अमेरिका के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि उनके देश के भारत और पाकिस्तान से बहुआयामी संबंध हैं तथा वह दोनों देशों के लोगों की बेहतरी के लिए उनके बीच सार्थक संवाद चाहता है न कि ‘‘वाकयुद्ध''. गौरतलब है कि भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध कश्मीर मुद्दे और पाकिस्तान से आतंकवादी खतरे को लेकर तनावपूर्ण रहे हैं.
अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस से जब पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी द्वारा न्यूयॉर्क में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ हाल में की गयी टिप्पणी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने सोमवार को अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में पत्रकारों से कहा, ‘‘ हमारी भारत के साथ वैश्विक सामरिक साझेदारी है. मैंने, हमारे पाकिस्तान के साथ गहरे संबंध के बारे में भी बात की है. इन संबंधों का मतलब किसी एक का फायदा या दूसरे का नुकसान नहीं है. हम इन्हें एक-दूसरे से जोड़कर नहीं देखते.''
उन्होंने कहा कि दोनों संबंध भारत और पाकिस्तान के साथ हमारे साझा लक्ष्यों को बढ़ावा देने के लिए अत्यावश्यक हैं. प्राइस ने कहा, ‘‘असल बात यह है कि दोनों देशों के साथ हमारी भागीदारी है और हम भारत तथा पाकिस्तान के बीच वाकयुद्ध नहीं देखना चाहते हैं. हम भारत और पाकिस्तान के बीच सार्थक संवाद देखना चाहते हैं. हमें लगता है कि यह पाकिस्तानी और भारतीय लोगों की बेहतरी के लिए जरूरी है. हम द्विपक्षीय रूप से एक साथ काफी कुछ कर सकते हैं.''
उन्होंने कहा, ‘‘भारत और पाकिस्तान के बीच कुछ मतभेद हैं जिन्हें निश्चित तौर पर दूर करने की जरूरत है. अमेरिका एक साझेदार के रूप में दोनों की मदद करने के लिए तैयार है.''
पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ निजी टिप्पणी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बारे में टिप्पणी भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में आतंकवाद को समर्थन देने को लेकर पाकिस्तान पर तीखा हमला करने के बाद की थी.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘ हमने भारत के साथ अपनी वैश्विक सामरिक साझेदारी को मजबूत किया है, हमारा ऐसा रिश्ता भी है जिसमें हम एक-दूसरे से खुलकर बात कर सकते हैं. हमारे बीच असहमति या चिंता हो सकती है, हम उनसे ऐसे ही बात करते हैं जैसे कि हम अपने पाकिस्तानी मित्रों से करते हैं.''
एक अन्य सवाल के जवाब में प्राइस ने कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से कहा था कि ‘यह युद्ध का युग नहीं है' तो दुनियाभर के देशों ने इस बयान का स्वागत किया था.
उन्होंने कहा, ‘‘यह महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत के रूस से ऐसे संबंध हैं जो अमेरिका के नहीं हैं. मैं कहना चाहूंगा कि दशकों तक रूस ने भारत को वैसा भागीदार बनाने के लिए काम किया है, जैसा कि उस समय अमेरिका ने नहीं किया। जाहिर तौर पर हाल के दशकों में यह बदला है.''
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं