काबुल:
काबुल में नाटो बलों को साजो सामान की आपूर्ति करने वाली एक विदेशी कंपनी को निशाना बनाकर किए गए आत्मघाती कार हमले में मंगलवार को सात लोग मारे गए।
पुलिस ने बताया कि अफगानिस्तान की राजधानी के उत्तरी हिस्से में हुए हमले के बाद वहां से धुएं का काला बादल उठता देखा गया। काबुल में पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट, हवाई अड्डे तथा राष्ट्रपति आवास को निशाना बनाकर इस प्रकार के कई हमले किए गए हैं।
काबुल के पुलिस प्रमुख मोहम्मद अयूब सलांगी ने बताया, ‘‘हमले में चार नेपाली गार्ड, एक अफगान गार्ड तथा दो अफगानी नागरिक मारे गए हैं।’’उन्होंने बताया कि चार लोग घायल भी हुए हैं।
सलांगी ने बताया कि आत्मघाती बम से हमला शुरू किया गया और उसके बाद दो-तीन उग्रवादियों ने सुरक्षा गाडरे के साथ करीब 30-40 मिनट तक गोलीबारी की।
विस्फोट के कारण घटनास्थल पर बड़ा सा गड्ढा बन गया है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि सारे हमलावर मारे गए हैं।
पुलिस ने बताया कि हमले में अंतरराष्ट्रीय बलों को साजो सामान मुहैया कराने वाली एक परिवहन कंपनी को निशाना बनाया गया था। कुछ आत्मघाती जैकेटों में भी विस्फोट किया गया।
अभी तक किसी ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है लेकिन काबुल में हुए हालिया हमलों के पीछे तालिबान उग्रवादियों का हाथ माना जा रहा है। माना जा रहा है कि तालिबान उग्रवादियों ने सरकार पर शांति वार्ता का दबाव बनाने के लिए इस प्रकार के हमलों को तेज कर दिया है।
अगले साल अमेरिका की अगुवाई में नाटो के एक लाख सैनिकों की वापसी की तैयारियों के बीच अमेरिका ने अफगान सरकार पर शांति वार्ता शुरू करने का दबाव बढ़ा दिया है। लेकिन शांति वार्ता को आगे बढ़ाने के मकसद से 18 जून को कतर में खुले तालिबान कार्यालय ने राष्ट्रपति हामिद करजई को आक्रोशित कर दिया है जो इसे निर्वासित सरकार के गैर अधिकारिक दूतावास के रूप में देख रहे हैं।
उन्होंने अमेरिकियों के साथ द्विपक्षीय सुरक्षा वार्ता को तोड़ने और किसी भी प्रकार की शांति प्रक्रिया का बहिष्कार करने की धमकी दे डाली है।
पुलिस ने बताया कि अफगानिस्तान की राजधानी के उत्तरी हिस्से में हुए हमले के बाद वहां से धुएं का काला बादल उठता देखा गया। काबुल में पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट, हवाई अड्डे तथा राष्ट्रपति आवास को निशाना बनाकर इस प्रकार के कई हमले किए गए हैं।
काबुल के पुलिस प्रमुख मोहम्मद अयूब सलांगी ने बताया, ‘‘हमले में चार नेपाली गार्ड, एक अफगान गार्ड तथा दो अफगानी नागरिक मारे गए हैं।’’उन्होंने बताया कि चार लोग घायल भी हुए हैं।
सलांगी ने बताया कि आत्मघाती बम से हमला शुरू किया गया और उसके बाद दो-तीन उग्रवादियों ने सुरक्षा गाडरे के साथ करीब 30-40 मिनट तक गोलीबारी की।
विस्फोट के कारण घटनास्थल पर बड़ा सा गड्ढा बन गया है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि सारे हमलावर मारे गए हैं।
पुलिस ने बताया कि हमले में अंतरराष्ट्रीय बलों को साजो सामान मुहैया कराने वाली एक परिवहन कंपनी को निशाना बनाया गया था। कुछ आत्मघाती जैकेटों में भी विस्फोट किया गया।
अभी तक किसी ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है लेकिन काबुल में हुए हालिया हमलों के पीछे तालिबान उग्रवादियों का हाथ माना जा रहा है। माना जा रहा है कि तालिबान उग्रवादियों ने सरकार पर शांति वार्ता का दबाव बनाने के लिए इस प्रकार के हमलों को तेज कर दिया है।
अगले साल अमेरिका की अगुवाई में नाटो के एक लाख सैनिकों की वापसी की तैयारियों के बीच अमेरिका ने अफगान सरकार पर शांति वार्ता शुरू करने का दबाव बढ़ा दिया है। लेकिन शांति वार्ता को आगे बढ़ाने के मकसद से 18 जून को कतर में खुले तालिबान कार्यालय ने राष्ट्रपति हामिद करजई को आक्रोशित कर दिया है जो इसे निर्वासित सरकार के गैर अधिकारिक दूतावास के रूप में देख रहे हैं।
उन्होंने अमेरिकियों के साथ द्विपक्षीय सुरक्षा वार्ता को तोड़ने और किसी भी प्रकार की शांति प्रक्रिया का बहिष्कार करने की धमकी दे डाली है।
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