अमेरिका में सुप्रीम कोर्ट गर्भपात के अधिकार को खत्म करने जा रही है. ये जानकारी उस लीक हुए ड्राफ्ट से हासिल हुई है, जो बहुमत के विचार के आधार पर बना है, और जिसके प्रभाव में आने के बाद 50 साल से संविधान के ज़रिये मिली यह आज़ादी खत्म हो सकती है. Politico के पास मौजूद इस ड्राफ्ट को जस्टिस सैमुअल अलीटो ने लिखा था और इसे कन्ज़रवेटिवों के बहुमत वाले कोर्ट में वितरित किया गया था. 98-पृष्ठीय ड्राफ्ट में बहुमत का विचार है कि 1973 के रो बनाम वेड मामले में दिया गया गर्भपात का अधिकार 'शुरुआत से ही पूरी तरह गलत है...'
पोलिटिको वेबसाइट पर प्रकाशित जस्टिस सैमुअल अलीटो के "Opinion of the Court" नामक दस्तावेज में लिखा गया है कि हम मानते हैं कि रो और केसी (Roe and Casey) को खारिज कर दिया जाना चाहिए," "ये संविधान पर ध्यान देने और गर्भपात के मुद्दे को लोगों के चुने हुए प्रतिनिधियों को वापस करने का समय है. सैमुअल अलीटो ने लिखा कि निष्कर्ष ये है कि गर्भपात का अधिकार राष्ट्र के इतिहास और परंपराओं में गहराई से आधारित नहीं है."
ये भी पढ़ें- ‘‘वो कौन सा पंजा था, जो 85 पैसे घिस लेता था'- बर्लिन से PM मोदी ने कांग्रेस पर साधा निशाना
रो बनाम वेड में, देश की सर्वोच्च अदालत ने कहा था कि गर्भपात एक महिला का संवैधानिक अधिकार है. 1992 में Planned Parenthood v. Casey में अदालत ने एक महिला के गर्भपात के अधिकार की गारंटी दी जब तक कि गर्भ के बाहर भ्रूण व्यवहार्य (viable) न हो, जो आमतौर पर गर्भधारण के लगभग 22 से 24 सप्ताह का होता है.
दिसंबर में सुप्रीम कोर्ट ने Mississippi कानून के बारे में दलीलें सुनकर, जो 15 सप्ताह के बाद अधिकांश गर्भपात पर प्रतिबंध लगा देगा. सुप्रीम कोर्ट के रूढ़िवादी बहुमत न केवल कानून को बनाए रखने के लिए बल्कि Roe v. Wade को बाहर करने के लिए इच्छुक दिखाई थी.
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा तीन न्यायाधीशों के नामांकन के बाद रूढ़िवादियों के वर्चस्व वाली नौ सदस्यीय अदालत के जून तक मिसिसिपी मामले में फैसला जारी करने की उम्मीद है. पोलिटिको ने अदालत के विचार-विमर्श से परिचित एक व्यक्ति का हवाला देते हुए कहा कि चार अन्य रूढ़िवादी न्यायाधीशों - क्लेरेंस थॉमस, नील गोरसच, ब्रेट कवानुघ और एमी कोनी बैरेट - ने बहुमत की राय के पहले मसौदे के लेखक अलीटो के साथ मतदान किया था. पोलिटिको ने जोर देकर कहा कि उसे जो दस्तावेज प्राप्त हुआ है वे एक मसौदा है और न्यायाधीश कभी-कभी अंतिम निर्णय से पहले अपने वोट बदलते हैं.
VIDEO: पीएम मोदी जर्मनी में बोले, "भारत ने बटन दबाकर 3 दशकों की अस्थिरता समाप्त की"
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं