न्यूयार्क:
अबु हमजा अल-मसरी और चार अन्य संदिग्ध आतंकवादियों को ब्रिटेन से प्रत्यर्पण के बाद अमेरिका की अदालतों में पेश किया गया, जहां से उन्हें हिरासत में भेज दिया गया।
ब्रिटेन में लंदन उच्च न्यायालय ने प्रत्यर्पण के खिलाफ उनकी अपील खारिज करते हुए शुक्रवार को उन्हें तत्काल अमेरिका को प्रत्यर्पित करने का निर्देश दिया था, जिसके बाद उन्हें रॉयाल एयर फोर्स के विमान से अमेरिका लाया गया।
'अल जजीरा' के अनुसार, अबु हमजा, खालिद अल-फवाज तथा आदिल अब्दुल बेरी को मैनहट्टन की निचली अदालत में पेश किया गया, जबकि बाबर अहमद और सैय्यद तलहा अहसान को कनेक्टिकट फेडरल जिला अदालत के न्यू हेवन में पेश किया गया।
'सीएनएन' के अनुसार, अबु हमजा पर 11 आतंकवादी घटनाओं के आरोप हैं। उसे मंगलवार को एक बार फिर अदालत में पेश किया जाएगा। हमजा, खालिद और आदिल को मैनहट्टन स्थित मेट्रोपॉलिटन सुधार गृह में रखा गया है।
हमजा पर वर्ष 1998 में यमन में पश्चिमी देशों के 16 नागरिकों के अपहरण के षडयंत्र में शामिल होने तथा वर्ष 1999 में ओरेगन के ग्रामीण क्षेत्र में अन्य के साथ मिलकर इस्लामिक जेहाद के लिए प्रशिक्षण शिविर स्थापित करने का आरोप है। यदि वह दोषी ठहराया जाता है तो उसे उम्रकैद की सजा हो सकती है।
अहमद और अहसान पर अमेरिकी अभियोजकों ने दुनियाभर में आतंकवाद को समर्थन देने के लिए संचालित वेबसाइट 'अजान डॉट कॉम' से जुड़े रहने का आरोप लगाया है।
अल-फवाज और बेरी पर वर्ष 1990 के दशक में अल कायदा सरगना ओसामा बिन लादेन से जुड़े होने का आरोप है।
ब्रिटेन में लंदन उच्च न्यायालय ने प्रत्यर्पण के खिलाफ उनकी अपील खारिज करते हुए शुक्रवार को उन्हें तत्काल अमेरिका को प्रत्यर्पित करने का निर्देश दिया था, जिसके बाद उन्हें रॉयाल एयर फोर्स के विमान से अमेरिका लाया गया।
'अल जजीरा' के अनुसार, अबु हमजा, खालिद अल-फवाज तथा आदिल अब्दुल बेरी को मैनहट्टन की निचली अदालत में पेश किया गया, जबकि बाबर अहमद और सैय्यद तलहा अहसान को कनेक्टिकट फेडरल जिला अदालत के न्यू हेवन में पेश किया गया।
'सीएनएन' के अनुसार, अबु हमजा पर 11 आतंकवादी घटनाओं के आरोप हैं। उसे मंगलवार को एक बार फिर अदालत में पेश किया जाएगा। हमजा, खालिद और आदिल को मैनहट्टन स्थित मेट्रोपॉलिटन सुधार गृह में रखा गया है।
हमजा पर वर्ष 1998 में यमन में पश्चिमी देशों के 16 नागरिकों के अपहरण के षडयंत्र में शामिल होने तथा वर्ष 1999 में ओरेगन के ग्रामीण क्षेत्र में अन्य के साथ मिलकर इस्लामिक जेहाद के लिए प्रशिक्षण शिविर स्थापित करने का आरोप है। यदि वह दोषी ठहराया जाता है तो उसे उम्रकैद की सजा हो सकती है।
अहमद और अहसान पर अमेरिकी अभियोजकों ने दुनियाभर में आतंकवाद को समर्थन देने के लिए संचालित वेबसाइट 'अजान डॉट कॉम' से जुड़े रहने का आरोप लगाया है।
अल-फवाज और बेरी पर वर्ष 1990 के दशक में अल कायदा सरगना ओसामा बिन लादेन से जुड़े होने का आरोप है।
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