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उत्तरकाशी में बादल फटने से क्यों हुई इतनी भयंकर तबाही, एक्सपर्ट से जानिए वजह

उत्तराखंड के धाराली गांव में भीषण बादल फटने की घटना सामने आई, जिससे इलाके में तेज बाढ़ आ गई और भारी तबाही मच गई.

उत्तरकाशी में बादल फटने से क्यों हुई इतनी भयंकर तबाही, एक्सपर्ट से जानिए वजह
देहरादून:

उत्तरकाशी में बादल फटने से भयंकर तबाही सामने आई है. धराली खीर गाढ़ में बादल फटने से अचानक नदी किनारे बड़ा सैलाब आया. इससे नदी किनारे बने मकान माचिस की तीलियों की तरह बह गए. धराली गांव के ऊपर बादल फटने से धराली मार्केट के साथ पूरा गांव चपेट में आया है. इसमें 50 से 60 लोगों के लापता होने की सूचना है. धराली गंगोत्री धाम के रास्ते में अहम पड़ाव है. नदी किनारे अचानक आई बाढ़ की से दर्जनों होटल और होमस्टे को नुकसान पहुंचा है. इसमें कई मजदूरों के दबे होने की आशंका भी है. उत्तराखंड में ये भीषण तबाही क्यों आई, एक्सपर्ट से जानिए-

धाराली में तबाही की वजह

भूवैज्ञानिक एसपी सती ने बताया कि हम पहले भी इसकी आशंका जता रहे थे, ये नाले का फ्लडप्लेन है. 1835 में भी इसमें इसी तरह का फ्लड आया था, इसमें फैन बन गया था. ये उसी टाइम का डिपॉजिट था. जिसके ऊपर बड़े-बड़े होटल और मकान बन गए थे. इसका एक सबूत ये भी है कि वो जो मंदिर नदी किनारे है वो मलबे के नीचे दब गया था, उसे खोद कर निकाला गया था. पहाड़ों के ग्लेशियर पर सबसे ज्यादा ग्लोबल वार्मिंग का असर पड़ा है. जहां ये तबाही हुई है, उस नाले का ढाल बहुत ज्यादा है. ऊपर ग्लेशियरों में जो बर्फ जमती थी वैसे अब नहीं जमती.

गर्मी में तो खाली हो जाते हैं लेकिन उनका मलबा रहता है. अगर बहुत तेज बारिश हो गई तो वो बहुत तेजी के साथ नीचे आता है और ऐसी ही तबाही होती है. ये पिछले साल हमने जुम्मा वाले इलाके में भी देखा जहां पूरा का पूरा पुल बह गया था. 2021 मार्च में भी हमने ऐसा ही देखा जब ऊपर से एवलांच आया था. जो तबाही आई है उसे हम स्नो रॉक ऐवलांच है. जिसने बाढ़ का रूप अख्तियार किया और इसने अपने पुराने रास्ते को वापस ले लिया. इसके रास्ते में ही लोगों ने अतिक्रमण कर घर बना लिया था. ये उसी का नतीजा है.

चारों तरफ मची चीख-पुकार

बादल फटना एक कुदरती प्रक्रिया है,लेकिन नदी किनारे ऐसे निर्माण तबाही को दावत देना है. वीडियो में दिख रहा है कि कैसे 30 सेकेंड में कैसे दर्जनों मकान बहते चले गए. पानी आते ही वहां चीख पुकार मच गई, लेकिन लोगों को भागने का मौका नहीं मिला. सैलाब के साथ बड़े बड़े पत्थर और लकड़ी के लट्ठे भी बहते हुए नीचे आए और जिनकी चपेट में आने से कई लोगों के हताहत होने की आशंका है. केंद्रीय मंत्री अजय टम्टा ने कहा कि बादल फटने से ये नुकसान हुआ है. उत्तरकाशी के धराली क्षेत्र में ये बड़ी घटना हुई है. उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बड़े पैमाने पर युद्धस्तर पर बचाव अभियान चल रहा है. एनडीआरएफ-एसडीआरएफ को बचाव कार्य में लगाया गया है. 

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