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This Article is From Feb 07, 2022

UP Elections 2022 : हस्तिनापुर सीट किसकी? यहां से जिसकी होती है जीत, यूपी में उसकी ही बनती है सरकार

हस्तिनापुर पार्टियों के लिए यह लकी सीट बनी हुई है और यह सिलसिला कांग्रेस के जमाने से चला आ रहा है. हालांकि हस्तिनापुर के किसान विभिन्‍न मुद्दों को लेकर के राज्‍य की योगी सरकार से बेहद नाराज हैं. 

हस्तिनापुर के ग्रामीण इसे लकी सीट नहीं मानते हैं.

नई दिल्‍ली:

Uttar Pradesh Election 2022:उत्तर प्रदेश की सियासत में मेरठ जिले की हस्तिनापुर विधानसभा सीट (Hastinapur Assembly Seat) बेहद अहम है. कारण है कि इस सीट से जो भी पार्टी चुनावों में जीत हासिल करती है, वो सरकार बनाने में भी कामयाब होती है. पार्टियों के लिए यह लकी सीट बनी हुई है और यह सिलसिला कांग्रेस के जमाने से चला आ रहा है. हालांकि हस्तिनापुर के किसान विभिन्‍न मुद्दों को लेकर के राज्‍य की योगी सरकार (Yogi Government) से बेहद नाराज हैं. 

हस्तिनापुर को लकी सीट यूं ही नहीं कहा जाता है. साल 2017 में हस्तिनापुर विधानसभा सीट से बीजेपी के दिनेश खटीक ने जीत हासिल की थी और भाजपा भारी बहुमत के साथ सत्ता में पहुंची. इससे पहले 2012 में समाजवादी पार्टी के प्रभुदयाल और 2007 में बीएसपी के योगेश वर्मा ने जीत हासिल की थी. दोनों ही पार्टियां प्रदेश की सत्ता पर काबिज होने में कामयाब रही थीं. ये भी कहा जाता है कि जब तक कांग्रेस इस सीट से जीतती रही प्रदेश में सरकार भी बनाती रही. 

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हालांकि हस्तिनापुर के ग्रामीण इसे लकी सीट नहीं मानते हैं. क्षेत्र के बना गांव के लोगों का कहना है कि हमारे इलाके में विकास नहीं हुआ है. साथ ही लोगों ने आरोप लगाया कि गन्‍ना मिल वाले भुगतान नहीं करते हैं, अब जब चुनाव हैं तो बीजेपी भुगतान दिलवा रही है. 

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साथ ही लोगों को बिजली बिल को लेकर भी शिकायत है. उनका कहना है कि पहले बिजली का बिल 200 रुपये महीना आता था, लेकिन अब बिजली बिल ढाई-ढाई हजार के आ रहे हैं. साथ ही लोगों को बीजेपी के दावों में भी दम नजर नहीं आ रहा है. लोगों का कहना है कि हमने दो चुनावों में मोदी जी को वोट दिया लेकिन अभी तक उम्‍मीदें पूरी नहीं हुई है. 

ग्रामीणों का कहना है कि फसलों का वाजिब दाम भी नहीं मिल रहा है. वे सरकार में मंत्री और क्षेत्रीय विधायक दिनेश खटीक से भी नाराज हैं. उनका कहना है कि उन्‍होंने कभी आकर सुध नहीं ली. 

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