प्रतीकात्मक चित्र
न्यूयॉर्क:
अमेरिकन एयरलाइंस की एक उड़ान से एक सिख व्यक्ति और उसके तीन मुस्लिम मित्रों को इसलिए बाहर कर दिया गया, क्योंकि उनके हुलिए से पायलट परेशान हो गया था। अब इन लोगों ने एयरलाइन कंपनी के खिलाफ 90 लाख डॉलर का मुकदमा दायर किया है।
सीएनएन ने मंगलवार को बताया कि शान आनंद (सिख) तथा उसके तीन दोस्तों - फैमुल आलम, एक बांग्लादेशी मुस्लिम और एक अरब मुस्लिम (सभी अमेरिकी नागरिक) को पिछले महीने उनकी कथित नस्ल, रंग और जातीयता के आधार पर टोरंटो से न्यूयॉर्क जाने वाली उड़ान संख्या 44718 से उतार दिया गया था। बांग्लादेशी मुस्लिम और अरब मुस्लिम की पहचान उनके संक्षिप्त नामों डब्ल्यू.एच और एम.के से की गई।
आनंद और आलम ने अज्ञात व्यक्तियों से अपनी सीटें बदल लीं, ताकि वे डब्ल्यू.एच और एम.के के साथ बैठ सकें।
ब्रुकलिन फ्रेडल कोर्ट में सोमवार को दायर मुकदमे के अनुसार कई मिनट बाद एक श्वेत महिला उड़ान सहायिका ने डब्ल्यूएच से कहा कि वह विमान से नीचे उतर जाए। जब उन्होंने चालक दल के सदस्यों से पूछा कि उन्हें क्यों उतारा जा रहा है तो उड़ान सहायिका ने उनसे कहा कि वे 'शांतिपूर्ण तरीके से' बाहर निकल जाएं और कहा कि वे प्रवेश द्वार पर लौट जाएं और आगे के निर्देशों का इंतजार करें।
डब्ल्यू.एच ने कहा, इससे मुझे ऐसा लगा जैसे मैं एक अपराधी हूं। यह ऐसा था जैसे मुझे कहीं बिठा दिया गया, जहां सब मुझ पर उंगलियां उठा रहे हैं। मैं इस बात से डर गया था। सीएनएन की खबर के अनुसार, विमान के उड़ान भरने के बाद एयरलाइन के एक एजेंट ने उन लोगों से कहा, वे विमान में इसलिए सवार नहीं हो सके, क्योंकि चालक दल के सदस्य और विशेष तौर पर कैप्टन को विमान में उनकी मौजूदगी से परेशानी हो रही थी और उसने तब तक उड़ान भरने से इनकार कर दिया जब तक कि उन्हें उड़ान से उतार नहीं दिया जाता।
अदालत में दाखिल शिकायत में आरोप लगाया गया है कि आलम और आनंद के आसपास जमा हुए अन्य विमान यात्री नस्ली टिप्पणी कर रहे थे और अपने बच्चों को ऐसे संभाले हुए थे जैसे कुछ होने वाला हो। चारों ने यह आरोप लगाते हुए क्षतिपूर्ति की मांग की है कि एयरलाइन ने उनकी कथित नस्ल, रंग, जातीयता, राष्ट्रीय मूल के आधार पर उनका निरादर किया। उड़ान का संचालन रिपब्लिक एयरवेज ने किया, जो अमेरिकन एयरलाइंस का क्षेत्रीय भागीदार है।
सीएनएन ने मंगलवार को बताया कि शान आनंद (सिख) तथा उसके तीन दोस्तों - फैमुल आलम, एक बांग्लादेशी मुस्लिम और एक अरब मुस्लिम (सभी अमेरिकी नागरिक) को पिछले महीने उनकी कथित नस्ल, रंग और जातीयता के आधार पर टोरंटो से न्यूयॉर्क जाने वाली उड़ान संख्या 44718 से उतार दिया गया था। बांग्लादेशी मुस्लिम और अरब मुस्लिम की पहचान उनके संक्षिप्त नामों डब्ल्यू.एच और एम.के से की गई।
आनंद और आलम ने अज्ञात व्यक्तियों से अपनी सीटें बदल लीं, ताकि वे डब्ल्यू.एच और एम.के के साथ बैठ सकें।
ब्रुकलिन फ्रेडल कोर्ट में सोमवार को दायर मुकदमे के अनुसार कई मिनट बाद एक श्वेत महिला उड़ान सहायिका ने डब्ल्यूएच से कहा कि वह विमान से नीचे उतर जाए। जब उन्होंने चालक दल के सदस्यों से पूछा कि उन्हें क्यों उतारा जा रहा है तो उड़ान सहायिका ने उनसे कहा कि वे 'शांतिपूर्ण तरीके से' बाहर निकल जाएं और कहा कि वे प्रवेश द्वार पर लौट जाएं और आगे के निर्देशों का इंतजार करें।
डब्ल्यू.एच ने कहा, इससे मुझे ऐसा लगा जैसे मैं एक अपराधी हूं। यह ऐसा था जैसे मुझे कहीं बिठा दिया गया, जहां सब मुझ पर उंगलियां उठा रहे हैं। मैं इस बात से डर गया था। सीएनएन की खबर के अनुसार, विमान के उड़ान भरने के बाद एयरलाइन के एक एजेंट ने उन लोगों से कहा, वे विमान में इसलिए सवार नहीं हो सके, क्योंकि चालक दल के सदस्य और विशेष तौर पर कैप्टन को विमान में उनकी मौजूदगी से परेशानी हो रही थी और उसने तब तक उड़ान भरने से इनकार कर दिया जब तक कि उन्हें उड़ान से उतार नहीं दिया जाता।
अदालत में दाखिल शिकायत में आरोप लगाया गया है कि आलम और आनंद के आसपास जमा हुए अन्य विमान यात्री नस्ली टिप्पणी कर रहे थे और अपने बच्चों को ऐसे संभाले हुए थे जैसे कुछ होने वाला हो। चारों ने यह आरोप लगाते हुए क्षतिपूर्ति की मांग की है कि एयरलाइन ने उनकी कथित नस्ल, रंग, जातीयता, राष्ट्रीय मूल के आधार पर उनका निरादर किया। उड़ान का संचालन रिपब्लिक एयरवेज ने किया, जो अमेरिकन एयरलाइंस का क्षेत्रीय भागीदार है।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं