दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब जुमा (फाइल फोटो)
जोहानिसबर्ग:
दक्षिण अफ्रीका की सत्ताधारी पार्टी अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस को एक पीढ़ी पहले रंगभेद के खात्मे के बाद सत्ता पर काबिज होने के बाद स्थानीय चुनाव में अब तक का सबसे बड़ा चुनावी झटका लगा है. विपक्षी डेमोक्रेटिक अलायंस पार्टी ने श्वेन में एएनसी पर बढ़त बनाई, लेकिन बहुमत से दूर रह गई. ऐसे में यहां गठबंधन सरकार की उम्मीद है. जोहानिसबर्ग और श्वेन में मुकाबला काफी कड़ा बताया जा रहा है.
साल 1994 में सभी जातियों के दक्षिण अफ्रीका के चुनावों में हिस्सा लेने के बाद से अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस (एएनसी) पार्टी को श्वेत-अल्पसंख्यक शासन के खिलाफ इसकी सफल लड़ाई के कारण व्यापक समर्थन मिलता रहा था, लेकिन इस बार भ्रष्टाचार के आरोपों और अर्थव्यवस्था की बुरी स्थिति के कारण शहरी मध्य वर्ग पार्टी से नाखुश दिखा है. इसके अलावा, गरीब तबके के लोग बिजली और पानी जैसे बुनियादी सुविधाओं की मांग को लेकर अक्सर प्रदर्शन करते रहे हैं.
एएनसी इन चुनावों में पहले ही अश्वेत बहुल एक प्रमुख क्षेत्र 'नेल्सन मंडेला बे' में हार चुकी है. इस क्षेत्र का नाम एएनसी के अब तक के सबसे कद्दावर नेता और देश के पहले अश्वेत राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला के नाम पर रखा गया है.
रंगभेद विरोधी आंदोलन से निकली विपक्षी डेमोक्रेटिक अलायंस को 'नेल्सन मंडेला बे' में जीत मिली. पिछले साल तक इस पार्टी के नेता एक श्वेत नेता थे. 'नेल्सन मंडेला बे' में इस पार्टी ने मेयर पद के लिए एक श्वेत को ही उम्मीदवार बनाया था.
डेमोक्रेटिक अलायंस पहले ही देश के दूसरे सबसे बड़े शहर केपटाउन के नगर निकाय पर शासन कर रही है. केपटाउन दक्षिण अफ्रीका का एकमात्र ऐसा बड़ा शहर है जहां श्वेतों और मिलीजुली जातियों के लोगों के बीच अश्वेत अल्पसंख्यक हैं. पार्टी के नेता एममूसी मैमाने (36) ने श्वेन में जीत की भविष्यवाणी की थी.
मैमाने ने इस चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद राष्ट्रपति जैकब जुमा ने चुनावों की तरफ भी ध्यान केंद्रित करने के संकेत दिए. उन्होंने कहा, 'साल 2019 का अभियान अब शुरू होता है.' राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि स्थानीय चुनावों के नतीजे 74 साल के राष्ट्रपति जुमा पर पद छोड़ने का दबाव बना सकते हैं. जुमा का कार्यकाल 2019 में पूरा होना है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
साल 1994 में सभी जातियों के दक्षिण अफ्रीका के चुनावों में हिस्सा लेने के बाद से अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस (एएनसी) पार्टी को श्वेत-अल्पसंख्यक शासन के खिलाफ इसकी सफल लड़ाई के कारण व्यापक समर्थन मिलता रहा था, लेकिन इस बार भ्रष्टाचार के आरोपों और अर्थव्यवस्था की बुरी स्थिति के कारण शहरी मध्य वर्ग पार्टी से नाखुश दिखा है. इसके अलावा, गरीब तबके के लोग बिजली और पानी जैसे बुनियादी सुविधाओं की मांग को लेकर अक्सर प्रदर्शन करते रहे हैं.
एएनसी इन चुनावों में पहले ही अश्वेत बहुल एक प्रमुख क्षेत्र 'नेल्सन मंडेला बे' में हार चुकी है. इस क्षेत्र का नाम एएनसी के अब तक के सबसे कद्दावर नेता और देश के पहले अश्वेत राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला के नाम पर रखा गया है.
रंगभेद विरोधी आंदोलन से निकली विपक्षी डेमोक्रेटिक अलायंस को 'नेल्सन मंडेला बे' में जीत मिली. पिछले साल तक इस पार्टी के नेता एक श्वेत नेता थे. 'नेल्सन मंडेला बे' में इस पार्टी ने मेयर पद के लिए एक श्वेत को ही उम्मीदवार बनाया था.
डेमोक्रेटिक अलायंस पहले ही देश के दूसरे सबसे बड़े शहर केपटाउन के नगर निकाय पर शासन कर रही है. केपटाउन दक्षिण अफ्रीका का एकमात्र ऐसा बड़ा शहर है जहां श्वेतों और मिलीजुली जातियों के लोगों के बीच अश्वेत अल्पसंख्यक हैं. पार्टी के नेता एममूसी मैमाने (36) ने श्वेन में जीत की भविष्यवाणी की थी.
मैमाने ने इस चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद राष्ट्रपति जैकब जुमा ने चुनावों की तरफ भी ध्यान केंद्रित करने के संकेत दिए. उन्होंने कहा, 'साल 2019 का अभियान अब शुरू होता है.' राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि स्थानीय चुनावों के नतीजे 74 साल के राष्ट्रपति जुमा पर पद छोड़ने का दबाव बना सकते हैं. जुमा का कार्यकाल 2019 में पूरा होना है.
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