
फाइल फोटो
संयुक्त राष्ट्र:
संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि इराक और सीरिया से बारूदी सुरंगों, देसी बमों और अन्य जिंदा बमों का सफाया करने में 40 से 50 वर्ष का समय लगेगा. संयुक्त राष्ट्र की 'माइन एक्शन सर्विस' की निदेशक एग्नेस मार्केलो ने कहा, ''हमें यहां दशकों तक काम करना होगा जैसे कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यूरोप में अभी तक कुछ जिंदा बम यहां-वहां पाए जाते हैं.''
'अंतरराष्ट्रीय माइन अवेयरनेस डे' के मौके पर उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उनके कार्यालय का अनुमान है कि इराक में इस्लामिक स्टेट चरमपंथी समूहों के कब्जे से छुड़ाए गए इलाकों की साफ-सफाई के लिए 17 करोड़ डॉलर से 18 करोड़ डॉलर का खर्चा आएगा.
मार्केलो ने कहा कि इस आंकड़े में मोसुल की सुरक्षा के लिए सालाना 5 करोड़ डॉलर की राशि शामिल है. मोसुल पर अब भी आंशिक रूप से इस्लामिक स्टेट समूह का कब्जा है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
'अंतरराष्ट्रीय माइन अवेयरनेस डे' के मौके पर उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उनके कार्यालय का अनुमान है कि इराक में इस्लामिक स्टेट चरमपंथी समूहों के कब्जे से छुड़ाए गए इलाकों की साफ-सफाई के लिए 17 करोड़ डॉलर से 18 करोड़ डॉलर का खर्चा आएगा.
मार्केलो ने कहा कि इस आंकड़े में मोसुल की सुरक्षा के लिए सालाना 5 करोड़ डॉलर की राशि शामिल है. मोसुल पर अब भी आंशिक रूप से इस्लामिक स्टेट समूह का कब्जा है.
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