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70 कोबरा और 16 रसल वाइपर... उत्तराखंड में जहर के अवैध कारोबार का भंडाफोड़, 86 सांप जब्त

सर्प विष संग्रहण केंद्र संचालक को ज्वालापुर में एक साल के लिए सशर्त अनुमति मिली थी, जो दिसंबर 2023 में खत्म हो चुकी है. वर्तमान में उनके पास कोई वैध अनुमति नहीं थी.

70 कोबरा और 16 रसल वाइपर... उत्तराखंड में जहर के अवैध कारोबार का भंडाफोड़, 86 सांप जब्त
रुड़की में सांपों के अवैध कारोबार का भंडाफोड़.
  • उत्तराखंड के रुड़की के खंजरपुर क्षेत्र में वन विभाग ने जहरीले सांपों के अवैध कारोबार का भंडाफोड़ किया है.
  • गोदाम से 86 जहरीले सांप बरामद किए गए जिनमें कोबरा और रसल वाइपर प्रमुख हैं.
  • सांपों के व्यापार का लाइसेंस एक्सपायर हो चुका था और गोदाम का मालिक मौके पर नहीं मिला.
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रुड़की:

उत्तराखंड के रुड़की के खंजरपुर क्षेत्र में जहरीले सांपों के अवैध कारोबार (Uttarakhand Poisonous Snakes) का भंडाफोड़ हुआ है. एक शिकायत पर कार्रवाई करते हुए वन विभाग की टीम ने गोदाम में छापा मारा और वहां से 86 ज़हरीले सांप बरामद किए, जिनमें कोबरा और रसल वाइपर शामिल हैं. टीम ने सभी सांपों को कब्जे में लेकर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है. 

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गोदाम से मिले 86 जहरीले सांप

पीएफए ऑर्गेनाइजेशन से आए शिकायतकर्ता गौरव गुप्ता की सूचना पर वन विभाग की टीम खंजरपुर स्थित एक गोदाम पर पहुंची, जहां सांपों की तस्करी का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा था. मौके पर छापेमारी में टीम को 86 सांप मिले, जिनमें 2 खतरनाक प्रजातियों वाले कोबरा और रसैल वाइपर शामिल हैं.

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लाइसेंस एक्सपायर, फिर भी सांपों का व्यापार

उप प्रभागीय अधिकारी वन विभाग रुड़की  सुनील बलूनी का कहना है कि इस व्यापार का लाइसेंस एक्सपायर हो चुका था. मौके पर गोदाम का मालिक नहीं मिला. पीएफए की शिकायत पर छापेमारी की गई थी. मामले में वाइल्ड लाइफ एक्ट के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

70 कोबरा और 16 रसल वाइपर बरामद

दरअसल सर्प विष संग्रहण केंद्र संचालक को ज्वालापुर में एक साल के लिए सशर्त अनुमति मिली थी, जो दिसंबर 2023 में खत्म हो चुकी है. वर्तमान में उनके पास कोई वैध अनुमति नहीं थी. वन विभाग की टीम ने मंगलवार को ग्राम खंजरपुर में अवैध रूप से संचालित सर्प विष संग्रहण केंद्र पर छापा मारकर 70 कोबरा और 16 रसल वाइपर को कब्जे में लिया. दोनों प्रजातियां वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 (संशोधित 2022) की अनुसूची-1 में संरक्षित हैं. कार्रवाई में पता चला कि केंद्र का संचालन नितिन कुमार के नाम पर हो रहा था. नितिन कुमार को दिसंबर 2022 में ग्राम बिशनपुर, ज्वालापुर में एक साल के लिए सशर्त अनुमति मिली थी जो दिसंबर 2023 में खत्म भी हो चुकी है.
 

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