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This Article is From Jul 05, 2017

अमेरिका ने नहीं दिया वीसा, अब Skype के ज़रिये रोबोट प्रतियोगिता में शिरकत करेंगी अफगान लड़कियां

वैश्विक प्रतियोगिता के आयोजक 'फर्स्ट' ने बताया, 16-18 जुलाई को वाशिंगटन डीसी में होने जा रही इस प्रतियोगिता में छह अफगानिस्तानी लड़कियों की यह टीम अब वीडियो लिंक के ज़रिये पश्चिमी अफगानिस्तान स्थित अपने गृहनगर हेरात से ही भाग लेगी.

अमेरिका ने नहीं दिया वीसा, अब Skype के ज़रिये रोबोट प्रतियोगिता में शिरकत करेंगी अफगान लड़कियां
अफगानिस्तानी टीम की लड़कियों को वीसा नहीं दिया गया है, लेकिन उनका रोबोट प्रतियोगिता में भाग ले सकता है... (रॉयटर)
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
अफगान रोबोटिक टीम की लड़कियों को अमेरिका का वीसा नहीं दिया गया है
उनके रोबोट को अमेरिका में होने वाली प्रतियोगिता में शामिल कर लिया गया है
लड़कियों ने कहा - वे हैरान हैं, ईरान, सीरिया की टीमों को वीसा मिल गया
हेरात (अफगानिस्तान): अमेरिका में होने वाली रोबोट बनाने की प्रतियोगिता में शिरकत के लिए वीसा नहीं दिए जाने पर दो अफगानिस्तानी लड़कियों ने कहा कि वे इस फैसले से हैरान हैं, क्योंकि प्रतियोगिता के आयोजकों ने बताया है कि ईरान, सूडान तथा यहां तक कि सीरिया की टीम को भी वीसा दे दिए गए हैं.

अफगानिस्तान की रोबोटिक्स टीम में सभी लड़कियां हैं, और इन्हें वीसा नहीं दिए जाने के पीछे की वजह स्पष्ट नहीं की गई है. वैसे, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने हाल ही में एक आदेश जारी किया था, जिसमें छह मुस्लिम देशों के नागरिकों के लिए अमेरिका यात्रा के नियम कड़े किए गए, लेकिन उन देशों की सूची में अफगानिस्तान नहीं है, और इसीलिए टीम अफगानिस्तान द्वारा तैयार किए गए रोबोट को प्रतियोगिता में शामिल किया गया था.

समाचार एजेंसी रॉयटर ने मंगलवार को इन अफगानिस्तानी छात्राओं को वीसा नहीं दिए जाने की वजह पूछी, तो अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने व्यक्तिगत वीसा आवेदनों पर चर्चा से मनाही के नियम का हवाला देते हुए कुछ भी जानकारी देने से इंकार कर दिया.

वैश्विक प्रतियोगिता के आयोजक 'फर्स्ट' ने बताया, 16-18 जुलाई को वाशिंगटन डीसी में होने जा रही इस प्रतियोगिता में छह अफगानिस्तानी लड़कियों की यह टीम अब वीडियो लिंक के ज़रिये पश्चिमी अफगानिस्तान स्थित अपने गृहनगर हेरात से ही भाग लेगी.

दो बार अफगानिस्तान की राजधानी काबुल स्थित अमेरिकी दूतावास जाकर अर्ज़ी देने वाली टीम की 14-वर्षीय सदस्य फातिमा कादरयान ने कहा, "हमें अब भी नहीं पता, हमें वीसा क्यों नहीं दिया गए, क्योंकि प्रतियोगिता में शिरकत करने वाले अन्य देशों की टीमों को वीसा दे दिए गए हैं..."

फातिमा ने कहा, "मुस्तकबिल (भविष्य) के बारे में कोई नहीं जानता, लेकिन... हमने भरपूर कोशिश की, और हम उम्मीद करते हैं कि अन्य देशों के रोबोट के साथ शामिल होकर हमारा रोबोट कोई ऊंचा स्थान हासिल कर पाए..."

(इनपुट रॉयटर से)

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