प्रतीकात्मक तस्वीर
संयुक्त राष्ट्र:
इराक में एक जनवरी 2014 से 31 अक्टूबर, 2015 के दौरान हुए हिंसक संघर्ष में 18,800 से अधिक नागरिकों की मौत हो गई, जबकि 36,000 अन्य घायल हो गए। संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता फरहान हक ने मंगलवार को इससे संबंधित एक रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि इन 22 महीनों के दौरान 32 लाख अन्य विस्थापित हो चुके हैं, जिनमें से करीब 10 लाख स्कूल जाने वाली उम्र के बच्चे भी हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस्लामिक स्टेट, इराक के सुरक्षा बलों और सरकार समर्थक मिलिशिया के बीच जनवरी 2014 से अक्टूबर 2015 के दौरान हुए संघर्ष में हताहतों की संख्या चौंकाने वाली है। यह रिपोर्ट इराक के लिए संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन (यूएनएएमआई) और मानवाधिकार उच्चायुक्त के कार्यालय (ओएचसीएचआर) ने तैयार की है, जो पीड़ितों, जीवित बचे लोगों और चश्मदीदों से सीधे प्राप्त प्रतिक्रियाओं पर आधारित है।
रिपोर्ट में इस्लामिक स्टेट (आईएस) की क्रूर हिंसा का जिक्र किया गया है, जिसमें गोली मारने, सिर कलम करने, बुल्डोजर चला देने, जिंदा जला देने और ऊंची इमारत की छत से फेंकने जैसी हत्या की वारदातें शामिल हैं।
मानवाधिकारोंका उल्लंघन
रिपोर्ट में इराक के सुरक्षा बलों और संबद्ध बलों द्वारा भी अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकारों और अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानूनों के कथित उल्लंघन का जिक्र है। इराक के लिए संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की-मून के खास प्रतिनिधि जैन कुबिस ने एक बार फिर सभी पक्षों से नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और समस्या का समाधान ढूंढ़ने के लिए कहा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस्लामिक स्टेट, इराक के सुरक्षा बलों और सरकार समर्थक मिलिशिया के बीच जनवरी 2014 से अक्टूबर 2015 के दौरान हुए संघर्ष में हताहतों की संख्या चौंकाने वाली है। यह रिपोर्ट इराक के लिए संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन (यूएनएएमआई) और मानवाधिकार उच्चायुक्त के कार्यालय (ओएचसीएचआर) ने तैयार की है, जो पीड़ितों, जीवित बचे लोगों और चश्मदीदों से सीधे प्राप्त प्रतिक्रियाओं पर आधारित है।
रिपोर्ट में इस्लामिक स्टेट (आईएस) की क्रूर हिंसा का जिक्र किया गया है, जिसमें गोली मारने, सिर कलम करने, बुल्डोजर चला देने, जिंदा जला देने और ऊंची इमारत की छत से फेंकने जैसी हत्या की वारदातें शामिल हैं।
मानवाधिकारोंका उल्लंघन
रिपोर्ट में इराक के सुरक्षा बलों और संबद्ध बलों द्वारा भी अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकारों और अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानूनों के कथित उल्लंघन का जिक्र है। इराक के लिए संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की-मून के खास प्रतिनिधि जैन कुबिस ने एक बार फिर सभी पक्षों से नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और समस्या का समाधान ढूंढ़ने के लिए कहा।