300 भारतीयों वाले विमान को फ्रांस में रोके जाने पर एयरलाइन ने क्या कहा?

एयरलाइन की वकील लिलियाना बकायोको ने एएफपी को बताया कि कंपनी का मानना ​​​​है कि उसने कुछ भी गलत नहीं किया है, कोई अपराध नहीं किया है "और वह फ्रांसीसी अधिकारियों के संपर्क में है."

नई दिल्ली:

फ्रांस की पुलिस ने "मानव तस्करी" (Human Trafficking) के शक में 300 से अधिक भारतीय यात्रियों को लेकर दुबई से निकारागुआ जाने वाले विमान को रोके (France Grounds Plane) जाने के बाद अब एयरलाइंस का बयान सामने आया है. प्रोसीक्यूटर्स ने कहा कि फ्रांसीसी पुलिस शुक्रवार को दो लोगों से पूछताछ कर रही थी, जिसके अगले दिन अधिकारियों ने "मानव तस्करी" के शक में 300 से अधिक भारतीय यात्रियों को निकारागुआ ले जाने वाले विमान को रोक दिया. एयरबस ए340 गुरुवार को संयुक्त अरब अमीरात से उड़ान भरकर तेल भरवाने के लिए पूर्वी फ्रांस के वैट्री हवाई अड्डे पर उतरा था. 

ये भी पढ़ें-'मानव तस्करी' की अज्ञात टिप पर फ्रांस ने 300 भारतीयों वाले विमान को क्यों रोका ?

"303 यात्रियों और केबिन क्रू की हो रही पहचान"

पेरिस अभियोजक कार्यालय ने न्यूज एजेंसी AFP को बताया कि एक गुमनाम सूचना के बाद फ्रांसीसी अधिकारियों ने विमान को अपने कब्जे में ले लिया. उनको शक था कि इसमें मानव तस्करी के शिकार" यात्रियों को ले जाया जा रहा था. इन्हीं यात्रियों में से दो को पुलिस ने हिरासत में लिया था. प्रोसेक्यूटर ऑफिस की तरफ से कहा गया, "303 यात्रियों और केबिन क्रू की पहचान की जांच की जा रही है." वे उन स्थितियों की भी जांच कर रहे हैं, जिनके तहत यात्रियों को ले जाया जा रहा था. उनकी यात्रा के मकसद का भी पता चलाया जा रहा है. 

क्या कहते हैं मामले से परिचित सूत्र?

मामले से जुड़े एक सूत्र के मुताबिक फ्लाइट में सवार यात्रियों में नाबालिग भी शामिल थे. अभियोजकों ने कहा कि राष्ट्रीय संगठित अपराध विरोधी यूनिट जुनाल्को जांच का नेतृत्व कर रही है. मामले से परिचित एक सूत्र के मुताबिक, यात्रियों ने अमेरिका या कनाडा में अवैध रूप से प्रवेश करने की कोशिश करने के लिए मध्य अमेरिका की यात्रा करने की योजना बनाई होगी. फ्लाइट रोकने के बाद इसमें सवार सभी यात्रियों को कुछ समय तक भीतर ही रखा गया, इसके बाद उन्हें बाहर निकालकर टर्मिनल भवन में अलग-अलग बेड दिए गए. स्थानीय अधिकारियों ने कहा कि उन्हें शुक्रवार रात भर हवाई अड्डे पर रखा गया था. 

फ्रांस में भारतीय दूतावास ने एक्स,  पर एक बयान में कहा कि पेरिस में अधिकारियों ने उन्हें स्थिति की जानकारी दी. इसमें कहा गया, "दूतावास की टीम पहुंच गई है और उनको काउंसलर एक्सेस दे दिया गया है. मामले की जांच की जा रही है, जिससे यात्रियों की भलाई सुनिश्चित की जा सके. घटनास्थल पर मौजूद एएफपी के एक पत्रकार ने बताया कि शुक्रवार को पुलिस कर्मियों ने पूरे हवाईअड्डे को घेर लिया और उनके एंट्रेंस हॉल की खिड़कियों को सफेद तिरपाल की चादर से ढक दिया.

"एयरलाइन ने 'कुछ भी गलत नहीं किया है"

मार्ने के उत्तर-पूर्वी विभाग के प्रीफेक्चर ने कहा कि रोमानियाई कंपनी लीजेंड एयरलाइंस द्वारा संचालित A340 विमान, गुरुवार को "लैंडिंग के बाद वैट्री हवाई अड्डे पर टरमैक पर खड़ा रहा."फ़्लाइटरडार वेबसाइट के मुताबिक, लीजेंड एयर के पास चार विमानों का एक छोटा बेड़ा है.

इसमें कहा गया है कि फ्लाइट को तेल भरवाना था. इसमें 303 भारतीय नागरिक सवार थे, जो संभवत: संयुक्त अरब अमीरात में काम कर रहे थे.

एयरलाइन की वकील लिलियाना बकायोको ने एएफपी को बताया कि कंपनी का मानना ​​​​है कि उसने कुछ भी गलत नहीं किया है, कोई अपराध नहीं किया है "और वह फ्रांसीसी अधिकारियों के संपर्क में है." उन्होंने कहा कि अगर अभियोजक आरोप दायर करते हैं तो एयरलाइन कानूनी कार्रवाई करेगी.

बता दें कि पेरिस से 150 किलोमीटर पूर्व में स्थित वैट्री हवाई अड्डा ज्यादातर बजट एयरलाइनों को सेवा प्रदान करता है. अगर कोई विदेशी नागरिक फ़्रांस में उतरता है और उसे अपने इच्छित गंतव्य तक यात्रा करने से रोका जाता है, तो सीमा पुलिस शुरू में उसे चार दिनों तक रोक सकती है. 

फ्रांसीसी कानून उस अवधि को आठ दिनों तक बढ़ाने की अनुमति देता है. अगर कोई न्यायाधीश इसे मंजूरी देता है, तो असाधारण परिस्थितियों में आठ दिन और, अधिकतम 26 दिनों तक रोका जा सकता है. फ्रांस में मानव तस्करी के लिए 20 साल तक की सज़ा का प्रावधान है.

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

ये भी पढ़ें-"2024 में ट्रंप अगर जीते तो जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई को हो सकता है नुकसान" : ट्रूडो



(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)