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उत्तराखंड पंचायत चुनाव में कौन जीता, कौन हारा, बीजेपी-कांग्रेस ऑफिस में भी जीत का जश्न

पंचायत चुनाव में कई दिग्गजों के बेटे बहू और पत्नियों को हर का सामना करना पड़ा तो कई को जीत मिली. भाजपा के लैंसडाउन विधायक दिलीप सिंह रावत की पत्नी जिला पंचायत किसी पर चुनाव लड़ी. लेकिन उनको कांग्रेस से करारी हार मिली. दिलीप सिंह रावत की पत्नी नीतू रावत ने जिला पंचायत सदस्य के लिए चुनाव लड़ा था. लेकिन वह चुनाव नहीं जीत सकी.

उत्तराखंड पंचायत चुनाव में कौन जीता, कौन हारा, बीजेपी-कांग्रेस ऑफिस में भी जीत का जश्न
देहरादून:

उत्तराखंड में पंचायत चुनाव के परिणाम आ चुके हैं. परिणाम में निर्दलीयों का बोलबाला रहा है. राज्य में जिला पंचायत सदस्य क्षेत्र पंचायत सदस्य और ग्राम प्रधान के लिए वोट डाले गए और जिला पंचायत सदस्यों के 358 पदों पर चुनाव हुआ. क्षेत्र पंचायत सदस्य के 2974 पदों पर चुनाव हुआ. ग्राम प्रधान के 7499 पदों पर चुनाव हुआ. लगभग लगभग 47 लाख मतदाताओं ने इस पूरे चुनाव में वोट डाला.

कुल मिलाकर 12 जिलों में तिरस्तरीय पंचायत चुनाव के परिणाम सबके सामने है, जिसमें भाजपा ने जिला पंचायत के 358 सीटों पर 320 सीटों पर समर्थित उम्मीदवार उतारा और जिसमें केवल बीजेपी 114 ही सीट जीत पाई है. केवल 35% ही उम्मीदवारों को जीत मिली.

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पंचायत चुनाव में कई दिग्गजों के बेटे बहू और पत्नियों को हर का सामना करना पड़ा तो कई को जीत मिली. भाजपा के लैंसडाउन विधायक दिलीप सिंह रावत की पत्नी जिला पंचायत किसी पर चुनाव लड़ी. लेकिन उनको कांग्रेस से करारी हार मिली. दिलीप सिंह रावत की पत्नी नीतू रावत ने जिला पंचायत सदस्य के लिए चुनाव लड़ा था. लेकिन वह चुनाव नहीं जीत सकी.

अल्मोड़ा जिले के साल्ट भाजपा विधायक महेश जीना के बेटे करन जीना भी चुनाव लड़े थे. लेकिन उनको क्षेत्र पंचायत की सीट पर हर का सामना करना पड़ा. नैनीताल की बीजेपी की विधायक सरिता आर्या का बेटा भी जिला पंचायत सीट पर चुनाव लड़ा. लेकिन सरिता आर्या के बेटे को इस चुनाव में 1250 वोटों से हार का सामना करना पड़ा.

जिला पंचायत के पदों पर कांग्रेस समर्थित 200 उम्मीदवार थे, जिसमें 98 सीटों पर कांग्रेस समर्थित ने चुनाव जीता. लगभग 50% उम्मीदवारों का स्ट्राइक रेट रहा.

पूर्व कैबिनेट मंत्री और बीजेपी के नेता राजेंद्र भंडारी की पत्नी को भी जिला पंचायत सदस्य की सीट पर हर का सामना करना पड़ा है. राजेंद्र भंडारी की पत्नी रजनी भंडारी निवर्तमान चमोली जिले की जिला पंचायत अध्यक्ष थी. बीजेपी के पूर्व विधायक मालचंद की बेटी क्षेत्र पंचायत सदस्य का चुनाव भी हारी है. इसी तरह से उत्तरकाशी जिले के पूर्व भाजपा जिला अध्यक्ष सत्येंद्र राणा खुद जिला पंचायत सीट हार गए हैं. टिहरी जिले में बीजेपी की पूर्व ते भिलंगाना प्रमुख नीलम बिस्ट भी चला पंचायत सदस्य का चुनाव हार गई है.

टिहरी जिले के ही विधायक शक्ति लाल शाह का दामाद हरेंद्र शाह भी जिला पंचायत सदस्य का चुनाव हार गए हैं. इस त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में इतना ही नहीं, चंपावत जिले से भी बीजेपी के पूर्व विधायक पूरन सिंह फ़र्त्याल की बेटी जिला पंचायत का चुनाव हारी है. चंपावत जिले से ही भाजपा के पूर्व प्रमुख लक्ष्मण सिंह स्वयं, बेटा भतीजा दो बहुएं अलग-अलग क्षेत्र से पंचायत चुनाव हारे हैं.

इसके अलावा बीजेपी के रामनगर के विधायक दीवान सिंह बिष्ट की बेटी जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीती है तो वहीं कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और वर्तमान में विधायक प्रीतम सिंह के बेटे जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीते हैं.

चुनाव के परिणाम सबके सामने हैं. लेकिन शायद यह पहली बार हुआ कि बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टी के कार्यकर्ता और नेताओं ने पार्टी कार्यालय में जश्न मनाया और एक दूसरे को मिठाई खिलाई कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि यह जनता की जीत है और उन्होंने भाजपा सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ मतदान किया है. उत्तराखंड कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि बीजेपी अब धन बल और चल के जरिए ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत बनाने की कोशिश कर रही है. यानी भाजपा जनता के द्वारा दिए गए वोटो में चुनाव हार चुकी है. लेकिन फिर भी लोकतंत्र की हत्या कर सीटों पर कब्जा करना चाहती है.

पंचायत चुनाव के परिणाम पर उत्तराखंड बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि लगातार प्रदेश की जनता भाजपा को जीत रही है और यह इस बात का सबूत है कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार की नीतियों पर जनता मोहर लगा रही है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि प्रदेश में हम हर जगह चुनाव जीते हैं और हर जगह बोर्ड भी हमारा होगा.

 12 जिलों के लिए जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए ने आरक्षण तय कर दिया है.

  • देहरादून जिला पंचायत में अध्यक्ष की सीट सामान्य महिला सीट घोषित
  • अल्मोड़ा में जिला पंचायत अध्यक्ष की महिला सीट हुई घोषित 
  • बागेश्वर में महिला अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित रखी गई जिला पंचायत अध्यक्ष की सीट 
  • चंपावत और चमोली में अनारक्षित रखी गई जिला पंचायत अध्यक्ष सेट
  • नैनीताल में भी अनारक्षित रखी गई जिला पंचायत अध्यक्ष की सीट,
  • पौड़ी गढ़वाल में सामान्य महिला के लिए आरक्षित की गई जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी
  • पिथौरागढ़ में अनुसूचित जाति के लिए आज आरक्षित रखी गई जिला पंचायत अध्यक्ष के पद
  • रुद्रप्रयाग में  सामान्य महिला और टिहरी में भी सामान्य महिला के लिए सुरक्षित रखी गई कुर्सी
  • उधम सिंह नगर में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित रखी गई जिला पंचायत अध्यक्षकी कुर्सी
  • उत्तरकाशी में अनारक्षित की गई जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी

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