्पाइवेयर अटैक नियमित साइबर क्रमिनिनल एक्टिविटी कंज्यूमप मैलवेयर की तुलना में बहुत ज्यादा जटिल होते हैं, क्योंकि कम से कम Mercenary Spyware अटैकर  खास लोगों और उनके डिवाइस को निशाना बनाने के लिए असाधारण संसाधनों का उपयोग करते हैं. इस तरह के अटैक में लाखों ड़लर का खर्च आता है और अक्सर इनकी शेल्फ लाइफ भी कम होती है. इससे इनका पता लगाना और इनको रोकना भी काफी मुश्किल काम है. कंपनी ने ये भी कहा कि ज्यादातर एप्पल यूजर्स को कभी भी इस तरह के हमलों के जरिए टारगेट नहीं किया गया है.