काबुल:
नाटो के हवाई हमलों में 18 नागरिकों के मारे जाने के बाद काबुल के तीखे रवैये को देखते हुए अमेरिकी रक्षामंत्री लियोन पनेटा ने कहा कि अफगानिस्तान में पिछले एक दशक से चल रही यह लड़ाई एक अहम मोड़ पर है।
काबुल में पनेटा की तीन महीने के भीतर ही यह दूसरी यात्रा है। बुधवार को लोगार प्रांत में एक घर पर हुए हवाई हमलों को अफगानी राष्ट्रपति हामिद करजई ने पूरी तरह से अस्वीकार्य करार दे दिया और अपना चीन दौरा संक्षिप्त कर दिया।
अमेरिका के नेतृत्व में एक लाख तीस हजार नाटो सैनिक अफगानिस्तान में तालिबान के खिलाफ लड़ रहे हैं। अमेरिका इन बलों को 2014 के अंत तक अफगानिस्तान से निकालकर वहां की सुरक्षा की जिम्मेदारी अफगानियों को सौंप देना चाहता है। पनेटा ने हालिया हिंसा में आई तेजी को देखते हुए कहा कि बुधवार को नाटो बेस के पास 23 लोगों की जान लेने वाले एक दोहरे आत्मघाती हमले से पता चलता है कि यह पहले से बहुत ज्यादा संगठित रूप से किया गया हमला था।
बहरहाल, पनेटा ने अपने सैनिकों को यकीन दिलाने की कोशिश की कि उनका बलिदान बेकार नहीं जाएगा। साथ ही उन्होंने अफगानों से कहा कि नाटो सेनाओं के पीछे हटने का यह अर्थ नहीं है कि उन्हें भुला दिया जाएगा।
इराक में अमेरिकी लड़ाई का उदाहरण देते हुए पनेटा ने काबुल हवाई अड्डे पर एकत्र सैनिकों से कहा, ऐसी आशा है कि हम अपना अभियान अफगानिस्तान में भी पूरा कर लेंगे। हक्कानी नेटवर्क के संदर्भ में उन्होंने यह भी कहा कि यह एक आसान लड़ाई नहीं है। उन्होंने पाकिस्तान में सुरक्षित शरण पाने वाले हक्कानी उग्रवादियों के संदर्भ में कहा कि हमें उनसे निपटना ही है।
काबुल में पनेटा की तीन महीने के भीतर ही यह दूसरी यात्रा है। बुधवार को लोगार प्रांत में एक घर पर हुए हवाई हमलों को अफगानी राष्ट्रपति हामिद करजई ने पूरी तरह से अस्वीकार्य करार दे दिया और अपना चीन दौरा संक्षिप्त कर दिया।
अमेरिका के नेतृत्व में एक लाख तीस हजार नाटो सैनिक अफगानिस्तान में तालिबान के खिलाफ लड़ रहे हैं। अमेरिका इन बलों को 2014 के अंत तक अफगानिस्तान से निकालकर वहां की सुरक्षा की जिम्मेदारी अफगानियों को सौंप देना चाहता है। पनेटा ने हालिया हिंसा में आई तेजी को देखते हुए कहा कि बुधवार को नाटो बेस के पास 23 लोगों की जान लेने वाले एक दोहरे आत्मघाती हमले से पता चलता है कि यह पहले से बहुत ज्यादा संगठित रूप से किया गया हमला था।
बहरहाल, पनेटा ने अपने सैनिकों को यकीन दिलाने की कोशिश की कि उनका बलिदान बेकार नहीं जाएगा। साथ ही उन्होंने अफगानों से कहा कि नाटो सेनाओं के पीछे हटने का यह अर्थ नहीं है कि उन्हें भुला दिया जाएगा।
इराक में अमेरिकी लड़ाई का उदाहरण देते हुए पनेटा ने काबुल हवाई अड्डे पर एकत्र सैनिकों से कहा, ऐसी आशा है कि हम अपना अभियान अफगानिस्तान में भी पूरा कर लेंगे। हक्कानी नेटवर्क के संदर्भ में उन्होंने यह भी कहा कि यह एक आसान लड़ाई नहीं है। उन्होंने पाकिस्तान में सुरक्षित शरण पाने वाले हक्कानी उग्रवादियों के संदर्भ में कहा कि हमें उनसे निपटना ही है।
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