तालिबान आज कर सकता है नई सरकार का गठन, हैबतुल्ला अखुंदजादा निभाएंगे सबसे बड़ी भूमिका

तालिबान के सुप्रीम लीडर हैबतुल्ला अखुंदजादा को राजनीतिक और आध्यात्मिक प्रमुख बनाया जाएगा, जो कंधार में रहेंगे. सरकार के रोज़ाना कामकाज के लिए मुल्ला अब्दुल गनी बरादर प्रधानमंत्री हो सकते हैं, जो काबुल में होंगे, हालांकि इस सरकार में हामिद करजई और अब्दुल्ला अब्दुल्ला की हैसियत अभी साफ़ नहीं है.

तालिबान आज कर सकता है नई सरकार का गठन, हैबतुल्ला अखुंदजादा निभाएंगे सबसे बड़ी भूमिका

तालिबान आज कर सकता है नई सरकार का गठन

काबुल:

तालिबान आज अफगानिस्तान (Taliban Government) में नई सरकार के स्वरूप और उसमें शामिल लोगों के बारे में ऐलान कर सकता है. जिस तरह से उसने सत्ता हासिल की है, उसके बाद देश के सामने बड़ी चुनौतियां हैं. दूसरी तरफ भारत और बाकी कई देशों का रुख साफ है. वे फिलहाल अपने लोगों को घर लाने के लिए बात कर रहे हैं. तालिबान के सुप्रीम लीडर हैबतुल्ला अखुंदजादा को राजनीतिक और आध्यात्मिक प्रमुख बनाया जाएगा, जो कंधार में रहेंगे. सरकार के रोज़ाना कामकाज के लिए मुल्ला अब्दुल गनी बरादर प्रधानमंत्री हो सकते हैं, जो काबुल में होंगे, हालांकि इस सरकार में हामिद करजई और अब्दुल्ला अब्दुल्ला की हैसियत अभी साफ़ नहीं है. दरअसल ये ईरान की तर्ज पर बन रही सरकार है जिसमें राजनीतिक प्रमुख पर आध्यात्मिक प्रमुख का नियंत्रण रहेगा. शुक्रवार को सरकार का ऐलान हो सकता है. फिलहाल वहां हालात खराब हैं और लोग परेशान. दफ़्तरों और बैंकों के आगे लंबी कतारें हैं. दिलचस्प ये है कि पाकिस्तान एक तरह से अपील कर रहा है कि सब तालिबान को समर्थन दें. वरना वहां गृह युद्ध जैसे हालात बन जाएंगे, लेकिन फिलहाल भारत की ही तरह ,अभी बाकी देशों की भी प्राथमिकता वहां से अपने नागरिकों को सुरक्षित निकालने की है. अमेरिका ने कहा है कि काबुल हवाई अड्डे के जल्द फिर चलने की उम्मीद है. सूत्रों की मानें तो सरकार में महिलाओं की नुमाइंदगी भी हो सकती है.

हक़ की मांग को लेकर प्रदर्शन
अफगानिस्तान के हेरात शहर में महिलाओं ने अपने अधिकारों की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. साथ ही सरकार में भागीदारी की मांग करते हुए महिलाओं ने नारेबाज़ी भी की. रिपोर्ट्स के मुताबिक- तालिबान के स्थानीय नेताओं ने महिलाओं को भरोसा देने की कोशिश की है. ये अलग बात है कि तालिबान महिलाओं को हक देने की बात भी कर रहा है लेकिन शरिया कानून की दुहाई भी दे रहा है.तालिबान के ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए इस बात की संभावना न के बराबर है कि वो महिलाओं को उनका हक़ देगा.

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तालिबान के कब्जे से बाहर पंजशीर
उधर, तालिबान ने अफगानिस्तान के लगभग सभी प्रांतों पर कब्ज़ा कर लिया है, लेकिन पंजशीर अब भी उसकी पहुंच से बाहर है. पंजशीर लगातार तालिबान को चुनौती दे रहा है. पंजशीर में नॉर्दर्न अलायंस के जवान दो मोर्चों पर तालिबान से जंग लड़ रहे हैं. नॉर्दर्न अलायंस का दावा है कि इस लड़ाई में अब तक 350 तालिबान लड़ाके मारे गए हैं जबकि 300 घायल हुए हैं. उन्होंने 35 तालिबान लड़ाकों को पकड़ने का भी दावा किया है. वहीं तालिबान ने भी नॉर्दर्न अलायंस के जवानों को मारने का दावा किया है. उसका कहना है कि उसने पंजशीर को घेर रखा है और समझौते की कोशिश कर रहा है.