उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)
                                                                                                                        - वर्तमान में 6 बंगले में पूर्व मुख्यमंत्रियों के परिजन रहते हैं.
 - इनमें से चार बंगले विपक्षी दलों के नेताओं के पास है.
 - SC में दायर याचिका पर कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है.
 
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                                                                                नई दिल्ली: 
                                        उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पूर्व मुख्यमंत्रियों से बंगले खाली करने के लिए कह सकती है. इसके पीछे वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला दे सकती है. शीर्ष न्यायालय ने पूर्व मुख्यमंत्रियों के बंगले खाली कराने के मामले में योगी सरकार से जवाब मांगा है. उच्चतम न्यायालय ने अगस्त 2016 में तत्कालीन सपा सरकार को पूर्व मुख्यमंत्रियों के बंगले खाली कराने के आदेश दिए थे. अखिलेश सरकार ने इस आदेश का पालन करने के बजाए उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया. सूत्रों की माने तो गत 11 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश सरकार से अपने पुराने आदेश पर जवाब तलब किया है.
इस आदेश का पालन न होने का कारण भी पूछा है. ऐसे में योगी सरकार पूर्व मुख्यमंत्रियों का बंगला खाली करा सकती है. वर्तमान में प्रदेश में 6 बंगले ऐसे हैं जिनमें पूर्व मुख्यमंत्रियों के परिजन रहते हैं. इनमें चार बंगले विपक्षी दलों के नेताओं के पास है. इनमें सपा सरंक्षक मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव, बसपा सुप्रीमो मायावती तथा कांग्रेस नेता नारायण दत्त तिवारी शामिल हैं. इसी तरह भाजपा नेताओं में पूर्व मुख्यमंत्री एवं वर्तमान में राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह एवं केन्द्रीय गृह मंत्री एवं पूर्व मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह के पास भी बंगले हैं.
ऐसे में योगी सरकार यदि पूर्व मुख्यमंत्रियों के बंगले खाली कराती है तो उसे अपने दो नेताओं राजनाथ सिंह एवं कल्याण सिंह का भी बंगला खाली कराना होगा. बताया गया है कि पूर्व मुख्यमंत्री राम प्रकाश गुप्ता के बंगले को एक ट्रस्ट के नाम आवंटित कर दिया गया है. पूर्व मुख्यमंत्री रामनरेश यादव के बंगले में भी अभी उनके परिजन रह रहे हैं जबकि इन दोनों ही नेताओं की मौत हो चुकी है.
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन सरकारी बंगले के आवंटन के मामले सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है. सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. याचिका में बंगला आवंटन के लिए सरकार के नए कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है. कोर्ट ने राज्य को चार हफ्तों में जवाब देने को कहा है. बता दें कि एक अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को बंगला खाली करने के आदेश दिए थे.
(इनपुट एजेंसियों से भी)
                                                                        
                                    
                                इस आदेश का पालन न होने का कारण भी पूछा है. ऐसे में योगी सरकार पूर्व मुख्यमंत्रियों का बंगला खाली करा सकती है. वर्तमान में प्रदेश में 6 बंगले ऐसे हैं जिनमें पूर्व मुख्यमंत्रियों के परिजन रहते हैं. इनमें चार बंगले विपक्षी दलों के नेताओं के पास है. इनमें सपा सरंक्षक मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव, बसपा सुप्रीमो मायावती तथा कांग्रेस नेता नारायण दत्त तिवारी शामिल हैं. इसी तरह भाजपा नेताओं में पूर्व मुख्यमंत्री एवं वर्तमान में राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह एवं केन्द्रीय गृह मंत्री एवं पूर्व मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह के पास भी बंगले हैं.
ऐसे में योगी सरकार यदि पूर्व मुख्यमंत्रियों के बंगले खाली कराती है तो उसे अपने दो नेताओं राजनाथ सिंह एवं कल्याण सिंह का भी बंगला खाली कराना होगा. बताया गया है कि पूर्व मुख्यमंत्री राम प्रकाश गुप्ता के बंगले को एक ट्रस्ट के नाम आवंटित कर दिया गया है. पूर्व मुख्यमंत्री रामनरेश यादव के बंगले में भी अभी उनके परिजन रह रहे हैं जबकि इन दोनों ही नेताओं की मौत हो चुकी है.
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन सरकारी बंगले के आवंटन के मामले सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है. सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. याचिका में बंगला आवंटन के लिए सरकार के नए कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है. कोर्ट ने राज्य को चार हफ्तों में जवाब देने को कहा है. बता दें कि एक अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को बंगला खाली करने के आदेश दिए थे.
(इनपुट एजेंसियों से भी)
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