फाइल फोटो
- उपचुनाव में मायावती अपनी धूर विरोधी समाजवादी पार्टी को समर्थन दे सकती है
- शनिवार को मायावती के घर एक बैठक हुई है जिसमें समर्थन पर चर्चा हुई है
- लोकसभा चुनाव में बसपा खाता नहीं खोल पाई थी
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लखनऊ:
उत्तर प्रदेश में होने वाले उप-चुनावों से पहले एक बड़ा राजनैतिक उलटफ़ेर होता दिख रहा है. ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा उपचुनाव में मायावती अपनी धूर विरोधी समाजवादी पार्टी को समर्थन दे सकती है. अब तक इसका कोई औपचारिक ऐलान नहीं हुआ है, लेकिन ख़बर है कि शनिवार को मायावती के घर एक बैठक हुई है जिसमें समर्थन पर चर्चा हुई है.
योगी और मौर्या के लिए इन वजहों से ये उपचुनाव बना सबसे बड़ी चुनौती
खबरों के मुताबिक रविवार को मायावती-अखिलेश यादव को समर्थन देने का ऐलान कर सकती हैं. इसके पहले सूबे में हुए लोकसभा चुनाव में बसपा खाता नहीं खोल पाई थी. वहीं विधानसभा चुनावों में उसकी करारी हार हुई थी, जबकि समाजवादी पार्टी की भी दोनों चुनावों में शर्मनाक हार हुई थी.
इस नए समीकरण को आने वाले लोकसभा चुनावों में बीजेपी के खिलाफ एक महागठबंधन को तौर पर देखा जा रहा है. गोरखपुर और फूलपुर में 11 मार्च को मतदान होना है, जबकि नतीजे 14 मार्च को आएंगे.
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गौरतलब है कि पिछले विधानसभा चुनाव में सपा को 28 प्रतिशत और बहुजन समाजवादी पार्टी को 22 प्रतिशत वोट मिले थे. दोनों को जोड़ ले तो ये 50 प्रतिशत वोट हो जाता है ऐसी स्थिति में बीजेपी के लिए उपचुनाव में सपा के प्रत्याशियों को हराना बेहद मुश्किल हो जाएगा.
गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीटें योगी आदित्यनाथ और केशव प्रसाद मौर्य के इस्तीफे के बाद खाली हुई हैं. दोनों नेता लोकसभा से इस्तीफा देकर उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य बन चुके हैं.
VIDEO: उत्तर प्रदेश उपचुनाव में बंटे विपक्ष से बीजेपी को मौका?
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खबरों के मुताबिक रविवार को मायावती-अखिलेश यादव को समर्थन देने का ऐलान कर सकती हैं. इसके पहले सूबे में हुए लोकसभा चुनाव में बसपा खाता नहीं खोल पाई थी. वहीं विधानसभा चुनावों में उसकी करारी हार हुई थी, जबकि समाजवादी पार्टी की भी दोनों चुनावों में शर्मनाक हार हुई थी.
इस नए समीकरण को आने वाले लोकसभा चुनावों में बीजेपी के खिलाफ एक महागठबंधन को तौर पर देखा जा रहा है. गोरखपुर और फूलपुर में 11 मार्च को मतदान होना है, जबकि नतीजे 14 मार्च को आएंगे.
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गौरतलब है कि पिछले विधानसभा चुनाव में सपा को 28 प्रतिशत और बहुजन समाजवादी पार्टी को 22 प्रतिशत वोट मिले थे. दोनों को जोड़ ले तो ये 50 प्रतिशत वोट हो जाता है ऐसी स्थिति में बीजेपी के लिए उपचुनाव में सपा के प्रत्याशियों को हराना बेहद मुश्किल हो जाएगा.
गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीटें योगी आदित्यनाथ और केशव प्रसाद मौर्य के इस्तीफे के बाद खाली हुई हैं. दोनों नेता लोकसभा से इस्तीफा देकर उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य बन चुके हैं.
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