विज्ञापन
This Article is From Aug 18, 2021

काबुल से भागने के बाद परिवार के साथ यूएई में हैं अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी

अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के साथ ही राष्ट्रपति अशरफ गनी ने देश छोड़ दिया था. उन्होंने यूएई में परिवार समेत शरण ली है. यूएई ने जानकारी दी है कि वह मानवता के आधार पर अशरफ गनी की मेजबानी कर रहा है.

काबुल से भागने के बाद परिवार के साथ यूएई में हैं अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी
यूएई में छिपे हैं अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी ने देश छोड़ दिया था. उन्हें संयुक्त अरब अमीरात शरण दी है. संयुक्त अरब अमीरात ने बुधवार को कहा कि वह तालिबान के अधिग्रहण के बीच अफगानिस्तान से भागे राष्ट्रपति अशरफ गनी की "मानवीय आधार पर" मेजबानी कर रहा है. यूएई द्वारा एक संक्षिप्त बयान में कहा गया, "यूएई विदेश मामलों और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग मंत्रालय इस बात की पुष्टि कर सकता है कि यूएई ने राष्ट्रपति अशरफ गनी और उनके परिवार का मानवीय आधार पर देश में स्वागत किया है."

जानें कौन है मुल्ला बरादर, बन सकता है अफगानिस्तान का अगला राष्ट्रपति : 5 Points

तालिबान के कब्जे के बाद काबुल के बंद होने से पहले गनी रविवार को अफगानिस्तान से भाग निकल थे. तालिबानी विद्रोही अफगान की राजधानी में निर्विरोध बढ़ते चले गए थे. एक फेसबुक पोस्ट में अशरफ गनी ने कहा था कि "तालिबान जीत गया" और उन्हें "रक्तपात की बाढ़" को रोकने के लिए अफगानिस्तान को छोड़ना पड़ा.

बुधवार तक अशरफ गनी के ठिकाने की कोई खबर नहीं थी. अटकलें लगाई जा रही थी कि वह ताजिक्टन, उज्बेजिस्तान या ओमान भाग गए हैं.

यह पहली बार नहीं होगा जब तेल समृद्ध खाड़ी देश ने पूर्व नेताओं और उनके रिश्तेदारों के लिए अपनी बाहें खोली हैं, जो अब उनके देश में व्यक्तित्वहीन हैं. 2017 में, दुबई के अमीरात ने थाईलैंड के पूर्व प्रधानमंत्री यिंगलक शिनावात्रा की मेजबानी की, जिन्हें अनुपस्थिति में पांच साल जेल की सजा सुनाई गई थी.

अफ़ग़ानिस्तान के फ़र्स्ट वाइस प्रेसिडेंट अमरुल्लाह सालेह ने ख़ुद को केयरटेकर राष्ट्रपति घोषित किया

स्पेन के राजा जुआन कार्लोस पिछले साल अगस्त में संयुक्त अरब अमीरात में आत्म-निर्वासन में चले गए क्योंकि उनके भाग्य की उत्पत्ति पर सवाल खड़े हो गए थे. पाकिस्तानी विपक्षी नेता बेनजीर भुट्टो के आठ साल के निर्वासन के दौरान और पाकिस्तान में उनकी हत्या से पहले संयुक्त अरब अमीरात ही उनका घर था.

यूएई सऊदी अरब और पाकिस्तान सहित तीन देशों में से एक है, जिसने पिछले तालिबान शासन को मान्यता दी थी, जिसने 1996 से 2001 तक शासन किया था.

काबुल के गुरुद्वारे में 320 लोग फंसे हैं, वीडियो संदेश जारी कर के लगाई गुहार

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com