बीजेपी में शामिल हुईं रीता बहुगुणा जोशी
- 67-वर्षीय रीता बहुगुणा जोशी दिवंगत राजनेता हेमवतीनंदन बहुगुणा की बेटी हैं
- वर्ष 2007 से 2012 तक कांग्रेस की प्रदेश इकाई की अध्यक्ष रहीं
- वर्ष 2003 से अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष भी रहीं
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उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक 'बड़े उलटफेर' के तहत कांग्रेस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हो गईं, जिसे कुछ ही महीने में होने जा रहे विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है.
प्रदेश की राजनीति में 67-वर्षीय रीता बहुगुणा जोशी का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं रहा है. इतिहास में स्नातकोत्तर तथा पीएचडी की उपाधियां अर्जित करने वाली रीता राज्य के दिवंगत दिग्गज राजनेता हेमवतीनंदन बहुगुणा की पुत्री हैं, और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रह चुके विजय बहुगुणा की बहन हैं. इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में मध्यकालीन तथा आधुनिक इतिहास की प्रोफेसर रहीं रीता वर्ष 1995 से 2000 तक इलाहाबाद की महापौर (मेयर) भी रही हैं.
वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में लखनऊ कैंट विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस की टिकट पर जीतीं रीता ने गुरुवार को ही विधायक पद से इस्तीफा देने की घोषणा की है. वह कांग्रेस की दिग्गज नेताओं में शुमार की जाती रही हैं, और वर्ष 2007 से 2012 तक पार्टी की प्रदेश इकाई की अध्यक्ष भी रहीं. इसके अलावा रीता वर्ष 2003 से अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष भी रही हैं.
ब्राह्मणों में अच्छी पकड़ रखने वाली रीता बहुगुणा जोशी राष्ट्रीय महिला परिषद की उपाध्यक्ष भी रह चुकी हैं, और उन्हें संयुक्त राष्ट्र की ओर से 'दक्षिण एशिया की सर्वाधिक प्रतिष्ठित महिलाओं' में शुमार भी किया गया था.
बीजेपी में शामिल होने के कारण गिनाते हुए गुरुवार को रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के सब कुछ संभालने के वक्त तक कोई परेशानी नहीं थी, लेकिन कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के आगे आ जाने के बाद से कांग्रेस में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है. बीजेपी ने भी उन्हें पार्टी में शामिल कर ब्राह्मण मतदाताओं को रिझाने की कोशिश की है, जबकि पिछड़े मतदाताओं पर पकड़ बनाने के उद्देश्य से उन्होंने केशवप्रसाद मौर्य को पार्टी की प्रदेश इकाई का कार्यभार सौंपा था.
वैसे, 22 जुलाई, 1949 को उत्तराखंड में जन्मीं रीता बहुगुणा जोशी भी अन्य राजनेताओं की तरह 'गिरफ्तारियों' से दूर नहीं रही हैं. वह वर्ष 2011 में भट्टा पारसौल से कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की गिरफ्तारी के समय उन्हीं के साथ गिरफ्तार की गई थीं. उसके अलावा एक बार उन्हें वर्ष 2009 में भी गिरफ्तार किया गया था, जब उन पर बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) प्रमुख मायावती के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने का आरोप लगा था.
प्रदेश की राजनीति में 67-वर्षीय रीता बहुगुणा जोशी का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं रहा है. इतिहास में स्नातकोत्तर तथा पीएचडी की उपाधियां अर्जित करने वाली रीता राज्य के दिवंगत दिग्गज राजनेता हेमवतीनंदन बहुगुणा की पुत्री हैं, और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रह चुके विजय बहुगुणा की बहन हैं. इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में मध्यकालीन तथा आधुनिक इतिहास की प्रोफेसर रहीं रीता वर्ष 1995 से 2000 तक इलाहाबाद की महापौर (मेयर) भी रही हैं.
वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में लखनऊ कैंट विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस की टिकट पर जीतीं रीता ने गुरुवार को ही विधायक पद से इस्तीफा देने की घोषणा की है. वह कांग्रेस की दिग्गज नेताओं में शुमार की जाती रही हैं, और वर्ष 2007 से 2012 तक पार्टी की प्रदेश इकाई की अध्यक्ष भी रहीं. इसके अलावा रीता वर्ष 2003 से अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष भी रही हैं.
ब्राह्मणों में अच्छी पकड़ रखने वाली रीता बहुगुणा जोशी राष्ट्रीय महिला परिषद की उपाध्यक्ष भी रह चुकी हैं, और उन्हें संयुक्त राष्ट्र की ओर से 'दक्षिण एशिया की सर्वाधिक प्रतिष्ठित महिलाओं' में शुमार भी किया गया था.
बीजेपी में शामिल होने के कारण गिनाते हुए गुरुवार को रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के सब कुछ संभालने के वक्त तक कोई परेशानी नहीं थी, लेकिन कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के आगे आ जाने के बाद से कांग्रेस में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है. बीजेपी ने भी उन्हें पार्टी में शामिल कर ब्राह्मण मतदाताओं को रिझाने की कोशिश की है, जबकि पिछड़े मतदाताओं पर पकड़ बनाने के उद्देश्य से उन्होंने केशवप्रसाद मौर्य को पार्टी की प्रदेश इकाई का कार्यभार सौंपा था.
वैसे, 22 जुलाई, 1949 को उत्तराखंड में जन्मीं रीता बहुगुणा जोशी भी अन्य राजनेताओं की तरह 'गिरफ्तारियों' से दूर नहीं रही हैं. वह वर्ष 2011 में भट्टा पारसौल से कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की गिरफ्तारी के समय उन्हीं के साथ गिरफ्तार की गई थीं. उसके अलावा एक बार उन्हें वर्ष 2009 में भी गिरफ्तार किया गया था, जब उन पर बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) प्रमुख मायावती के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने का आरोप लगा था.
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