हिमालयी शहर जोशीमठ के सिंगधर वार्ड में शुक्रवार की शाम को एक मंदिर ध्वस्त हो गया. अधिकारियों ने इस बात की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि स्थानीय निवासी इस घटना के बाद आगे चलकर एक बड़ी आपदा के होने के डर के साए में जी रहे है.
स्थानीय निवासी के अनुसार घटना के वक्त मंदिर के अंदर कोई मौजूद नहीं था. मंदिर को बड़ी बड़ी दरारें आने के बाद खाली कर कर दिया गया था. आपदा प्रबंधन अधिकारियों ने कहा कि कई घरों में बड़ी दरारें आ गई हैं. ऐसे में करीब 50 परिवारों को सुरक्षित जगहों पर ले जाया गया है.
इन सबसे इतर, विष्णु प्रयाग जल विद्युत परियोजना के 60 कर्मचारियों के परिवार को कहीं और शिफ्ट कर दिया गया है. परियोजना के निदेशक पंकज चौहान ने इस बात की जानकारी दी.
मारवाड़ी इलाका जहां तीन दिन पहले एक जलभृत फूटा था, वो सबसे ज्यादा प्रभावित है. वहां के कई घर अलग-अलग डिग्री में क्षतिग्रस्त हो गए जबकि जलभृत से पानी लगातार पूरे फोर्स के साथ नीचे बह रहा है.
इधर, इन घटनाओं के बाद स्थानीय निवासियों की मांग पर अगले आदेश तक चारधाम ऑल वेदर रोड (हेलंग-मारवाड़ी बाईपास) और एनटीपीसी की पनबिजली परियोजना जैसी मेगा परियोजनाओं से संबंधित सभी निर्माण कार्य को रोक दिया गया है.
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