अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने सोमवार को कहा कि चीन अपने पड़ोसी मुल्कों को डरा धमका कर अपने हित साधने की कोशिश कर रहा है. ताइवान को लेकर तनातनी के बीच अमेरिका ने चीन पर ये हमला बोला है. प्रेस सचिव ने कहा कि अमेरिका, भारत और चीन की सीमा पर तनाव को लेकर निश्चित ही सावधान है. रक्षा मंत्रालय पेंटागन के प्रवक्ता ने कहा कि चीन पड़ोसी देशों से जबरन ऐसा व्यवहार कराने की कोशिश कर रहा है, जो उसकी राष्ट्रीय सुरक्षा या आर्थिक हितों के अधिक अनुरूप है.
चीन इसके जरिये अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा या आर्थिक हितों को मजबूत करने के प्रयास में है. पेंटागन के प्रेस सचिव जॉन किर्बी ने कहा कि चीन का यह प्रयास अमेरिका को नहीं लगता कि एक खुले एवं स्वतंत्र हिंद-प्रशांत महासागर क्षेत्र के अनुकूल है. किर्बी ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने हिन्द प्रशांत क्षेत्र में गठजोड़ और भागीदारी को और मजबूत करने पर जोर दिया है. अमेरिका ने यह सुनिश्चित करने पर जोर दिया है कि उसके साझेदारों के पास वहां मौजूद सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए पर्याप्त सैन्य क्षमताएं हों.
गौरतलब है कि चीन ताइवान को अपना ही हिस्सा बताता रहा है. चीन के लड़ाकू विमान या जहाज अक्सर ताइवान के क्षेत्र में घुसकर उसके सीमा क्षेत्र का उल्लंघन करते रहे हैं. हाल ही में चीन के लड़ाकू विमानों का एक पूरा बेड़ा ही ऐसी ही हिमाकत कर बैठा. इसके बाद अमेरिका ने दो टूक कहा था कि वो ताइवान की रक्षा के लिए आगे आएगा.
वहीं भारत और चीन के बीच भी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है. दोनों देशों के बीच 13 दौर की कोर कमांडर स्तर की वार्ता हो चुकी है. लेकिन चीन सभी क्षेत्रों से पीछे हटने को तैयार नहीं दिख रहा है. जबकि भारत ने दो टूक कहा है चीन द्वारा पूर्ववर्ती स्थिति बहाल करने तक एलएसी पर हालात सामान्य नहीं होंगे.
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