- भारत-अमेरिका के बीच वाला युद्ध अभ्यास का यह 12वां संस्करण है
 - भारत-अमेरिका की सेनाएं हर साल व्यापक संयुक्त सैन्य अभ्यास करती हैं
 - 2 हफ्ते चलने वाले युद्धाभ्यास में दोनों तरफ से 225-225 सैनिक हिस्सा लेंगे
 
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                                                                                नई दिल्ली: 
                                        भारत और अमेरिकी सेना का संयुक्त युद्ध अभ्यास बुधवार से उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में रानीखेत के पास चौबटिया में शुरू हो रहा है. भारत और अमेरिका के बीच यह सबसे लंबा चलने वाले युद्धाभ्यासों में से एक होगा.
दोनों देशों में बारी-बारी से होने वाले युद्ध अभ्यास का यह 12वां संस्करण है. साल 2016 के इस युद्धाभ्यास में संयुक्त राष्ट्र के तय मानकों के अनुसार पहाड़ी इलाके में आतंकवाद रोधी और विद्रोह से निपटने का अभ्यास होगा. दो हफ्ते तक चलने वाले इस युद्ध अभ्यास में दोनों देशों की तरफ से 225-225 जवान शामिल होंगे.
इस अभ्यास का कार्यक्रम कुछ इस तरह तैयार किया गया है कि दोनों देशों के जवान एक-दूसरे के संगठन, हथियारों, उपकरणों और सामरिक अभ्यास से परिचित हो जाएं. इसके बाद भारतीय और अमेरिकी सैनिक संयुक्त सुनियोजित अभ्यास में हिस्सा लेंगे, जिसमें दोनों देशों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले युद्ध के तौर-तरीके शामिल होंगे. आखिर में जवान आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त अभ्यास करेंगे, जिसके बारे में भारतीय सेना का कहना है कि इसके तहत एक काल्पनिक लेकिन असल जैसी दिखने वाली परिस्थिति बनाई गई है.
 
भारत और अमेरिका हर साल व्यापक सैन्य अभ्यास करते हैं. अभी कुछ महीने पहले ही भारतीय वायु सेना ने अपने लड़ाकू विमानों को अलास्का में एक बहुराष्ट्रीय रेड फ्लैग हवाई अभ्यास में हिस्सा लेने के लिए भेजा था.
दोनों देशों की नौसेनाएं भी हर साल मालाबार सीरीज के तहत संयुक्त अभ्यास करती हैं. हाल ही में इसमें जापान को भी शामिल किया गया है.
                                                                        
                                    
                                दोनों देशों में बारी-बारी से होने वाले युद्ध अभ्यास का यह 12वां संस्करण है. साल 2016 के इस युद्धाभ्यास में संयुक्त राष्ट्र के तय मानकों के अनुसार पहाड़ी इलाके में आतंकवाद रोधी और विद्रोह से निपटने का अभ्यास होगा. दो हफ्ते तक चलने वाले इस युद्ध अभ्यास में दोनों देशों की तरफ से 225-225 जवान शामिल होंगे.
इस अभ्यास का कार्यक्रम कुछ इस तरह तैयार किया गया है कि दोनों देशों के जवान एक-दूसरे के संगठन, हथियारों, उपकरणों और सामरिक अभ्यास से परिचित हो जाएं. इसके बाद भारतीय और अमेरिकी सैनिक संयुक्त सुनियोजित अभ्यास में हिस्सा लेंगे, जिसमें दोनों देशों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले युद्ध के तौर-तरीके शामिल होंगे. आखिर में जवान आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त अभ्यास करेंगे, जिसके बारे में भारतीय सेना का कहना है कि इसके तहत एक काल्पनिक लेकिन असल जैसी दिखने वाली परिस्थिति बनाई गई है.

भारत और अमेरिका हर साल व्यापक सैन्य अभ्यास करते हैं. अभी कुछ महीने पहले ही भारतीय वायु सेना ने अपने लड़ाकू विमानों को अलास्का में एक बहुराष्ट्रीय रेड फ्लैग हवाई अभ्यास में हिस्सा लेने के लिए भेजा था.
दोनों देशों की नौसेनाएं भी हर साल मालाबार सीरीज के तहत संयुक्त अभ्यास करती हैं. हाल ही में इसमें जापान को भी शामिल किया गया है.
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