उत्तर प्रदेश के हाथरस से 47 किलोमीटर दूर फुलरई गांव में मंगलवार को बड़ा हादसा हुआ. भोले बाबा यानी नारायण साकार हरि के सत्संग में भगदड़ मचने से 116 लोगों की मौत हो गई. मृतकों में ज्यादातर महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे शामिल हैं. हाथरस में 60, एटा में 27 और अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज में 13 शव लाए गए हैं. हादसे के बाद जांच के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जांच के लिए समिति का गठन किया है. इस बीच हाथरस हादसे की कुछ तस्वीरें सामने आई हैं, जिन्हें देखकर दिल दहल जाता है.
हादसा फुलरई गांव में हुआ. पुलिस को मिली शुरुआती जानकारी के मुताबिक, सत्संग खत्म होने के बाद लोग हॉल से निकल रहे थे. पहले निकलने की होड़ में भगदड़ मच गई. लोग एक दूसरे पर आ गिरे. ज्यादातर लोगों की मौत कुचले जाने से हुई.
मृतकों को फुलरई से हाथरस के कम्युनिटी हेल्थ सेंटर यानी CHC लाया गया. अस्पताल तक टैंपो और बसों के जरिए लोगों को लाया गया. अस्पताल के बाहर इस तरह लाशें बिखरी हुई थीं.
टैम्पो में लदे शवों के बीच अपनी बच्चे अपनों की तलाश में रोते-बिलखते दिखे. कई लोगों अपने परिजन की जानकारी के लिए भटकते भी दिखे.
एटा के CMO उमेश त्रिपाठी ने बताया- "हाथरस से अब तक 27 शव एटा लाए गए. इनमें 25 महिलाएं और 2 पुरुष हैं. सत्संग में 20 हजार से अधिक लोगों की भीड़ थी."
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में संबोधन के दौरान हाथरस हादसे पर दुख जाहिर किया. पीएम मोदी ने कहा- "यूपी के हाथरस में जो भगदड़ हुई उनमें अनेक लोगों की मौत की दुखद जानकारी मिली. हादसे में मारे गए लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं."
पीएम मोदी ने कहा, "घायलों के जल्द से जल्द ठीक होने की कामना करता हूं. राज्य सरकार की देखरेख में प्रशासन राहत और बचाव कार्य में जुटा है. केंद्र के वरिष्ठ अधिकारी राज्य सरकार के संपर्क में हैं. मैं सदन के माध्यम से सभी को यह भरोसा देता हूं कि पीड़ितों की हर संभव मदद की जाएगी."
इस बीच सीएम योगी ने मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख और घायलों को 50-50 हजार की आर्थिक सहायता देने के निर्देश दिए हैं. सीएम योगी के निर्देश के बाद मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी हाथरस के लिए रवाना हो गए.
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