महेंद्र सिंह धोनी का फाइल फोटो...
कोलकाता:
बेहतरीन तैयारियां, शानदार फॉर्म और घरेलू सरजमीं पर खेलने के फायदे से भारतीय टीम विश्व टी-20 में खिताब के प्रबल दावेदार के रूप में उतर रही है, लेकिन कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने आज कहा कि इस प्रारूप की अस्थिर प्रकृति के कारण कुछ भी तय मानकर चलने का जोखिम नहीं उठाया जा सकता है।
भारत ने ऑस्ट्रेलिया को उसकी सरजमीं पर टी-20 श्रृंखला में हराया, फिर श्रीलंका को अपने मैदानों पर मात दी और हाल में बांग्लादेश में एशिया कप जीता। इस दौरान धोनी की टीम ने केवल एक मैच गंवाया और इस तरह से वह साल 2007 के बाद दूसरा विश्व टी-20 खिताब जीतने की मजबूत स्थिति में दिख रही है।
धोनी ने टूर्नामेंट से पहले की प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'मुझे लगता है कि हम अभी छठे गियर में (बेहतरीन फार्म) चल रहे हैं। टेक्नोलॉजी आठवें गियर तक चली गई है, लेकिन मैदान पर हम जो कुछ कर रहे हैं तो यह खेल के किसी भी स्तर के लिए पर्याप्त है। हमें यह देखना होगा कि पहली गेंद से हमारा फोकस होना चाहिए। मेरा मानना है कि प्रत्येक तैयार है और अब इसे चलाने के लिए किसी अन्य गियर की आवश्यकता नहीं है। मैं प्रगति से वास्तव में खुश हूं।'
मुख्य ड्रा के मैच 15 मार्च से शुरू होंगे और भारत अपना पहला मैच इसी दिन नागपुर में न्यूजीलैंड से खेलेगा। धोनी ने कहा, 'हम यह नहीं कह सकते कि टूर्नामेंट भारत में हो रहा है तो हमारी जीत तय है। विशेषकर छोटे प्रारूप में अंतर बेहद कम हो जाता है। प्रत्येक टीम के पास मौका है। यदि हम अपनी क्षमता से खेलते हैं और अपनी रणनीतियों के अनुसार चलते हैं तो निश्चित तौर पर हमारी जीत की संभावना है।'
धोनी ने कहा कि उन्हें यह देखकर बहुत राहत मिली कि युवा जसप्रीत बुमराह और हार्दिक पंड्या तथा वापसी करने वाले आशीष नेहरा टीम की जरूरतों में फिट बैठ गए।
उन्होंने कहा, 'निश्चित तौर पर मैं खुश हूं और यह बड़ी राहत है। यह राहत की बात है कि हमारे पास डेथ ओवरों के लिए गेंदबाज हैं। अब 99 फीसदी मुझे पता होता है कि डेथ ओवरों में कौन गेंदबाजी करेगा। इससे काम आसान हो गया है। पूरा गेंदबाजी विभाग अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। मुझे बहुत अधिक दिमाग नहीं लगाना पड़ता है। विश्व कप 2011 में भारत के सफल अभियान के लिए तैयारियां अनुकूल नहीं थी, लेकिन अपेक्षाएं अब भी वैसी ही हैं।'
धोनी ने कहा, 'सच कहूं तो विश्व कप 2011 को याद करना मुश्किल है। जब अपेक्षाओं की बात आती है तो मुझे नहीं लगता कि ये 2011 की तुलना में कुछ कम हैं। यह याद करना मुश्किल है कि 2011 विश्व के लिए हमने कैसी तैयारियां की थी, लेकिन अभी जहां तक तैयारियों का सवाल है तो हम बेहतरीन स्थिति में हैं।' उन्होंने कहा, 'हमने ऑस्ट्रेलिया में श्रृंखला जीती। श्रीलंका से द्विपक्षीय श्रृंखला जीती और फिर एशिया कप का खिताब जीता। हम सही ट्रैक पर आगे बढ़ रहे हैं। फिटनेस एक चिंता होगी, क्योंकि फिटनेस के कारण आप अंतिम एकादश में से किसी एक को गंवा सकते हो। यदि कोई चोटिल नहीं होता तो हमें खुशी होगी।'
मैच की परिस्थितियों के अनुसार बल्लेबाजी क्रम में बदलाव किए जाने के सवाल पर धोनी ने कहा कि वह फिनिशर की भूमिका जारी रखेंगे और कम गेंदों पर बड़े हिट लगाने की कोशिश करेंगे।
भारत ने ऑस्ट्रेलिया को उसकी सरजमीं पर टी-20 श्रृंखला में हराया, फिर श्रीलंका को अपने मैदानों पर मात दी और हाल में बांग्लादेश में एशिया कप जीता। इस दौरान धोनी की टीम ने केवल एक मैच गंवाया और इस तरह से वह साल 2007 के बाद दूसरा विश्व टी-20 खिताब जीतने की मजबूत स्थिति में दिख रही है।
धोनी ने टूर्नामेंट से पहले की प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'मुझे लगता है कि हम अभी छठे गियर में (बेहतरीन फार्म) चल रहे हैं। टेक्नोलॉजी आठवें गियर तक चली गई है, लेकिन मैदान पर हम जो कुछ कर रहे हैं तो यह खेल के किसी भी स्तर के लिए पर्याप्त है। हमें यह देखना होगा कि पहली गेंद से हमारा फोकस होना चाहिए। मेरा मानना है कि प्रत्येक तैयार है और अब इसे चलाने के लिए किसी अन्य गियर की आवश्यकता नहीं है। मैं प्रगति से वास्तव में खुश हूं।'
मुख्य ड्रा के मैच 15 मार्च से शुरू होंगे और भारत अपना पहला मैच इसी दिन नागपुर में न्यूजीलैंड से खेलेगा। धोनी ने कहा, 'हम यह नहीं कह सकते कि टूर्नामेंट भारत में हो रहा है तो हमारी जीत तय है। विशेषकर छोटे प्रारूप में अंतर बेहद कम हो जाता है। प्रत्येक टीम के पास मौका है। यदि हम अपनी क्षमता से खेलते हैं और अपनी रणनीतियों के अनुसार चलते हैं तो निश्चित तौर पर हमारी जीत की संभावना है।'
धोनी ने कहा कि उन्हें यह देखकर बहुत राहत मिली कि युवा जसप्रीत बुमराह और हार्दिक पंड्या तथा वापसी करने वाले आशीष नेहरा टीम की जरूरतों में फिट बैठ गए।
उन्होंने कहा, 'निश्चित तौर पर मैं खुश हूं और यह बड़ी राहत है। यह राहत की बात है कि हमारे पास डेथ ओवरों के लिए गेंदबाज हैं। अब 99 फीसदी मुझे पता होता है कि डेथ ओवरों में कौन गेंदबाजी करेगा। इससे काम आसान हो गया है। पूरा गेंदबाजी विभाग अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। मुझे बहुत अधिक दिमाग नहीं लगाना पड़ता है। विश्व कप 2011 में भारत के सफल अभियान के लिए तैयारियां अनुकूल नहीं थी, लेकिन अपेक्षाएं अब भी वैसी ही हैं।'
धोनी ने कहा, 'सच कहूं तो विश्व कप 2011 को याद करना मुश्किल है। जब अपेक्षाओं की बात आती है तो मुझे नहीं लगता कि ये 2011 की तुलना में कुछ कम हैं। यह याद करना मुश्किल है कि 2011 विश्व के लिए हमने कैसी तैयारियां की थी, लेकिन अभी जहां तक तैयारियों का सवाल है तो हम बेहतरीन स्थिति में हैं।' उन्होंने कहा, 'हमने ऑस्ट्रेलिया में श्रृंखला जीती। श्रीलंका से द्विपक्षीय श्रृंखला जीती और फिर एशिया कप का खिताब जीता। हम सही ट्रैक पर आगे बढ़ रहे हैं। फिटनेस एक चिंता होगी, क्योंकि फिटनेस के कारण आप अंतिम एकादश में से किसी एक को गंवा सकते हो। यदि कोई चोटिल नहीं होता तो हमें खुशी होगी।'
मैच की परिस्थितियों के अनुसार बल्लेबाजी क्रम में बदलाव किए जाने के सवाल पर धोनी ने कहा कि वह फिनिशर की भूमिका जारी रखेंगे और कम गेंदों पर बड़े हिट लगाने की कोशिश करेंगे।
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