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उत्तराखंड में चारधाम यात्रा पर जाना कब सेफ? जानिए मौसम विभाग का अपडेट क्या है

राज्य में अधिकांश नदियां उफान पर हैं. गंगा और उसकी सहायक नदियां जैसे मंदाकिनी और अलकनंदा समेत कई नदियों का जलस्तर खतरे के निशान के ऊपर चला गया है. देहरादून समेत विभिन्न जिलों में पहली से 12वीं कक्षा तक के स्कूल और आंगनवाड़ी केंद्र मंगलवार को बंद रखे गए.

उत्तराखंड में चारधाम यात्रा पर जाना कब सेफ? जानिए मौसम विभाग का अपडेट क्या है
(फाइल फोटो)
  • उत्तराखंड में लगातार मूसलाधार बारिश से देहरादून, चंपावत, नैनीताल और ऊधम सिंह नगर में अति तीव्र वर्षा हुई है
  • राज्य की प्रमुख नदियां जैसे गंगा, मंदाकिनी और अलकनंदा का जलस्तर खतरे के निशान के ऊपर पहुंच गया है
  • देहरादून सहित कई जिलों के स्कूल और आंगनवाड़ी केंद्र बंद रखे गए और चारधाम यात्रा पांच सितंबर तक स्थगित की गई है
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देहरादून:

उत्तराखंड में मंगलवार को भी मूसलाधार बारिश का सिलसिला जारी रहा, जिससे राज्य के विभिन्न हिस्सों में जनजीवन प्रभावित हुआ. मौसम विभाग ने देहरादून, चंपावत, नैनीताल और ऊधम सिंह नगर जिलों में तीव्रत से अति तीव्र स्तर की वर्षा होने की चेतावनी जारी की है. इन जिलों में पिछले कई दिनों से लगातार बारिश हो रही है.

राज्य में अधिकांश नदियां उफान पर हैं. गंगा और उसकी सहायक नदियां जैसे मंदाकिनी और अलकनंदा समेत कई नदियों का जलस्तर खतरे के निशान के ऊपर चला गया है. देहरादून समेत विभिन्न जिलों में पहली से 12वीं कक्षा तक के स्कूल और आंगनवाड़ी केंद्र मंगलवार को बंद रखे गए.

चारधाम यात्रा को भी पांच सितंबर तक स्थगित कर दिया गया है, क्योंकि आगामी दिनों में भी इसी तरह का मौसम रहने का पूर्वानुमान जताया गया है. मौसम विभाग के अनुसार, पिछले 24 घंटे में नैनीताल जिले में सबसे अधिक वर्षा दर्ज की गई. जिले के हल्द्वानी में 116.6 मिलीमीटर, छोरगलिया में 118 मिलीमीटर, नैनीताल शहर में 114 मिलीमीटर, मुक्तेश्वर में 98.4 मिलीमीटर, ऊधम सिंह नगर के खटीमा में 92.5 मिलीमीटर, बेतालघाट में 85 मिलीमीटर, मुनस्यारी में 82.4 मिलीमीटर और पिथौरागढ़ में 74.1 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई.

हल्द्वानी में गौला नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 20 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया है, वहीं हरिद्वार और ऋषिकेश में गंगा नदी का जलस्तर भी खतरे के निशान के करीब है. अधिकारियों ने बताया कि गौला बैराज से 44,124 क्यूसेक पानी बह रहा है और बैराज के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है.

हरिद्वार में गंगा नदी का जलस्तर 293.07 मीटर, जबकि ऋषिकेश में 339.70 मीटर पर पहुंच गया है और यह दोनों स्थानों पर खतरे के निशान से लगभग एक मीटर नीचे है. अलकनंदा और मंदाकिनी नदियां (रुद्रप्रयाग), सोंग नदी (देहरादून), बांगंगा (हरिद्वार) और गौरीगंगा नदी (पिथौरागढ़ के बंगापानी क्षेत्र में) का जलस्तर भी खतरे के निशान के करीब है.

इस वर्ष उत्तराखंड में मानसून ने काफी कहर बरपाया है. प्राकृतिक आपदाओं में अब तक 79 लोगों की मौत हो चुकी है, 114 लोग घायल हुए हैं और 95 लोग लापता हैं.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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