
- केदारनाथ धाम यात्रा के दौरान हेलीकॉप्टर टिकट बुकिंग के नाम पर चार आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है
- आरोपियों ने फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया पर झांसा देकर यात्रियों से एक लाख नब्बे हजार से अधिक की ठगी की
- ठगी का शिकार हुए यात्रियों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने गहन जांच शुरू की
केदारनाथ धाम की यात्रा के दौरान यात्रियों से हेलीकॉप्टर बुकिंग के नाम पर ठगी करने वाले चार आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. आरोपियों ने फेसबुह समेत अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर हेलीकॉप्टर टिकट बुकिंग का झांस दिया था. इस झांसे में आकर कुछ यात्रियों ने 1 लाख 90 हजार से अधिक की टिकट बुकिंग की और ठगी का शिकार हो गए. इतना ही नहीं उन्हें कोई टिकट भी नहीं मिली जिसके बाद उन्होंने पुलिस में मामला दर्ज कराया.
दरअसल, केदारनाथ धाम यात्रा की शुरुआत के सात ही साइबर ठक भी सक्रिय हो जाते हैं. ठग यात्रियों को केदारनाथ धाम पहुंचने को लेकर जानकारी की कमी का फायदा उठाते हैं और इस तरह ठगी करते हैं. वैसे तो हेलीकॉप्टर टिकटों की ऑनलाइन बिक्री के लिए आईआरसीटीसी को अधिकृत किया गया है लेकिन साइबर ठग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर यात्रियों को टिकट दिलाने का झांसा देकर किसी न किसी तरह से ठगी कर लेते हैं.
ऐसा ही एक प्रकरण इस बार की केदारनाथ धाम यात्रा के शुरुआती दिनों में हुआ. शिकायतकर्ता सूर्यप्रकाश मिश्रा निवासी सूरत, गुजरात ने थाना गुप्तकाशी पर शिकायत दर्ज करायी कि उन्होंने फेसबुक पर पवनहंस की साइट देखी, जिस पर क्लिक करने से व्हट्सएप पर चैटिंग करते हुए 32 लोगों को टिकट दिलाने की बात फाइनल हुई. सामने वाले व्यक्ति द्वारा अकाउंट नम्बर देते हुए रुपयों का भुगतान करने को कहा. जिसके बाद 1,91,812 दिए गए खाते में भेजे गये. पैसे देने के बाद भी इनको कोई टिकट उपलब्ध नहीं हुई और न ही पैसे लेने वालों ने इनकी कॉल रिसीव की गई.
हताश निराश होकर इनके स्तर से थाना गुप्तकाशी पर मुकदमा दर्ज कराया गया तथा इनके द्वारा किए गए भुगतान, व्हट्सएप चैटिंग इत्यादि का विवरण पुलिस को देकर अपने गन्तव्य को चले गए. ठगी के इस प्रकरण में काफी बड़ी धनराशि बैंक खाते में गई थी और इसके बाद यह राशि अलग-अगल खातों में डाली गयी थी.
थाना गुप्तकाशी पर पंजीकृत मुअसं 26/2025 धारा 318(4) 61(2) से सम्बन्धित इस अभियोग पर प्रचलित यात्रा अवधि में ही एसपी रुद्रप्रयाग अक्षय प्रल्हाद कोंडे ने सम्बन्धित विवेचक व साइबर सैल की टीम को गहनता से कार्य करने के निर्देश दिए थे. पुलिस ने इनके द्वारा वर्तमान में उपयोग किए जा रहे मोबाइल नम्बरों के आधार पर सर्विलांस व स्थानीय पुलिस की सहायता से इनको गिरफ्तार किया है. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि लगभग दो महीने के अन्दर इस केस में ट्रेल यानि एक दूसरे के लिंक को खंगाला गया और इससे सम्बन्धित वास्तविक साइबर अपराधियों तक पुलिस पहुंची है.
चेकिंग के पश्चात इनसे 18 बैंक खाते, कुछ मोबाइल इत्यादि मिले हैं. इनके बैंक खातों का विवरण ज्ञात किया गया है. इनमें से 3 लोगों को मयूरगंज उड़ीसा से और मास्टरमाइन्ड को नवादा बिहार से गिरफ्तार किया गया है. इस बार पुलिस के स्तर से प्रोएक्टिव पुलिसिंग करते हुए साइबर अपराधियों की ढूंढखोज कर उनके अकाउन्ट्स इत्यादि बन्द कराए गए और आगे भी ऐसी कार्यवाही जारी रहेगी.
उन्होंने बताया कि पुलिस ने आकर्षण गुप्ता पुत्र रंजीत प्रसाद निवासी गांव हथ्येरी पो. बिरनामा, थाना पकरीवर्मा, जिला नवादा, बिहार, अनन्त कुमार सिंह पुत्र रमेश चन्द्र सिंह निवासी ग्राम व पो. दुग्धा थाना उदला, जिला मयूरगंज, उड़ीसा, सौभाग्य शेखर महन्तो पुत्र उमेश चन्द्र महन्तो निवासी ग्राम व पो. दुग्धा, थाना उदला, जिला मयूरभंज, उड़ीसा और दौलागोबिन्दा बाघा पुत्र संतोष बाघा निवासी ग्राम गुडापाडा, पो. ऐन्लापाली, जिला बौद्ध, उड़ीसा को गिरफ्तार किया है. अभियुक्तों से मोबाइल फोन सिम कार्ड सहित, 18 संदिग्ध बैंक खाते व 3लाख की धनराशि फ्रीज, एक एटीएम कार्ड आदि बरामद हुए हैं.
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