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This Article is From Apr 24, 2024

गाजा में मानवीय संकट पैदा होने से अमेरिकी विश्वविद्यालयों में गुस्सा, फिलिस्तीन समर्थक छात्रों पर एक्शन

प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि उन्हें इजरायल (Israel Gaza War) समर्थक प्रोफेसर ने अपशब्द कहे थे और परिसर में मुस्लिम विरोधी घटनाओं को नजरअंदाज किया जा रहा था.

गाजा में मानवीय संकट पैदा होने से अमेरिकी विश्वविद्यालयों में गुस्सा, फिलिस्तीन समर्थक छात्रों पर एक्शन
गाजा में पनप रहे मानवीय संकट से अमेरिका के छात्रों में गुस्सा.
नई दिल्ली:

इजरायल-हमास के बीच चल रहे युद्ध और गाजा (Israel Gaza War) में पनप रहे मानवीय संकट से अमेरिका में विरोध-प्रदर्शन तेज हो गया है. फिलिस्तीन समर्थक छात्र लगातार विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. यूनिवर्सिटी के अधिकारियों और लॉ इंफोर्समेंट फ्यूल्ड के लिए छात्रों के गुस्से की वजह से मंगलवार को कई अमेरिकी परिसरों में फिलीस्तीनी समर्थक विरोध-प्रदर्शनों के बाद तनाव बढ़ गया, जिसकी वजह से बड़े स्तर पर गिरफ्तारियां हुईं और क्लासेज बंद हो गईं. अमेरिका की कुछ प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी हाल के हफ्तों में विरोध-प्रदर्शनों से हिल गई हैं. दरअसल छात्रों और अन्य आंदोलनकारियों ने क्वाड पर कब्जा कर परिसर की गतिविधियों को बाधित कर दिया. ये लोग इज़रायल-हमास युद्ध और गाजा के मानवीय संकट से नाराज हैं.

नफरत फैलाने वाले भाषण को बढ़ावा देने का आरोप

न्यूयॉर्क की कोलंबिया यूनिवर्सिटी इन दिनों विरोध-प्रदर्शनों का केंद्र बनी हुई है. आयोजक यूनिवर्सिटी से उन कंपनियों से अलग होने की अपील कर रही हैं, जो "इजरायल के रंगभेद, नरसंहार और फिलिस्तीन में कब्जे से फायदा लेती हैं. "इज़रायल समर्थकों और परिसर की सुरक्षा को लेकर चिंतित अन्य लोगों ने यहूदी विरोधी घटनाओं की ओर इशारा करते हुए तर्क दिया है कि डराने-धमकाने और नफरत फैलाने वाले भाषण को बढ़ावा दिया जा रहा है. कोलंबिया के सार्वजनिक मामलों के उपाध्यक्ष बेन चांग ने सोमवार को मीडिया से बातचीत में कहा, "छात्रों को विरोध करने का अधिकार है, लेकिन उन्हें कैंपस लाइफ को बाधित करने या लोगों को परेशान करने और डराने-धमकाने की परमिशन नहीं है."

छात्रों से मिल रहे यूनिवर्सिटी के अधिकारी

उन्होंने कहा, "हम यहूदी छात्रों की चिंताओं पर कार्रवाई कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के अधिकारी प्रदर्शनकारियों के साथ "बहुत ही विश्वास के साथ" मुलाकात कर रहे हैं. इस बीच प्रदर्शनकारियों ने यहूदी-विरोधी घटनाओं को खारिज करते हुए कहा कि वे फिलिस्तीनियों का समर्थन करने के लिए वहां मौजूद हैं.

कोलंबिया के बरनार्ड कॉलेज की यहूदी छात्रा सारा बोरस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "मेरे कॉलेज प्रशासन, कांग्रेस में मेरे प्रतिनिधियों और मेरे अपने राष्ट्रपति ने लगातार यहूदी समुदाय के प्रवक्ता के रूप में काम किया है. यहूदी और फ़िलिस्तीनी छात्रों के यहूदीवाद-विरोध को यहूदी-विरोध के बराबर बताया है. " उन्होंने कहा, "वे हमें चुप करा देते हैं, हमें सस्पेंड कर देते हैं."

इजरायल समर्थक प्रोफेसर पर अपशब्द बोलने का आरोप

प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि उन्हें इजरायल समर्थक प्रोफेसर ने अपशब्द कहे थे और परिसर में मुस्लिम विरोधी घटनाओं को नजरअंदाज किया जा रहा था. लेकिन कोलंबिया में एक अन्य यहूदी छात्र, निक बॉम ने सीएनएन को बताया कि उन्होंने हाल के दिनों में कैंपस में "बिल्कुल असुरक्षित" महसूस किया. उन्होंने कहा कि वहां यहूदी विरोधी भावना चरम पर है."

कोलंबिया के राष्ट्रपति मिनोचे शफीक द्वारा पिछले हफ्ते छात्रों को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस को बुलाए जाने के बाद से प्रोफेसर पीछे हट गए हैं, कुछ ने ऐलान किया है कि वे छात्रों के सस्पेंशन को लागू नहीं करेंगे. 

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