उत्तराखंड में पैरोल पर छोड़े गए कैदी जेल प्रशासन के लिए सिरदर्द बने हुए हैं क्योंकि 500 से ज्यादा कैदी वापस जेल नहीं लौटे हैं. दरअसल कोरोना काल में राज्य की अलग अलग जेलों से बड़ी संख्या में 2021 में कैदियों को पैरोल पर छोड़ा गया था. अब ऐसे में मामले की गंभीरता को समझते हुए पैरोल पर छोड़े गए कैदियों को वापस जेल में लेन के लिए निर्देश दिए गए है. इस तरह की जेलों से निकले 500 से ज़्यादा कैदियों की वापसी का अब तक इंतज़ार हो रहा है.
अंतरिम जमानत पर छोड़े गए थे कैदी
इनमें से 81 अदालत से सज़ा याफ़्ता कैदी हैं जो पैरोल पर छोड़े गए और तकरीबन 500 विचाराधीन कैदी हैं. जिनको अंतरिम ज़मानत दी गई, लेकिन कोई नहीं लौटा. आईजी नीलेश आनंद भरणे ने कहा कि यह बात निश्चित तौर पर सही है कि जेल के द्वारा और जिला पुलिस भी इस मामले में प्रयास कर रही है यह जो कोरोना काल के दौरान लगभग 81 कैदी दोष बंदी थे. जिनको पेरोल कोर्ट द्वारा दी गई थी. लेकिन वह वापस नहीं आए. इसके अलावा कुछ अंडर ट्रायल भी होते हैं वह करीबन 500 की संख्या है जिनको जमानत दी गई थी वह भी वापस जेल नहीं आए.
फरार कैदियों की तलाश जारी
इनकी कोई जानकारी भी नहीं मिल पा रही है. ऐसे में इनकी जेल में वापसी के लिए पुलिस को निर्देश दिए गए हैं. ऐसे सभी लोगों को जेल और पुलिस द्वारा वापस लाने का प्रयास किया जा रहा है. जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने इस बारे में बताया कि पुलिस उनको तलाश कर रही है जो लोग फरार है, जो कोरोना कल के बाद वापस नहीं आए हैं. पुलिस उनको अरेस्ट करेगी जरूरत पड़ी तो उनके खिलाफ इनाम भी घोषित किया जाएगा.
प्रशासन पर उठने लगे सवाल
अब जब इतना लंबा वक्त बीत जाने पर भी कैदी वापस नहीं लौटे ये सवाल उठ रहा है कि इतनी बड़ी संख्या में पैरोल पर या फिर जमानत पर छोड़े गए कैदियों के खिलाफ जेल प्रशासन ने कोई कार्रवाई क्यों नहीं की. अब जब मामला बढ़ रहा है तो उनको वापस लाने की बात की जा रही है पर सवाल तो यही है कि आखिर इतने लंबे वक्त बाद कैसे उनकी लोकेशन मिल पाएगी और इतनी बड़ी संख्या में कैदियों को वापस लाया जा सकेगा.
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