अमृतसर:
विदेश मामलों पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के सलाहकार सरताज अज़ीज़ ने रविवार को अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी से मुलाकात की और अफगानिस्तान में शांति तथा स्थिरता लाने के तरीकों पर चर्चा की.
शनिवार शाम को अमृतसर पहुंचे नेताओं के बीच यह मुलाकात यहां जारी 'हार्ट ऑफ एशिया' सम्मेलन से इतर हुई. युद्ध से जर्जर देश की शांति प्रक्रिया में इस्लामाबाद के कम सहयोगी रवैये पर अफगानिस्तान द्वारा नाराज़गी जताए जाने की पृष्ठभूमि में यह द्विपक्षीय वार्ता की गई.
पाकिस्तानी सरज़मीन से गतिविधियां चला रहे आतंकवादी समूहों द्वारा अफगानिस्तान में किए जाने वाले आतंकी हमले नहीं रोकने को लेकर भी अफगान सरकार इस्लामाबाद की आलोचना करती रही है. पाकिस्तानी सूत्रों ने कहा, "उन्होंने अफगानिस्तान में शांति, विकास और स्थिरता की संभावनाओं पर चर्चा की..."
सम्मेलन से पहले, अफगानिस्तान ने पाकिस्तानी धरती से उत्पन्न आतंकवाद को क्षेत्रीय शांति तथा स्थिरता के लिए 'सबसे बड़ा खतरा' बताया था और प्रभावी तौर पर आतंकवाद से निपटने के लिए हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन में क्षेत्रीय आतंकवाद-निरोधी रूपरेखा पारित करने पर जोर दिया था.
हार्ट ऑफ एशिया - इस्तांबूल प्रक्रिया 2011 में शुरू हुई और इसमें शामिल होने वाले देश हैं - पाकिस्तान, अफगानिस्तान, अज़रबैजान, चीन, भारत, ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, सऊदी अरब, ताजिकिस्तान, तुर्की, तुर्कमेनिस्तान और संयुक्त अरब अमीरात. इसका गठन अफगानिस्तान और उसके पड़ोसी देशों के बीच रक्षा, राजनैतिक और आर्थिक सहयोग बढ़ाने के लिए किया गया.
शनिवार शाम को अमृतसर पहुंचे नेताओं के बीच यह मुलाकात यहां जारी 'हार्ट ऑफ एशिया' सम्मेलन से इतर हुई. युद्ध से जर्जर देश की शांति प्रक्रिया में इस्लामाबाद के कम सहयोगी रवैये पर अफगानिस्तान द्वारा नाराज़गी जताए जाने की पृष्ठभूमि में यह द्विपक्षीय वार्ता की गई.
पाकिस्तानी सरज़मीन से गतिविधियां चला रहे आतंकवादी समूहों द्वारा अफगानिस्तान में किए जाने वाले आतंकी हमले नहीं रोकने को लेकर भी अफगान सरकार इस्लामाबाद की आलोचना करती रही है. पाकिस्तानी सूत्रों ने कहा, "उन्होंने अफगानिस्तान में शांति, विकास और स्थिरता की संभावनाओं पर चर्चा की..."
सम्मेलन से पहले, अफगानिस्तान ने पाकिस्तानी धरती से उत्पन्न आतंकवाद को क्षेत्रीय शांति तथा स्थिरता के लिए 'सबसे बड़ा खतरा' बताया था और प्रभावी तौर पर आतंकवाद से निपटने के लिए हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन में क्षेत्रीय आतंकवाद-निरोधी रूपरेखा पारित करने पर जोर दिया था.
हार्ट ऑफ एशिया - इस्तांबूल प्रक्रिया 2011 में शुरू हुई और इसमें शामिल होने वाले देश हैं - पाकिस्तान, अफगानिस्तान, अज़रबैजान, चीन, भारत, ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, सऊदी अरब, ताजिकिस्तान, तुर्की, तुर्कमेनिस्तान और संयुक्त अरब अमीरात. इसका गठन अफगानिस्तान और उसके पड़ोसी देशों के बीच रक्षा, राजनैतिक और आर्थिक सहयोग बढ़ाने के लिए किया गया.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं