इस्लामाबाद:
पाकिस्तानी अधिकारियों ने रावलपिंडी स्थित एक आतंकवाद निरोधी न्यायालय को मुम्बई हमले में शामिल आतंकवादियों द्वारा लश्कर-ए-तैयबा के शिविरों में प्राप्त किए गए प्रशिक्षण के बारे में विस्तृत जानकारी दी है।
समाचार पत्र डॉन द्वारा रविवार को जारी रपट के अनुसार, न्यायाधीश चौधरी हबीबुर रहमान ने अपराध जांच विभाग के पांच निरीक्षकों के बयान दर्ज किए, जो कि अभियोजन पक्ष के गवाह हैं।
निरीक्षकों ने बताया कि आरोपियों ने कराची, मनसेहरा, थत्ता और मुजफ्फराबाद में स्थित लश्कर के शिविरों में प्रशिक्षण प्राप्त किए थे। प्रशिक्षण प्राप्त करने वालों में कथित मास्टरमाइंड जकीउर रहमान लखवी भी शामिल था।
न्यायालय को बताया गया कि ओकारा जिले का निवासी लखवी विस्फोटक इस्तेमाल करने का विशेषज्ञ है। वह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में लश्कर का कमांडर रह चुका है।
निरीक्षकों ने न्यायालय को बताया कि कुछ आरोपियों को कराची के गदप कस्बे के पास समुद्र में भी प्रशिक्षण दिया गया था।
संघीय जांच एजेंसी के विशेष अभियोजक चौधरी जुल्फिकार अली ने न्यायालय को बताया कि गवाहों ने बगैर किसी दबाव के अपने बयान दर्ज कराए।
समाचार पत्र डॉन द्वारा रविवार को जारी रपट के अनुसार, न्यायाधीश चौधरी हबीबुर रहमान ने अपराध जांच विभाग के पांच निरीक्षकों के बयान दर्ज किए, जो कि अभियोजन पक्ष के गवाह हैं।
निरीक्षकों ने बताया कि आरोपियों ने कराची, मनसेहरा, थत्ता और मुजफ्फराबाद में स्थित लश्कर के शिविरों में प्रशिक्षण प्राप्त किए थे। प्रशिक्षण प्राप्त करने वालों में कथित मास्टरमाइंड जकीउर रहमान लखवी भी शामिल था।
न्यायालय को बताया गया कि ओकारा जिले का निवासी लखवी विस्फोटक इस्तेमाल करने का विशेषज्ञ है। वह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में लश्कर का कमांडर रह चुका है।
निरीक्षकों ने न्यायालय को बताया कि कुछ आरोपियों को कराची के गदप कस्बे के पास समुद्र में भी प्रशिक्षण दिया गया था।
संघीय जांच एजेंसी के विशेष अभियोजक चौधरी जुल्फिकार अली ने न्यायालय को बताया कि गवाहों ने बगैर किसी दबाव के अपने बयान दर्ज कराए।
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